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मेरे चचेरे भाई का गले मिलना कुछ अजीब सा था- कहीं मैं ज़यादा तो नहीं सोच रही?

द्वारा Auntyji मार्च 28, 07:53 बजे
सवाल: आंटीजी मैं बड़ी असमंजस में हूँ, मुझे समझ नहीं आ रहा कि क्या हो रहा है। आजकल मेरा चचेरा भाई जब मुझसे गले मिलता है तो कुछ अजीब सा लगता है। कुछ अलग...मैं क्या करूँ? शीतल, 19, जयपुर

हमारा परिवार आमतौर पर बड़े प्रदर्शन में यकीन रखता है जैसे कि गले लगना या  किस करना- ये सब मेरे परिवार में सामान्य है। लेकिन आंटीजी, मेरा चचेरा भाई आजकल जब गले मिलता तो सामान्य महसूस नहीं हो पता। वो उम्र में हम सभी कजन्स में बड़ा है और नौकरी करता है।

मुझे पता नहीं क्यूँ ऐसा महसूस हो रहा है कि आजकल वो मुझे अलग नज़रिये से देख रहा है और ये बात उसके हाव भाव से पता चलने लगी है। वो परिवार का चहेता है, और उसके माता पिता भी। मुझे समझ नहीं आ रहा कि मैं क्या करूँ...अगर मैं किसी से कुछ कहूँगी तो कहीं बात बढ़ न जाये. अब तक उसने स्पष्ट रूप से कुछ किया नहीं है लेकिन बस मुझे उसकी छुअन कुछ अटपटी लग रही है...हो सकता है ऐसा कुछ न हो और मैं ज़यादा सोच रही हूँ...

आंटीजी कहती हैं...बेटे शीतल, मुझे नहीं पता कि तुम ज़यादा सोच रही हो या नहीं लेकिन इस तरह कि बातों को नज़रअंदाज़ करना बिलकुल गलत है। तुमने कुछ भी गलत नहीं किया है। अपना आत्मविश्वास बनाये रख और मेरी बात ध्यान से सुन बेटा।

तो तुझे अटपटा महसूस हो रहा है? अगर हाँ, तो इसमें कोई और संदेह कि बता ही नहीं है। बात ख़त्म। तुझे समझ आ रहा है शीतल बेटा मैं क्या कह रही हूँ? तूने अपनी समस्या हमसे साझा करके बहुत अच्छा और हिम्मत का कम किया है, क्यूंकि तुझे ये अंदाज़ा भी नहीं है कितने युवा लोग इस तरह कि यातना को झेलते हैं और किसी से कुछ नहीं कहते।

तो सबसे पहली बात, तूने कहा कि तेरे परिवार काफी खुले विचारों का है और स्नेह प्रदर्शन सामान्य है, जोकि अच्छी बात है! गर्मजोशी और दोस्ताना व्यव्हार अच्छी बात है लेकिन अगर ऐसा एक सीमा के अंदर हो तो। अक्सर ये सब या तो व्यस्कों द्वारा किया जाता है या उनकी आँखों के सामने हो रहा होता है और वो नज़रअंदाज़ कर देते हैं। मर्यादा कि सीमा न लांघे जाने कि गारंटी किसी भी परिवार में नहीं हो सकती, इसलिए इन् बातों पर ध्यान देना बेहद ज़रूरी है।

सेक्सुअल इरादा

अब जहाँ तक बात तेरे कजन कि है शीतल बेटा, दो बातें सम्भव हैं। पहली, कि शायद वो ऐसा करके पानी के गहरायी माप रहा कि तू इस बात को लेकर कोई मुद्दा बनती है या नहीं। अगर तू इस बारे में कुछ नहीं करेगी तो उसकी हिम्मत बढ़ेगी और वो इसी दिशा में आगे बढ़ेगा। शायद सिर्फ तेरे साथ ही नहीं बेटा, हो सकता है किसी और कजन या छोटी बहन के साथ।

तेरी ख़ामोशी को वो तेरी रज़ा भी समझ सकता है-"ये कुछ नहीं कह रही तो शायद ये भी यही चाहती है।" तो बेटाजी, मेरा सवाल ये है कि इस बारे में तू अपनी चुप्पी तोड़ने का इंतज़ार क्यूँ कर रही है? "उसने अभी तक ऐसा कुछ किया नहीं।" तो वो तेरे साथ सेक्सुअल इरादे से ये सब कर रहा है, ये मैंने के लिए तू किस बात का इंतज़ार कर रही है? अगर तुझे उसके चूने से ये महसूस होता है कि वो सामान्य स्नेह कि छुअन नहीं है तो ज़रूर ऐसा ही होगा शीतल। इस बात पर अपनी असमंजस का पर्दा डालकर तू उसकी हिम्मत बढ़ा रही है। क्यूंकि सच ये है कि तुझे अटपटा लग रहा है और तू असहज महसूस कर रही है, तू मानना नहीं चाहती क्यूंकि तुझे परिवार कि फ़िक्र सता रही है।

और ऐसा होना सामान्य है- तेरी जगह मैं होती तो भी ऐसा ही सोचती। ऐसी बातों का अक्सर परिवार में पतंगड़ बन जाता है और यही वजह है कि तेरे कजन जैसे लोग ऐसा करने कि हिम्मत जुटाते हैं क्यूंकि उन्हें पता है 'परिवार कि पवित्रता' ख़राब होने के डर से शीतल चुप रहेगी।

मजबूत बन

तो शीतल बेटा, तू क्या करना चाहती है? ऐसे ही चलने देगी? उससे बचती रहेगी? तू ऐसा करने कि कोशिश कर सकती है लेकिन इससे समस्या का निबटारा नहीं होगा। वो दो दिन बाद तुझसे आकर पूछेगा, कि तू उसे नज़रअंदाज़ क्यूंक कर रही है और सफाई तू दे रही होगी। वो सबके सामने ऐसा कहेगा तो भी सफाई तू दे रही होगी। और अगर उसे ये समझ आ गया कि तुझे उसका ये व्यव्हार मंजूर नहीं तो हो सकता है वो तुझे छोड़ कर घर के किसी दूसरे बच्चे या बच्ची के साथ भी ऐसा ही करे। क्या तुझे ये मंजूर होगा मेरी बिटिया?

बेटा, परिवार कि पवित्रता गयी घास चरने! उसका सामना कर उसे बता दे कि तुझे उसका ये व्यव्हार सही नहीं लगता। वो फिर भी नहीं बंद करे तो सख्त होकर उसे केह दे," भैया आप मुझे हाथ मत लगाओ या ज़यादा पास मत आओ, मुझे आपका हाथ लगाना पसंद नहीं, अगर अपने फिर से किया तो मुझे फलां को बताना पड़ेगा।" किसी भी ऐसे व्यक्ति को बताने कि धमकी देदे जिससे उसे थोडा भी डर हो। चाहे जो भी कर बेटा, लेकिन भगवान् के लिए ये सब बर्दाश्त मत कर। अपने आप के लिए खड़ी हो, अपने घर के दुसरे बच्चों के लिए खड़ी हो। ये बहुत ही संजीदा मुद्दा है बेटे, न जाने कितने लड़के और लड़की इस सब से गुज़रते हैं क्यूंकि वो चुप रेह जाते हैं। किसी और के अपराध के लिए खुद मुजरिम बने रहते हैं। किसी को बताने कि बजाय खुद को बचाते फिरते हैं। मैं जानती हूँ कि ये मुश्किल है और इसे करने के लिए हिम्मत चाहिए। मेरे विश्वास को अपनी हिम्मत बना ले बेटा और इसका बहादुरी से सामना कर और इस समस्या को हमेशा के लिए ख़त्म कर दे। ताकि फिर कोई बच्चा इस घिनौनेपन का शिकार न हो।

अगर आपको लगता है किसी व्यक्ति से आपको इस तरह के संकेत मिल रहे हैं तो क्या आपको झिझकना चाहिए? अपने विचार यहाँ लिखिए या फेसबुक पर बताइये।

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