यह विषय इतना विविधता भरा है कि वियना शहर ने इसके ऊपर एक संग्रहालय ही बना दिया है, जहाँ इस विषय से जुडा काफी सामग्री है| वैसे आपको कंडोम के बारे में बात करना भले ही अच्छा ना लगे, लेकिन यहां आकर आप इसके बारे में सोचने जरुर लगेंगे। हमारी साझेदार और परिवार नियोजन प्रदाता कम्पनी DKT द्वारा जारी इससे जुड़े पाँच मुख्य तथ्य-
मुंबई में बतौर सेक्स वर्कर काम कर रही येलावा के पास रोज़-रोज़ से ग्राहक आते हैं जो उसे तंग करते हैं, सफाई का ध्यान नहीं रखते और नशे में हिंसक होते हैं। कॉन्डम का उपयोग करने से इनकार कर सकते हैं। ऐसे में खुद को सेफ रखने के लिए वो क्या करती हैं? येलावा की कहानी आस्था परिवार ने लव मैटर्स के साथ शेयर की।
प्रिया मुंबई में सेक्स वर्कर है। मुश्किल के दिनों में चुने हुए इस काम पर प्रिया खेद नहीं करती। सेक्स वर्क उनके लिए अपने लक्ष्य तक पहुँचने का रास्ता है। हां मगर वो अपने काम को ज़िम्मेदारी से करती हैं और खुद को सेफ और स्वस्थ्य रखती हैं। ये आसान नहीं हैं। खासकर ग्राहकों कॉन्डोम के लिए राज़ी करना। प्रिया की कहानी आस्था परिवार ने लव मैटर्स के साथ शेयर की।
सेक्स वर्कर अपने ग्राहकों से हमेशा कॉन्डोम का इस्तेमाल करने का आग्रह करते हैं। लेकिन क्या उनके पार्टनर या ‘प्यारवाले’ (इस नाम से उन्हें जाना जाता है) उनकी बात मानते हैं? आस्था परिवार ने प्यारवालों के बीच कॉन्डोम के इस्तेमाल और सेक्स वर्कर्स के साथ उनके संबंधों को समझने के लिए उनसे बातचीत की। आइए पढ़ते हैं बातचीत के कुछ अंश।
हालांकि एचआईवी लाइलाज़ है, लेकिन फिर भी एचआईवी वायरस के संपर्क में आने से पहले और बाद में इससे होने वाले संभावित ख़तरों को कम करने के कई तरीके मौजूद हैं। इन दवाओं के कोर्स को पीआीईपी (प्री-एक्सपोजर प्रोफिलैक्सिस) और पीईपी (पोस्ट-एक्सपोजर प्रोफिलैक्सिस) के नाम से जाना जाता है।