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आपके जननांग पर सफ़ेद तरल पदार्थ: यह स्मेग्मा हो सकता है

क्या अपने जननांगों पर कभी आपने एक सफ़ेद, चिपचिपे पदार्थ को देखा है? यह स्मेग्मा हो सकता है, जो प्राकृतिक रूप से हमारी जननांग ग्रंथियों के पीछे छुपा होता है। लेकिन इसे नज़रअंदाज़ नहीं किया जाना चाहिए क्यूंकि यह पीड़ादायक भी हो सकता हैI हम लाये हैं इससे निपटने के कुछ आसान तरीकेI
क्या यह कोई बीमारी है?

ऐसे कई प्राकृतिक तरीके हैं जिनसे हमारा शरीर अपने आपको साफ़ करता हैI विभिन्न द्रवों का स्राव भी ऐसा ही एक तरीका हैI सच कहें तो स्मेग्मा का गठन मृत त्वचा कोशिकाओं और उन चर्बीदार तेलों से होता है जो मानव जननांग के कुछ हिस्सों से निकलते हैंI

पुरुषों में, यह चमड़ी की अंदरूनी गुहा में छुपा होता है, जबकि महिलाओं में यह भगोष्ठ और भगशेफ की परतों में पाया जाता है। यदि कोई व्यक्ति अपनी जननांग को नहीं धोता है, तो वहां मौजूद बैक्टीरिया मूत्र, मृत त्वचा कोशिकाओं के साथ संचित हो जाता है, और इसमें से सड़े हुए पनीर जैसी गंध आनी शुरू हो जाती हैI

स्मेग्मा कैसे होता है?

हमारी त्वचा तेल उगलती है जिसे सेबम के रूप में जाना जाता हैI यह माइक्रोबियल संक्रमण के ख़िलाफ़ हमारी त्वचा की रक्षा करने के साथ-साथ त्वचा के लिए जल रोधक का काम भी करता हैI स्मेग्मा भी ऐसा ही उत्सर्जन है और आप यह जानकर हैरान हो जाएंगे कि क्योंकि यह एक लुब्रीकेंट के रूप में भी काम करता है, इसलिए यह सेक्स के दौरान भी बेहद फायदेमंद हो सकता है I पुरुषों में, स्मेग्मा लिंग की त्वचा को पास की त्वचा पर चिपकने से रोकता है और पेशाब जैसी प्राकृतिक क्रियाओं में ऊपरी चमड़ी को पीछे की ओर खींचने में सहायता करता हैI

हालांकि, सभी तेलों की तरह, स्मेग्मा की भी साफ़-सफाई की जरूरत हैI अगर इसे नियमित रूप से ना धोया जाए तो स्मेग्मा एक बदबूदार जीवाणु के रूप में विकसित हो सकता हैI

मुझे इससे कैसे छुटकारा मिल सकता है?

यदि आपके लिंग से नियमित रूप से गंध आती है तो आपको स्मेग्मा हो सकता हैI अगर इसे साफ़ ना किया जाए तो मृत त्वचा कोशिकाओं के बैक्टीरिया, तेलों के साथ सम्मिलित हो कर बहुत तेज़ी से बढ़ने लग जाते हैंI परिणामवश लिंग में से बहुत ख़राब गंध आनी शुरू हो जाती हैI

इस से बचने के लिए, नहाते वक़्त, अपने लिंग की नियमित रूप से सफाई करें और ऊपरी चमड़ी को पीछे खींचकर ठंडे पानी से इसे धो लें। लिंग की नियमित सफाई से यह समस्या पूरी तरह समाप्त हो जाएगी। जी हाँ, यह वास्तव में इतना ही सरल हैI इसके लिए किसी ख़ास साबुन या तेलों की भी आवश्यकता नहीं हैI केवल सादा पानी ही इसकी सफाई के लिए पर्याप्त हैI इस बात का भी ध्यान रखें कि साफ़-सफाई के दौरान लंबे समय तक चमड़ी को पीछे ना करेंI

पुरुषों की तरह ही महिलाएं भी नियमित साफ़-सफाई और योनि को गर्म पानी से साफ़ करके स्मेग्मा से बच सकती हैंI

इससे किस किस को ख़तरा है?

जिन लोगों का खतना नहीं हुआ है उनके लिए स्मेग्मा का ख़तरा थोड़ा ज़्यादा हैI खतना ना होने की स्थिति में स्मेग्मा चमड़ी के नीचे अधिक मात्रा में जमा हो जाता हैI इससे शिश्न के ऊपरी भाग में जलन की स्थिति उत्पन्न हो सकती है जिसे बलांइटिस कहा जाता हैI यह अक्सर स्वच्छता या बैक्टीरिया/खमीर की अतिवृद्धि के कारण होती है।

इससे बलानोपोस्थिटिस या चमड़ी की जलन भी हो सकती हैI लक्षणों में लिंग के ऊपरी हिस्से में लाल धब्बों का प्रकट होना शामिल है, जिसके बाद सूजन या जलन हो सकती हैI खाली स्मेग्मा इतना दर्दनाक नहीं होता लेकिन बलांइटिस और बलानोपोस्थिटिस के लक्षणों की उपस्थिति में तुरंत डॉक्टर को सूचित किया जाना चाहिए।

अगर इन्हे अनदेखा कर दिया जाए तो बलांइटिस और बलानोपोस्थिटिस का परिणाम संभवतया फाइमोसिस हो सकता है, जो बेहद खतरनाक हैI इस स्थिति में लिंग की ऊपरी चमड़ी लिंग के मुख पर फंस जाती है और इसे वापस खींचना मुश्किल हो जाता हैI

क्या यह सिर्फ़ पुरुषों को होता है?

नहीं, ऐसा नहीं है लेकिन किशोर लड़के और युवा वयस्क पुरुष अक्सर स्वच्छता पर इतना ध्यान नहीं देतेI यहाँ तक कि कई दिनों तक ना नहाने को वो शान की बात समझते हैं! लेकिन सच तो यही है कि आप जितना लिंग से जुड़ी स्वच्छता की उपेक्षा करेंगे, स्मेग्मा का ख़तरा उतना ही बढ़ेगाI स्मेग्का निर्माण का स्तर यौवन और वयस्कता के दौरान काफ़ी ज़्यादा होता है लेकिन उम्र के साथ इसमें कमी आनी शुरू हो जाती हैI

यह स्थिति आपके सेक्स जीवन को भी बर्बाद कर सकती है। अब अगर आप अपने साथी के पास बदबूदार शिश्न लेकर जाएंगे तो शायद ही उसे आपके साथ सेक्स करने में कोई ख़ुशी होगी और मुख मैथुन को तो आप सदा के लिए अलविदा ही कह सकते हैंI

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तस्वीर के लिए एक मॉडल का इस्तेमाल किया गया है

क्या आपके पास स्मेग्मा या ऐसी किसी अन्य स्थिति पर कोई और सवाल है? अपनी समस्या हमारे टिप्पणी अनुभाग में जाकर या हमारे फेसबुक पेज पर हमसे साझा करेंI यदि आपके पास कोई विशिष्ट प्रश्न है, तो कृपया हमारे चर्चा मंच पर जाएं।

लेखक के बारे में: अनूप कुमार सिंह एक फ्रीलांस अनुवादक और हिंदी कॉपीराइटर हैं और वे गुरुग्राम में रहते हैं। उन्होंने कानपुर विश्वविद्यालय से हिंदी साहित्य में स्नातक की पढ़ाई पूरी की है। वह हेल्थ, लाइफस्टाइल और मार्केटिंग डोमेन की कंपनियों के लिए हिंदी में एसईओ कंटेंट बनाने में एक्सपर्ट हैं। वह सबस्टैक और ट्विटर पर भी हैं।