बलात्कार भारत में महिलाओं के साथ होने वाला सबसे आम अपराध है। पिछले 20 सालों में बलात्कार के मामलों की संख्या दोगुनी हो गई है। लेकिन, कार्यकर्ताओं का मानना है कि बलात्कार की वास्तविक संख्या इससे कहीं अधिक हो सकती है। नीचे दिए गए पांच महत्वपूर्ण तथ्यों में बलात्कार के बारे में विस्तार से पढ़ें।
बलात्कार क्या है?
किसी महिला के साथ बलात्कार होने का अर्थ है उसकी सहमति के बिना उसकी योनि, गुदा या मुंह में लिंग या कोई अन्य चीज डालना।
सहमति देने का सीधा सा मतलब है कि आपके साथ जो कुछ भी हो रहा है, वह आपकी मर्जी या सहमति से हो रहा है। यदि कोई व्यक्ति आपको 'हां' कहने के लिए डराता-धमकाता है या चोट पहुंचाता है, तो यह सहमति नहीं है और ना ही चुप रह जाना सहमति है! ऐसी स्थिति में आपको उसकी धमकी से डरे बिना निर्णय लेना चाहिए। बलात्कार तब हो सकता है जब कोई आपको शारीरिक रूप से अपने साथ यौन संबंध बनाने के लिए मजबूर कर रहा हो, लेकिन वे आपको ब्लैकमेल भी कर सकते हैं, या आपको किसी दूसरे तरीके से भी धमकी भी दे सकते हैं। अगर कोई सोते समय, बेहोशी में या नशे की हालत में आपका फायदा उठाता है तो यह भी बलात्कार है।
बलात्कार के बाद क्या करें?
अगर आपके साथ बलात्कार हुआ है तो जितनी जल्दी हो सके आपको अस्पताल जाना चाहिए। बलात्कार के बाद आप नहाना चाहेंगी और अपने कपड़े उतारकर फेंकना चाहेंगी, लेकिन ऐसा न करें! आपके साथ जो हुआ उसके लिए बलात्कारी के फिंगरप्रिंट और अन्य चीजें जरूरी सबूत हैं। अपने कपड़ों को अखबार में लपेटें- प्लास्टिक में कपड़े लपेटने से सबूत मिट सकता है।
अस्पताल में, आपके एसटीडी की जांच की जाएगी, आपको एचआईवी होने से बचाने के लिए आपातकालीन गर्भनिरोधक और संभवतः पोस्ट-एक्सपोज़र प्रोफिलैक्सिस दिया जाएगा।
इसके बाद का कदम आपको चाहे कितना भी मुश्किल लगे, लेकिन आपको पुलिस स्टेशन जाना चाहिए। बलात्कार गैर कानूनी है, और बलात्कारी के खिलाफ मामला दर्ज कराने से हो सकता है की आपको यह लगे की इससे कुछ नहीं होने वाला, लेकिन आप बाद में बेहतर महसूस करेंगी। बलात्कार के डरावने अनुभव को दूर करने के लिए आपको काउंसलिंग की जरूरत भी पड़ सकती है। आप हमारे पार्टनर FPA इंडिया से संपर्क कर सकती हैं। FPA इंडिया की नजदीकी शाखा खोजने के लिए होम पेज के टॉप पर मौजूद लिस्ट देखें।
वैवाहिक बलात्कार
आमतौर पर महिलाएं अपने बलात्कारी को जानती हैं। दरअसल, वैवाहिक बलात्कार एक आम यौन उत्पीड़न है, और बहुत ही कम मामलों में इसकी रिपोर्ट दर्ज करायी जाती है। कुछ पति यह मानते हैं कि उनकी पत्नी की मर्जी हो या ना हो, लेकिन उन्हें अपनी पत्नी के साथ यौन संबंध बनाने का अधिकार है। जबकि यह सच नहीं है! चाहे पति हो या पत्नी, ना' बोलने पर इनमें से किसी को भी जबरदस्ती सेक्स करने का अधिकार नहीं है।
कुछ मामलों में वैवाहिक बलात्कार किसी अजनबी द्वारा किए गए बलात्कार से अधिक हानिकारक हो सकता है। क्योंकि यह बार-बार होता है। इसके अलावा, इससे आपका अपने पार्टनर पर भरोसा भी खत्म हो जाता है।
भारत में, वैवाहिक बलात्कार अपराध नहीं माना जाता है, जब तक कि कपल अलग नहीं हो जाते हैं। इससे भी ज्यादा चौंकाने वाली बात यह है कि कई देशों में अभी भी इसे समाज सामान्य रूप से स्वीकार करता है। लेकिन महिलाओं को उनके पति की संपत्ति नहीं माना जाना चाहिए, बल्कि उसे भी अपने खुद के निर्णय लेने का अधिकार देना चाहिए चाहे वह यौन जीवन का ही अधिकार क्यों न हो!
बलात्कार के आंकड़े
अमेरिकन मेडिकल एसोसिएशन के अनुसार, दूसरे सभी अपराधों के अपेक्षा बलात्कार के मामले सबसे कम दर्ज किए जाते हैं। ऐसा इसलिए भी होता है क्योंकि बलात्कार से कई पीड़ित कई महिलाएं इसे अपना निजी मामला मानती हैं। आमतौर पर 95 प्रतिशत बलात्कार किसी ऐसे व्यक्ति द्वारा किया जाता है जिसे पीड़िता जानती है। इसमें कोई हैरानी नहीं है कि पीड़िता बलात्कार की रिपोर्ट दर्ज करवाने के परिणाम के डर से मामला दर्ज नहीं कराती है।
बलात्कार की लगभग सभी रिपोर्ट पुरुष-महिला बलात्कार की दर्ज करायी जाती हैं। अभी हाल ही में पुरुष-पुरुष और महिला-पुरुष बलात्कार पर रिसर्च शुरू हुआ है, लेकिन अभी तक महिला-महिला बलात्कार के बारे में बमुश्किल कोई जानकारी है।
बलात्कार रोकने के लिए क्या करें
आज के समय में बलात्कार की वजहों को लेकर तीखी बहस हो रही है। क्या महिलाओं को मिनीस्कर्ट नहीं पहननी चाहिए, शराब नहीं पीनी चाहिए या अकेले बाहर नहीं जाना चाहिए? या पोर्न की वजह से महिलाओं के साथ हिंसा हो रही है?
अगर कोई देर रात तक बाहर रहता है और आपको उसके कपड़ों का लुक पसंद नहीं आता है, तो आपकी नापसंदगी की वजह से जज आपको उसकी हत्या करने की सजा माफ़ नहीं करेंगे। बलात्कार के मामले में भी ऐसा ही है। यदि आप खराब मूड में हैं तो कानून आपको लोगों को मारने की इजाजत नहीं देता है और ना ही आपको उत्तेजना महसूस होने पर बलात्कार करने की इजाजत देता है।
बलात्कार कोई छोटी घटना नहीं है और अक्सर महिलाओं को ही इसके लिए दोषी ठहराया जाता है।
लेकिन पीड़िता को दोष देना हमेशा ही गलत होता है। बलात्कार में पीड़िता की गलती नहीं होती है। पीड़ितों को पुलिस अधिकारियों द्वारा अपमानित नहीं करना चाहिए, ना ही उनके परिवार के लोगों को उन्हें अकेला छोड़ना चाहिए। यहाँ तक कि पीड़िता को बलात्कारी से शादी करने के लिए मजबूर करना भी गलत है।
हमें इस बात को स्वीकार करना चाहिए कि हर किसी को यह तय करने का अधिकार है कि उसे कब और किसके साथ यौन संबंध बनाना है। 'नहीं' का अर्थ है 'नहीं' और उस नियम का कोई दूसरा अर्थ नहीं होना चाहिए।
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