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अंतर-जातिया शादी : पांच मुख्य तथ्य

शादी
अंतर-जातिया विवाहों कि संख्या में अब तेजी से वृद्धि देखने को मिल रही है और इसी कारण से ये ज़रूरी है कि इस के सम्बन्ध में सही जानकारी और सूचना सबको मिले। आइये पढ़ते हैं कुछ ज़रूरी तथ्य इसी सम्बन्ध में।

मुझे वो पसंद है लेकिन वो अलग जाति का है

प्यार एवं रिश्ते
मुझे एक लड़का अच्छा लगता है, लेकिन वो मेरी जाति का नहीं है। मैंने हमेशा से सोचा था कि मैं अपनी जाति में ही शादी करुँगी - शायद बचपन से यही सिखाया भी गया था। लेकिन असल में मुझे ऐसे ही किसी लड़के कि चाह थी। अगर मैं उसके बारे में सीरियस हो गयी तो? प्लीज़ मुझे गाइड करिये आंटी जी - गुड्डी (20) अम्बाला

आउटडोर सेक्स:क्या करें और क्या नहीं करें?

सेक्स करने के तरीके
चाहे अपने पुराने ख्याल के माता पिता के साथ रहना या फिर एक नए रोमांच का अनुभव, वजह जो भी हो लेकिन आउटडोर सेक्स वाकई रोमांचकारी अनुभव हो सकता है।

बिना शादी साथ रहने का निर्णय: क्या करें और क्या नहीं

प्यार एवं रिश्ते
किसी प्रेमीयुगल के लिए एक घर में एक साथ रहने का फैसला बड़ा फैसला होता है। आप एक दूसरे के प्यार में पूरी तरह डूबे हुए हैं और साथ रहने से बेहतर और क्या हो सकता है? जानिए हमारी कुछ टिप्स इस सिलसिले में...

लिंग सख्त न हो पाने से जुडी समस्या का एक गोपनीय इलाज!

सेक्स समस्याएं: कैसे निपटें इनसे
विशेषकर युवा पुरुषों में सेक्स के दौरान अंतरंगता और गोपनीयता कि कमी के कारन अक्सर लिंग के सख्त न हो पाने से जुडी समस्याएं सामने आती हैं।

अपने गोरे बॉय फ्रेंड के साथ रहने का कटु अनुभव

प्यार एवं रिश्ते
नमिता अपने जर्मन बॉयफ्रेंड के साथ पिछले दो सालों से रेह रही है। "मेरे लिए ये अनुभव मुश्किल रहा है। और ये हमारे रिश्ते कि वजह से नहीं, बल्कि इस वजह से कि दूसरे लोग हमारे रिश्ते के बारे में बहुत कुछ कहते हैं!" ऐसा उसका कहना है।

वर्जिनिटी: पांच बड़े तथ्य

वर्जिनिटी (कौमार्य)
आज भी, बहुत साड़ी सभ्यताओं में लड़की का शादी तक वर्जिन होना (कुंवारापन ना खोना) बहुत ज़रूरी माना जाता है। और वर्जिनिटी से जुड़े हुए बहुत सारे मिथ्या है, जिनके बारे में जानना बहुत ज़रूरी है। तो पढ़िए इस हफ्ते कि 'पांच बड़े तथ्यों' में वर्जिनिटी के बारे में।

'मुझे लगा मेरी योनि है ही नहीं'

सेक्स समस्याएं: कैसे निपटें इनसे
"मुझे लगभग भरोसा हो गया था कि मेरी योनि नहीं है", जैस्मीन बताती हैं। सेक्स करने के बारे में सोचकर ही मुझे कुछ अजीब सा लगने लगता था: आखिर कोई चीज़ कैसे मेरे शरीर में बिना चोट पहुंचाए प्रविष्ट कर सकती है? उनके मन के इस विचार ने उन्हें इस बारे में भयभीत कर रखा था लेकिन इसी भय ने उन्हें सच को जानने का कौतुहल भी दिया।