Kopytin Georgy

सेक्स खिलौने अकेलेपन की निशानी नहीं हैं

"पहली बार सेक्स खिलौनों का पता चला तो मेरे होश उड़ गए थेI लेकिन धीरे-धीरे एहसास हुआ कि यह तो हमारे रिश्तों को और मज़ेदार बनाते हैं", यहाँ रिद्धि सेक्स खिलौनों को लेकर अपना अनुभव बताती हुईI

रिद्धि शंकर (परिवर्तित नाम) सेल्स मेनेजर हैं और मुम्बई में रहती हैंI

मानव स्पर्श की आवाज़ में नहीं, उसके साथ

मुझे कुछ सेक्स खिलौने जैसे मास्टरबैटर (हस्तमैथुन के काम आने वाला), लुब्रिकेंट्स, गुदा खिलौने, चाबुक, हथकड़ी और वाइब्रेटर के बारे में पहले से पता थाI कई लोगों की नज़र में सेक्स खिलौनों का मतलब है अश्लीलता और घटियापनI इनके अनुसार सेक्स खिलौने इस्तेमाल करने वाले लोग सेक्स के आदि होते हैंI

 

शायद इसी नकारात्मक और एक तरफ़ा सोच का ही नतीजा था कि मैं और मेरा पार्टनर कई दिनों तक इन्हें इस्तेमाल करने में हिचकते रहेI कई महीनों तक सोच विचार करने के बाद मैंने विशेषज्ञों और उन दोस्तों से इस बारे में और जानकारी इकट्ठी की जो इनका इस्तेमाल कर चुके थेI

नतीजा यह निकला कि जहाँ पहले हमारे लिए सेक्स खिलौने डरावनी वस्तुएं थी जो विकृत और पोर्न फिल्मो में काम करने वाले लोगों के लिए बनी थी, वहीँ अब हम इन्हें सेक्स को बेहतर बनाने में सहयोगी उत्पादों की तरह देख रहे थेI हम जान चुके थे कि सेक्स खिलौने अनिवार्य हो या ना हो, लेकिन यह सेक्स को मज़ेदार ज़रूर बनाते हैंI

निराश और अकेला?

पहली बार इस्तेमाल करने के बाद ही हमारे अंदर इनको लेकर जो सबसे गलत धारणा थी - कि सेक्स खिलौने उन्ही के लिए होते हैं जो अकेलेपन से ग्रस्त हैं और निराश हैं(और शायद यह बेहद आम धारणा भी है) वो ख़त्म हो गयी थीI सेक्स खिलौनों का प्रयोगात्मक और कार्यात्मक इस्तेमाल जोड़ो को अपने सेक्स अनुभव को कई गुना बढ़ाने में मदद करता हैI

हमारे अनुभव के अनुसार, कामुकता एक मौलिक ज़रुरत हैI इसको नकारना ऐसा ही है जैसे खाने या पीने की इच्छा को नज़रअंदाज़ करनाI तो फ़िर सेक्स खिलौनों को ऐसी नज़र से क्यों देखें कि यह सिर्फ विकृत लोगों के इस्तेमाल की वस्तु हैI इन खिलौनों का आविष्कार तो हुआ ही इसलिए है जिससे कि सेक्स नामक शारिरिक ज़रुरत का सम्मान हो और यह पूरी हो सकेंI

ओर्गास्म का मज़ा उठाना

जब मुझे एक दोस्त ने बताया कि अगर कोई सेक्स खिलौनों का इस्तेमाल करें तो यह समझा जाता है कि उसमे अच्छा प्रदर्शन करने की क्षमता नहीं है, तो यह जानकर मैं बहुत परेशान हो गयी थीI कुछ लोगों को, जिनसे मेरी बात हुई थी, यह लगता था कि सेक्स खिलौने इसलिए इस्तेमाल किये जाते हैं क्योंकि सेक्स के दौरान लोगों को एक काबिल मानव स्पर्श नहीं मिल पाताI

 

यह बिलकुल गलत हैI औरतों की बात करें तो कई औरतों को ओर्गास्म तक पहुँचने में बहुत ज़्यादा समय लगता है और इसका यह मतलब नहीं है कि उनका साथी अक्षम हैI और ऐसा इसलिए होता है  क्योंकि योनि संभोग भगांकुर/भगशेफ को सीधे उत्तेजित नहीं करता है

अगर एक अलौकिक ओर्गास्म की चाह हो तो दरअसल कई सेक्स चिकित्सक खुद वाइब्रेटर्स या प्लेषर रिंग के इस्तेमाल की सलाह देते हैंI यह योनि और अन्य कामोत्तेजक क्षेत्रों को उत्तेजित करने में मदद करते हैं। ध्यान रखें, आपकी महिला साथी का अद्वितीय शरीर इसके लिए दोषी नहीं है। 75 प्रतिशत से ज़्यादा महिलाओं सेक्स के दौरान जी स्पॉट उत्तेजना से अधिक उत्तेजना के लिए लालायित रहती हैंI

कपटी, असुरक्षित और गैर कानूनी?

एक और मिथक जिसके बारे में मुझे पता चला वो यह कि, सेक्स खिलौनें कपटी पुरुषों के द्वारा बनाये जाते हैं जो सेक्स और कामुकता को लेकर हमारी अज्ञानता का फायदा उठाना चाहते हैंI जब मैंने लवट्रीट्स वेबसाइट देखी तो मुझे विश्वास हो गया कि इनका ऑनलाइन स्टोर उपयोगकर्ता के अनुकूल है और सभी उत्पाद उपयोगकर्ताओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए बनाये गए हैंI

यह लेख पहले लवट्रीट्स द्वारा प्रकाशित पत्रिका बेटर देन चॉकलेट में प्रकाशित हो चूका हैI लवट्रीट्स  एक ऑनलाइन स्टोर है जहाँ आप विभिन्न प्रकार के सेक्स खिलौने खरीद सकते हैं और उनके बारे में और जानकारी प्राप्त कर सकते हैंI https://www.lovetreats.in/

क्या आपने कभी सेक्स खिलौनों का इस्तेमाल किया है? अपना अनुभव हमें फेसबुक के ज़रिये बताएंI आप हमारे फोरम जस्ट पूछो का भी हिस्सा बन सकते हैंI