हर किसी का अपना लैंगिक-रुझान होता है। यानी आप किसकी तरफ यौनसंबंधी, रोमांटिक और भावनात्मक रूप से आकर्षित होते हैं। यह रुझान उन रिश्तों की तरफ होता है जिन्हें हम किसी अन्य व्यक्ति के साथ रखना चाहते हैं।
किशोरावस्था में आप अक्सर उस व्यक्ति की कल्पना करने लगते हैं जिन्हें आप पसंद करते हैं। यह कोई भी हो सकते हैं,एक लड़का या लड़की, एक मित्र, कोई जिन्हें आप जानते हों, या यहाँ तक की आपके स्कूल के शिक्षकया कोई फिल्म अभिनेता या कोई पॉप स्टार। और आप स्वयं को किसी ऐसे व्यक्ति के बारे में कल्पना करते हुए भी पा सकते हैं जो आपके ही लिंग के हों।
यह पता चलना कि आप समलैंगिक है, किसी के लिए ख़ुशी तो किसी के लिए गम का पल साबित हो सकता है, लेकिन यह कई मुद्दों पर निर्भर करता हैI इस पर पढ़िए और जानकारीI
अगर आप समलैंगिक हैं या दोनो लिंगों की तरफ आकर्षित होते हैं, तो अपने यौन संबंधो के रूझान को लेकर शायद आपने अपने खिलाफ किसी तरह का पक्षपात अनुभव किया होगा: इसे होमोफोबिया कहते हैं।
यह कहना कि, विश्व के अलग-अलग हिस्सों में लैंगिक अनुरूपता अलग-अलग दिखायी देती है, बहुत छोटी बात लगती है। लेकिन समलैंगिकों के प्रति भी सांस्कृतिक और व्यक्तिगत नजरिया व्यापक रूप से भिन्न है।
समलैंगिकता से जुड़ी कई गलत धारणाएँ हम अक्सर सुनते रहते हैं। इंटरनेट के इस युग में, समलैंगिकता विरोधी लोग मिथ्य बातों का प्रचार करते हैं, और कुछ लोग इन झांसों में आकर इन बातों को सच मान लेते हैं।
गे, लेस्बियन और समलैंगिक समुदाय के लोगों के साथ होने वाले अन्याय और भेदभाव को समझने के लिए आपको इनकी ही तरह का होना जरूरी नहीं है। उनके प्रति आपका नज़रिया स्पष्ट हो सकता है लेकिन आपको उनके साथ और उनके समर्थन में खड़े होने की भी जरूरत है।
विषमलैंगिक होने का मतलब है कि आप यौन संबंध बनाने के लिए, भावनात्मक रूप से, और रोमांटिक तरीके से अपने से विपरीत लिंग की तरफ आकर्षित होते हैं। इसे अक्सर 'सीधा होना' कहा जाता है।
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