‘वह मुझे याद दिलाती है'
ममता * घर की रोज़ी रोटी चलाती हैं। मैं कभी स्कूल नहीं गया। मैं छोटी मोटी नौकरी करके उसकी मदद करने की कोशिश करता हूं। लेकिन उसका काम अहम है। मैं जानता हूं उसके पेशे में स्वस्थ और सुरक्षित रहना जरूरी है। वह मुझे संक्रमण और एच.आई.वी से खुद को सुरक्षित रखने के बारे में बता चुकी है। लेकिन मैं कभी-कभी कॉन्डोम का इस्तेमाल करना भूल जाता हूं। वह अक्सर मुझे याद दिलाने की कोशिश करती है। लेकिन आप तो जानते ही हैं, उन हसीन पलों में अक्सर हम इसे भूल जाते हैं। आख़िर मैं भी इंसान ही हूं।
मुकेश *, 29, मुंबई
'मैं वफादार हूँ'
मैं अपने पार्टनर के साथ घर बसाना चाहता हूं और बच्चे पैदा करना चाहता हूं। शायद जल्द ही मैं उससे शादी कर लूं और फिर किसी फैक्ट्री में नौकरी कर लूं। तब उसे यह काम नहीं करना पड़ेगा। आप ये सवाल क्यों पूछते हैं? मैं बच्चे पैदा करना चाहता हूं तो मैं कॉन्डोम का इस्तेमाल क्यों करूं? मैं जानता हूं, वह अपने ग्राहकों के साथ हमेशा कॉन्डोम का इस्तेमाल करती है, इसलिए वह सुरक्षित है। मैं भी वफादार हूं। मैं बच्चे चाहता हूं इसलिए मुझे कॉन्डोम लगाने की जरूरत नहीं है। बेशक, मुझे एच.आई.वी से डर लगता है। लेकिन आस्था दीदी ने मुझे बताया कि एच.आई.वी से बचाव के लिए दवा है। जल्द ही हम दोनों उसका इस्तेमाल करेंगे। मैं उसके बच्चों का पिता बनना चाहता हूं।
अकरम *, 26, मुंबई
‘कॉन्डोम लगवाना ग्राहक पर निर्भर है’
मैं एक कारपेंटर हूं और प्लंबिंग का काम भी करता हूं। मुझे यही काम आता है पर इस लॉकडाउन में अब काम मिलना मुश्किल हो गया है। मैं सुषमा * के लिए कुछ ग्राहक लाने की कोशिश करता हूं। उसका पेशा आसान है लेकिन कभी-कभी यह सुरक्षित नहीं होता है। हम खुद को सुरक्षित रखने की कोशिश करते हैं। मैं नहीं चाहता कि ग्राहक कोई गलती या जबरदस्ती करे। मैं उन्हें कॉन्डोम का इस्तेमाल करने के लिए कहता हूं, लेकिन कभी-कभी वे सुनते नहीं हैं ...। आप तो जानते ही हैं कि पैसा कितना जरूरी है, अब तो पहले से कहीं और ज्यादा। अपना ख्याल रखने की ज़िम्मेदारी हम पर ही होनी चाहिए। कॉन्डोम एक बेहतर विकल्प है लेकिन यह ग्राहक पर निर्भर करता है।
शकील *, 32, मुंबई
‘वो कॉन्डोम लगवाना जानती हैं'
मेरे पास कुछ लड़कियां हैं जिन्हें मैं कई सालों से जानता हूं। मैं उनकी सुरक्षा का पूरा ख्याल रखता हूं और यह चाहता हूं कि अपना गुजारा चलाने के लिए उनके पास खुद के पैसे हों। आप पूछ रहे हैं कि मैं उन्हें एच.आई.वी से बचाने के लिए क्या करता हूं? यहां ज्यादातर लड़कियां कॉन्डोम का इस्तेमाल करती हैं और जो लोग कॉन्डोम का इस्तेमाल करने से मना करते हैं, वे उन ग्राहकों को झांसा देना भी जानती हैं। लड़कियां शराब के नशे में धुत ग्राहकों या अंधेरे का फायदा उठाकर या अपने मुंह का इस्तेमाल करके कॉन्डोम पहना देती हैं। हम इन बातों को जानते हैं।
क्या मैं खुद कॉन्डोम का इस्तेमाल करता हूं? बेशक, मैं करता हूं लेकिन मुझे इसकी जरूरत नहीं है। इसलिए कभी-कभी मैं नहीं करता हूं। मैं उसका ग्राहक नहीं हूं। वह मेरी पार्टनर है।
राजेश *, 35, मुंबई
‘अगर हम भूख से मर गए तो क्या होगा?'
मैं कविता का आदमी हूँ। वह पैसों के लिए यह काम करती है। अभी महामारी के कारण उसे ग्राहक नहीं मिल रहे हैं। आय का कोई दूसरा स्रोत नहीं है। इस दौरान जो ग्राहक आए भी थे, वे कॉन्डोम का इस्तेमाल नहीं करना चाहते थे। कॉन्डोम लगाने पर बेशक उतना मजा नहीं आता है। फिर वे कम मजे के लिए पैसे क्यों देंगे। मैं कई तरह के ग्राहकों को लाने के बारे में भी सोच रहा हूं। लेकिन शायद वे भी कॉन्डोम का इस्तेमाल नहीं करना चाहें। हम कई सालों से सुन रहे हैं कि कॉन्डोम बहुत जरूरी है लेकिन बिना पैसों के अगर हम भूख से मर गए तो स्वस्थ होने का क्या फायदा। क्या कोरोना और एच.आई.वी से सुरक्षित रहने का कोई दूसरा तरीका नहीं है?
कमलेश *, 28, मुंबई
तस्वीर में मौजूद व्यक्ति मॉडल हैं ।पहचान की सुरक्षा के लिए नाम बदल दिए गए हैं।
आस्था परिवार यौनकर्मियों की एक संस्था है जो विभिन्न पृष्ठभूमि, लिंग और आयु के लोगों को सुरक्षित यौन संबंधों के बारे में शिक्षित करता है। लव मैटर्स इंडिया और आस्था परिवार ने दिसंबर में एचआईवी / एड्स के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए साझेदारी की है, और यह एचआईवी / एड्स जागरूकता माह भी है। आस्था परिवार और लव मैटर्स सुरक्षित यौन प्रथाओं को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
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