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अंडकोष में सूजन का कारण कहीं वैरिकोसेल तो नहीं

Submitted by Arpit Chhikara on बुध, 11/20/2019 - 08:27 पूर्वान्ह
यदि आपके अंडकोष में दर्द या फिर सूजन रहता है तो आपको वैरिकोसेल की जांच करानी चाहिए। लंबे समय तक वैरिकोसेल का उपचार न कराने पर बांझपन की समस्या हो सकती है। इसका इलाज संभव है और सर्जरी द्वारा इसे ठीक किया जा सकता है।

वैरिकोसेल क्या है?

यह एक ऐसी समस्या है जो आमतौर पर 12 से 25 वर्ष के युवाओं को प्रभावित करती है। इसमें वृषण (अंडकोष) की नसें बढ़ जाती हैं। अंडकोष या वृषण, शुक्राणु और पुरुष हार्मोन का उत्पादन करते हैं।

वैरिकोसेल कैसे होता है?

सरल शब्दों में समझने के लिए अंडकोष का एक चित्र लेकर इससे जुड़े स्पर्मेटिक कॉर्ड (वृषण रज्‍जु) को देखें। स्पर्मेटिक कॉर्ड के चारों तरफ़ नसें होती हैं जो अंडकोष में रक्त प्रवाह में सहायता करती हैं। लेकिन कुछ मामलों में रक्त का सामान्य प्रवाह काफी असामान्य हो जाता है और स्पर्मेटिक कॉर्ड की नसें फैलकर बड़ी हो जाती हैं।

जिसके कारण नसों से खून आगे नहीं जा पाता है और एक जगह जमा होने लगता है। इसकी वजह से वैरिकोसोल हो जाता है। कई बार वैरिकोसोल के कारण अंडकोष में सूजन दिखायी देती है। तब आपको हॉस्पिटल जाने की ज़रूरत पड़ती है।

वैरिकोसेल के लक्षण 

ज्यादातर मामलों में वैरिकोसेल होने पर दर्द नहीं होता है इसलिए जल्दी किसी का ध्यान नहीं जाता है। लेकिन अगर आपके अंडकोष में दर्द होता है तो आपको डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए। अगर इसका इलाज न किया जाए तो वैरिकोसोल से प्रभावित अंडकोष सिकुड़ सकता है और हमेशा के लिए खराब हो सकता है।

लंबे समय तक वैरिकोसेल की अनदेखी करने पर शुक्राणुओं की गुणवत्ता घट सकती है और आपको बांझपन की समस्या हो सकती है। यूरोलॉजिस्ट, पीड़ित व्यक्ति को खड़ा कराकर और लेटाकर उसके अंडकोष को स्पर्श करके परीक्षण करते हैं। वैरिकोसेल का आकार बड़ा होने पर इसका पता बहुत आसानी से चल जाता है। लेकिन वैरिकोसेल का आकार छोटा होने पर अंडकोष का अल्ट्रासाउंड किया जाता है।

क्या इससे बचा जा सकता है?

वैरिकोसेल से बचने का कोई तरीका नहीं है। यह लगभग 15% पुरुषों को प्रभावित करता है। बेहतर यह है कि आप समय समय पर खुद इसकी जांच करते रहें। ख़ासतौर पर किशोरों को साल में एक बार अंडकोष को छूकर जांच कर लेनी चाहिए।

वैरिकोसेल का इलाज

वैरिकोसेल के इलाज के लिए दो प्रकार की सर्जरी की जाती है। पहले को ओपन सर्जरी कहते हैं जिसमें डॉक्टर पेट के निचले हिस्से यानि जहां पैर शरीर के ऊपरी हिस्से से जुड़ता है, में एक चीरा लगाते हैं। फिर सर्जरी करके नसों को निकाल दिया जाता है और मरीज को कुछ ही घंटों में छुट्टी दे दी जाती है। अगले कुछ दिनों तक थोड़ी असुविधा और दर्द होता है लेकिन इलाज़ के लिए वैरिकोसेलक्टोमी की यह प्रक्रिया बड़े पैमाने पर चुनी जाती है।

वैरिकोसेल के इलाज़ का दूसरा विकल्प लेप्रोस्कोपिक सर्जरी है जिसमें पेट के उस प्रभावित हिस्से में एक छोटा सा चीरा लगाकर बढ़ी हुई नसों का इलाज किया जाता है। यह भी पहली सर्जरी की तरह सुरक्षित और एक भरोसेमंद विकल्प है। आपका डॉक्टर आपको वैरिकोसेल की गंभीरता और आपके समय के आधार पर इस विकल्प का सुझाव दे सकता है।

दुनिया भर में लगभग 10 मिलियन पुरुष अलग-अलग प्रकार के वैरिकोसेल से पीड़ित हैं। इनमें से ज़्यादातर  डॉक्टर के पास इसलिए नहीं जाते हैं क्योंकि उन्हें इस समस्या का कोई लक्षण नहीं दिखायी देता है। यदि आप अपने पार्टनर को गर्भवती करना चाहते हैं तो आपको ऐसी स्थिति में अपने डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए। पुरुषों में बांझपन होने के कारणों में वैरिकोसेल भी एक कारण है जबकि इसका इलाज कराने के बाद गर्भधारण करने में कोई परेशानी नहीं होती है।
 
 *गोपनीयता बनाये रखने के लिए नाम बदल दिए गये हैं, तस्वीर में मॉडल का इस्तेमाल किया गया है।

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लेखक के बारे में: अर्पित छिकारा को पढ़ना, लिखना, चित्रकारी करना और पॉडकास्ट सुनते हुए लंबी सैर करना पसंद है। एस आर एच आर से संबंधित विभिन्न विषयों पर लिखने के अलावा, वह वैकल्पिक शिक्षा क्षेत्र में भी काम करते हैं। उनको इंस्टाग्राम पर भी संपर्क कर सकते हैं।