और उसने साफ़ मना कर दिया," मेरी दोस्त ने बताया। अब ये तो बड़ी मुश्किल स्थिति थी। तो उसने क्या किया?
सहज वक्ता
तो मेरी ये दोस्त शहर के एक बार में मस्ती कर रही थी। शुक्रवार की रात थी। उसने इस लड़के को बार में देखा, उसको ये लड़का बहुत आकर्षक लगा और दोनों की आँखें मिली। बस फिर तो कुछ देर में वो दोनों साथ नाच रहे थे और एक दुसरे को रिझाने के लिए बातें कर रहे थे।
"वो बहुत अच्छा लड़का था। उसका अंदाज़ भी बहुत दोस्ताना था और वो मजाकिया भी था। बस यह कह लो की वो एक सहज वक्ता था। तो जब बार बंद हुआ, उसने मुझसे पूछा की क्या मैं उसके साथ उसके घर चलकर एक ड्रिंक लूंगी, और मैंने कहा, "हाँ, क्यूँ नहीं।" तो वो दोनों साथ में घर गए और कुछ ही देर में casual sex भी थे।
सेक्स से पहले की कामुक मस्ती
"वो सेक्स से पहले की कामुक मस्ती में माहिर था। हर चीज़ में पूरा समय देना। उसने मुझे बहुत अच्छा महसूस कराया - और मेरे कान में कुछ कुछ मस्ती भरी बातें कहता रहा। तो मैं बेसब्री से इंतज़ार कर रही थी सेक्स का की आखिर कितना मज़ा आएगा," मेरी दोस्त ने कहा। तो मेरी दोस्त ने उससे पूछा की क्या वो कंडोम पहनेगा और उसने जैसे इसकी कही बात बिलकुल अनसुनी कर दी।
"मुझे ऐसा लगा जैसे उसने मेरी बात सुनी ही नहीं। मैंने फिर कहा, "क्या तुम कंडोमपहनोगे? उसने मीठी मीठी बातें की और बस वो मेरे अन्दर था। मुझे समझ ही नहीं आया की मैं क्या करूँ। मैंने कहा, "तुम रुक कर थोडा ब्रेक क्यूँ नहीं ले लेते? लेकिन उसने मेरी बात फिर अनसुनी कर दी। तो मुझे उसे ज़बरदस्ती धक्का मारकर अपने अन्दर से बाहर निकलना पड़ा," मेरी दोस्त ने कहा।
घबराहट
यह सब थोडा नाटकीय था। तो उसने कैसे रीएक्ट किया? "मुझे नहीं लगा की उसे मेरी बात समझ आ रही थी। वो बस कहता रहा, "मैं तुम्हारे अन्दर नहीं निकालूँगा।" लेकिन मैं बहुत घबरा रही थी। हम पहली बार साथ में थे और मैं उसे सिर्फ पिछले 3 तीन घंटो से ही तो जानती थी," उसने कहा।
मेरी दोस्त ने फिर उस लड़के को कहा की उसे ये सब ठीक नहीं लग रहा था। मैं बिस्तर से उठी, नहाई और कपड़े पहनकर जाने के लिए तैयार हो गयी। "ये सब इतना अजीब था! मैंने उसे कहा की मुझे घर जाना है। उसके घर से मुझे अपने घर का रास्ता भी ठीक से नहीं पता था। वो खुद बहुत हक्का-बक्का था लेकिन उसने मुझे घर छोड़ने के लिए हाँ कर दी। जब मैं घर पहुची, तब भी मैं बहुत घबरायी हुई थी," उसने कहा।
आपातकालीन गोली
उस रात वो बिलकुल नहीं सोई और बस सोचती रही की कहीं उसको कोई यौन संचारित रोग तो नहीं हो गया होगा या कहीं उस लड़के का वीर्यपात उसकी योनी में तो नहीं हो गया। "मैं सुबह सुबह मेडिकल की दुकान पर गयी और मैंने आपातकालीन गर्भनिरोधक गोलियां खरीदी। मुझे ये सब बहुत गन्दा लग रहा था। अगले 72 घंटे मेरा मन पूरी तरह ख़राब रहा, उसने कहा।
फोटो: गायत्री परमेस्वरण, © Love Matters/RNW
इस लेख में व्यक्त किये गए विचार लव मैटर्स के भी हों, यह ज़रूरी नहीं है।
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