एचआईवी के चपेट में आने से पहले- पीआरईपी (PrEP) का उपयोग करें
प्री-एक्सपोजर प्रोफिलैक्सिस या पीआरईपी एक दवा है जो उन लोगों को दी जाती है जिनमें आगे चलकर एचआईवी वायरस के संपर्क में आने का ख़तरा होता हैI जैसे कि, एचआईवी पॉजिटिव पार्टनर के साथ यौन संबंध रखने वाले, पेशेवर सेक्स वर्कर, अस्पतालों में काम करने वाले लोग, बिना कंडोम के सेक्स करने वाले लोग या जो लोग इस्तेमाल हो चुकी सुइयों का प्रयोग करते हैं।
पीआरईपी (PrEP) केवल एचआईवी निगेटिव लोगों के लिए है जिनके एचआईवी संक्रमण के चपेट में आने की संभावना अधिक रहती है। पीआरईपी दवा शरीर के रक्तप्रवाह में वायरस को प्रवेश करने से रोकती है। एचआईवी वायरस के चपेट में आने की संभावना से पहले ही दवा का कोर्स शुरु कर देना चाहिए।
पीआरपीई (PrEP) कब लें?
अधिक प्रभावशीलता के लिए पीआरपीई (PrEP) दवाओं का सेवन गुदा या योनि सेक्स के सात दिन पहले उस को लेना चाहिए जिसकी योनि या गुदा में लिंग डाला गया होI दूसरी ओर जिसने लिंग प्रवेश करना है उसे इस दवा का सेवन 20 दिन पहले करना चाहिए।
पीआरईपी शुरू करने से पहले एक एचआईवी टेस्ट की मदद से यह सुनिश्चित कर लें कि व्यक्ति पहले से एचआईवी वायरस से संक्रमित तो नहीं है और दवा शुरु करने के तीन महीने बाद भी दोबारा टेस्ट कराना चाहिए। अगर ऐसा ना किया गया तो पीआरईपी अधिक उपयोगी साबित नहीं होगा। इस दवा को रोज़ाना या फिर डॉक्टर के बताए नियम के अनुसार लेना चाहिए।
डॉक्टर आमतौर पर नियमित रुप से दिन में एक बार एक गोली भोजन करने से पहले या बाद में लेने की सलाह देते हैं। हालाँकि यह भी ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि व्यक्ति को गोली का सेवन करते समय भी सुरक्षित सेक्स करना चाहिए।
ट्रूवाडा क्या है?
ट्रूवाडा एक दवा है जो आम तौर पर पीआरईपी के लिए इस्तेमाल की जाती है। कुछ लोग पीआरईपी और ट्रूवाडा को अदल बदल कर इस्तेमाल करते हैं लेकिन यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि ट्रूवाडा, पीआरईपी के लिए एकमात्र दवा नहीं है। ऐसी एक अन्य दवा है टेनविर ईएम, जो टेनोफोविर और एमिट्रिसिटाबिन नामक दो एंटीरेट्रोवायरल दवाओं का संयोजन है।
एचआईवी के संपर्क में आने के बाद - पीईपी (PEP) का उपयोग करें
पोस्ट-एक्सपोजर प्रोफिलैक्सिस या पीईपी (PEP) भी उन लोगों के लिए है जो एचआईवी-निगेटिव हैं, लेकिन यह पीआरईपी लेने वाले लोगों के लिए नहीं बल्कि उनके लिए है जो शायद एचआईवी वायरस से संक्रमित हो चुके हैं।
व्यक्ति विभिन्न तरीकों से एचआईवी वायरस के संपर्क में आ सकता है- जैसे डॉक्टर द्वारा गलती से एचआईवी पॉजिटिव व्यक्तियों पर इस्तेमाल की गयी सूई किसी अन्य व्यक्ति को लगाना, एचआईवी पॉजिटिव व्यक्ति द्वारा किसी व्यक्ति का यौन उत्पीड़न करना, सेक्स के दौरान सेक्स वर्कर का संक्रमित होना, असुरक्षित यौन संबंध बनाना या सेक्स के दौरान अचानक कंडोम का फट जाना या लीक होना, या इंजेक्शन साझा करना इत्यादिI
पीईपी, वायरस के संपर्क में आने के बावज़ूद एचआईवी वायरस को व्यक्ति के शरीर के अंदर एचआईवी संक्रमण में विकसित होने से रोकता है।
पीईपी (PEP) कब लें?
पीईपी, जोकि एचआईवी के संभावित ख़तरों के बाद ही लिया जाता है, को ज़ोखिम की आशंका होने के 72 घंटों (तीन दिन) के भीतर या जितना जल्दी संभव हो, शुरु कर देना चाहिए। एचआईवी के संपर्क में आने के बाद पीईपी दवा लेने में जितनी देरी होती है, इस दवा की प्रभावशीलता उतनी ही कम होने लगती है।
एचआईवी वायरस के संपर्क में आने के तुरंत बाद आपको आपातकालीन चिकित्सा सुविधा लेनी चाहिए और पीईपी के लिए अनुरोध करना चाहिए। इसका कोर्स 28 दिन( चार हफ़्ते) का होता है। कोर्स समाप्त होने के बाद एचआईवी टेस्ट किया जाता है ताकि पीईपी दवा को आगे बढ़ाया जा सके और डॉक्टर के सुझाव के अनुसार तीन या छह महीने के बाद दूसरा टेस्ट किया जाता है।
अगर किसी कारणवश आप एचआईवी के संपर्क में आने के 72 घंटों के भीतर पीईपी (PEP) ना ले पाएं तो भी घबराएं नहीं। अगर एचआईवी वायरस के संपर्क में आये हुए आपको एक हफ़्ते से अधिक का समय हो गया है फिर भी आप डॉक्टर के पास जाकर परामर्श ले सकते हैं कि आपके पास क्या विकल्प हैं।
पीईपी की सफलता दर
अगर एचआईवी संक्रमण के संभावित जोखिम के 72 घंटों के भीतर इसे शुरू किया जाये तो पीईपी की सफलता दर 98% है। पीईपी की किसी भी खुराक को न छोड़े। इससे संक्रमण होने का ख़तरा बढ़ सकता है। हालांकि आपको केवल एक महीने (28 दिन) ही पीईपी लेने की आवश्यकता होती है, लेकिन यदि आप कोर्स पूरा नहीं करते हैं, तो आप एचआईवी से संक्रमित हो सकते हैं और आपको जीवन भर एंटी-एचआईवी उपचार लेना पड़ सकता है।
भारत में पीआरईपी और पीईपी की कीमत और उपलब्धता
जी हां, भारत में पीआरईपी और पीईपी उपलब्ध हैं। इस दवा को खरीदने के लिए डॉक्टर के पर्चे की आवश्यकता होती है। पीआरईपी या टेनवीर ईएम (पीआरईपी के लिए ट्रूवाडा का जेनेरिक या सस्ता वर्जन) सिप्ला द्वारा निर्मित और वितरित किया जाता है और भारत भर की प्रमुख फार्मेसियों पर उपलब्ध है।
नेशनल फार्मास्युटिकल प्राइसिंग अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनपीपीए) के आधार पर पीआरईपी के लिए सिप्ला टेनवीर-ईएम की 30 गोलियों का मूल्य 2500 रुपये है। एचआईवी संक्रमण के उपचार के अलावा इस दवा का उपयोग पुरानी हेपेटाइटिस और बी वायरस संक्रमण के उपचार के लिए भी किया जाता है।
पीईपी केवल अस्पतालों में उपयोग के लिए उपलब्ध है। पीईपी में आमतौर पर एक महीने के लिए एआरवी दवाओं का एक छोटा कोर्स शामिल है । जिडोवुडिन, टेनोपोविर और लेमिवुडिन भी कुछ ऐसी दवाएं हैं जिनका उपयोग पीईपी में एचआईवी के प्रसार को रोकने के लिए किया जाता है।
आप एड्स हेल्पलाइन नंबर 1097 भी डायल कर सकते हैं जिसे 2014 में स्थापित किया गया था। इस हेल्पलाइन नंबर पर आप अपने निकटतम अस्पतालों में पीईपी पीआर और यहां तक कि एआरटी (एंटीरेट्रोवायरल थेरेपी) की सुविधा का पता लगा सकते हैं। इस तरह के अन्य हेल्पलाइन नंबर नीचे दिए गए हैं।
पीईपी उपचार के एक कोर्स की कीमत लगभग 1000 से 1500 रुपये है। हालांकि बेहतर यही होगा कि आप अपने डॉक्टर से सलाह मशवरा कर के ही यह तय करें कि आपको कितने उपचारों की आवश्यकता है।
कोई गारंटी नहीं
यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि पीआरईपी और पीईपी दोनों दवाओं को स्वास्थ्य सेवा प्रदाता द्वारा बताए गए तरीके से लिया जाना चाहिए और एक भी ख़ुराक नहीं छोड़नी चाहिए। हालांकि, यहाँ यह भी ध्यान रखना महत्त्वपूर्ण है कि सारी एहतियात बरतने के बाद भी पीआरईपी और पीईपी सौ प्रतिशत प्रभावी नहीं है।
इसके अलावा इन दवाओं के दुष्प्रभाव भी हैं, जो कि पीआईईपी के मामले में भी काफी गंभीर हो सकते हैं। मितली और सिरदर्द कुछ सामान्य दुष्प्रभाव हैं, हालांकि कुछ लोगों को किसी तरह के दुष्प्रभाव का अनुभव नहीं होता है।
इससे बचे रहने का सबसे बेहतर विकल्प तो यही है कि आप अपनी जीवनशैली में सुधार करेंI पीआरईपी और पीईपी को सुरक्षित सेक्स (जैसे कि एसटीडी से बचने के लिए कंडोम का उपयोग) करने का और इंजेक्शन साझा करने का विकल्प या दवा मानने की गलती ना करें।
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