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सेक्स खिलौने: गलत धारणाओं का अंत

अधिकतर लोग सेक्स खिलौनों के बारे में जानते हैं लेकिन कभी खरीदते नहींl इसकी वजह शायद इनके बारे में फैली गलत धारणाएं हैंl लव मैटर्स आज इन् गलतफहमियों को दूर करने की कोशिश करेंगेI

मिथ्या 1: इन् खिलौनों का इस्तेमाल बेकार लोग करते हैं

आम राय यह है की सेक्स खिलौनों का इस्तेमाल वो लोग करते हैं जिनके पास सेक्स करने के लिए कोई नहीं हैl जबकि सच ये है की सेक्स खिलौने सामान्य युगलों के सेक्स जीवन को और बेहतर बनाने का काम कर सकते हैंl खिलौनों के इस्तेमाल का कतई मतलब नहीं की आपका सेक्स जीवन बेकार हैl बल्कि वाइब्रटर्स, डिलडो, और गुदा मैथुन के सेक्स खिलौने सेक्स को और अच्छा करने में समर्थ हैंl

मिथ्या 2: इनके प्रयोग से सेक्स संवेदनशीलता काम होती है

एक आम दुविधा जो अक्सर महिलाओं को परेशान करती है, वो यह है की वाइब्रेटर और डिलडो का  प्रयोग उनकी सामान्य संवेदनशीलता को नुक्सान पहुंचाएगाl इस शंका का कोई वैज्ञानिक तथ्य नहीं हैl इन् खिलौने के प्रकार और क्वालिटी के आधार पर हो सकता है की अस्थायी असर हो, लेकिन कोई बड़ा परिवर्तन होने का कोई पुख्ता उदाहरण नहीं हैl

मिथ्या 3: इनके प्रयोग के बाद सामान्य तरीके से ओर्गास्म नहीं होता

इनके प्रयोग के बाद सामान्य ओर्गास्म नहीं होता, ये बात बिलकुल गलत हैl 90 के दशक में की गयी एक अमरीकी रिसर्च से पता चला था की इनका प्रयोग करने वाली महिलाओं में से 50 प्रतिशत महिलाएं हस्तमैथुन के दुसरे तरीकों का भी प्रयोग सामान्य तरीके से करती हैंl तो वाइब्रेटर की आदत पड़ने का डर अपने मन से निकल दीजिये, ये सिर्फ एक खिलौना ही है!

मिथ्या 4: खिलौना है तो पार्टनर की ज़रूरत नहीं

ये खिलौने सिर्फ नयेपन और बदलाव का साधारण जरिया हैं, और ये आपके पार्टनर की जगह नहीं ले सकतेl ये आपको आलिंगन, चुम्बन नहीं कर सकते और आपके कानो में प्यार से 'आई लव यू' नहीं कहने वालेl ये आपकी ज़िन्दगी, खुशियां और दुःख आपसे नहीं बाँट सकते और ना ही आपकी कभी न ख़त्म होने वाली बातें सुन सकते हैं! इसलिए याद रखिये, आपके असल पार्टनर का कोई सानी नहीं है!

मिथ्या 5: मेरे पार्टनर को इसकी ज़रूरत पड़ी मतलब मुझ में कोई कमी है

कई अध्यन ये दर्शाते हैं कि जो लोग सेक्स खिलौनों का प्रयोग करते हैं, उन्हें उनके सामन्य सेक्स रिलेशन में औरों कि तुलना में ज़्यादा ओर्गास्म और संतुष्टि होती हैl इन् खिलौनों कि मदद से सेक्स के आनंद को बढ़ाया जा सकता हैl ये आपको खुद के और अपने साथी के सेक्स से जुडी इच्छाओं के बारे में और अच्छी तरह समझा सकते हैंl

मिथ्या 6: सेक्स खिलोने सुरक्षित नहीं हैं

जितनी शक्कर, उतना मीठा हलवा! हालाँकि ये ज़रूरी नहीं कि आप सबसे महंगे खिलोने खरीदें, लेकि सलाह यही है कि सस्ते कि बजाय अच्छी क्वालिटी के खिलोने खरीदी जाएंl सही तरीके से जाँच पड़ताल कि जाये ताकि ये खिलोने वो कर सकें जिसके लिए ये निर्मित हैं, बिना आपके शरीर को नुक्सान पहुंचाएl इन्हे साफ़ रखना और सही देखभाल करना भी महत्वपूर्ण हैl

मिथ्या 7:  सेक्स खिलोने शेयर करने से सेक्स संक्रमित रोग हो सकता है

यदि आप किसी के साथ इन्हे बांटने कि सोच रहे हैं तो सावधानी बरतना बेहद ज़रूरी हैl ऐसे हालातों में वाइब्रेटर या डिलडो का प्रयोग कंडोम के साथ बेहतर है, और प्रयोग के बाद उसकी सफाई करना बिलकुल न भूलेंl

क्या अपने भी सेक्स खिलौनों से जुडी कोई धारणाएं सुनी हैं? हम आपके विचार जानना चाहेंगेl यहाँ अपने कमेंट्स लिखें या फेसबुक पर इस चर्चा में हिस्सा लेंl

क्या आप इस जानकारी को उपयोगी पाते हैं?

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