प्यार एवं रिश्ते

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'बढ़िया बीती थी रात लेकिन...'

प्यार एवं रिश्ते
उन दिनों सेक्स में बहुत मज़ा आ रहा था। सेक्स के बाद हमें कपड़े पहनने की भी ज़रूरत नहीं पड़ती थी बस एक दूसरे की बाहों में लेटे रहते थे। पर धीरे धीरे जो ऊपरवाले का तोहफा और खुशनसीबी बन कर आया था.... 14 दिनों के क्वारंटाइन में एक बुरे सपने में बदलने लगा था। हम पहले की बजाय अब बहुत ज़्यादा लड़ने-झगड़ने और एक दूसरे पर चिल्लाने लगे थे। समीर ने लव मैटर्स इंडिया के साथ अपनी लॉकडाउन स्टोरी शेयर की।

मैं दूसरी औरतों के बारें में कल्पना करता हूँ - क्या यह ठीक है?

प्यार एवं रिश्ते
मैं अपनी साथी के साथ सेक्स करना पसंद करता हूँ लेकिन फिर भी मैं दूसरी औरतों के बारे में सोचता और कल्पना करता हूँ। क्या इसका मतलब है की मेरा सेक्स जीवन संतुष्ट नहीं है? दिबाकर, इंदौर

लॉकडाउन के बाद दोस्ती और इश्क़ के लिए ख़ास टिप्स

प्यार एवं रिश्ते
हम जानते हैं कि जब भी लॉकडाउन ख़त्म होगा आपके पास प्लान्स की एक लंबी सूची होगी! दोस्तों से मिलना हैं, डेट पर जाना है, जिगरी यार की बर्थडे मनानी है - लेकिन क्या आप वाकई यह सब कर सकते हैं? आईये हम डिटेल में बताते हैं ।

जब अफ़साना ने मंगलसूत्र पहना!

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‘दीदी, आप नहीं जानती कि इन दिनों हम पर क्या बीत रही है। कुछ लोगों की ग़लती का खामियाज़ा हम सभी को भुगतना पड़ रहा है'।अफसाना बिंदी और मंगलसूत्र पहनकर मुझसे अपनी मजदूरी लेने आई थी, तब उसने अपनी आपबीती सुनायी। कोरोना वायरस ने सिर्फ़ उनकी आजीविका ही नहीं बल्कि मानसकि शांति को भी छीन लिया है, निहारिका ने लव मैटर्स इंडिया के साथ एक बातचीत शेयर की।

'लॉकडाउन मुझे सागर तक वापस ले गया'

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लॉकडाउन के दिनों में निकिता फिर से सागर में टकराई जो उसका बचपन से क्रश था। उसने लव मैटर्स इंडिया के साथ अपनी कहानी साझा करती हैं उन यादों की, जो उसके पास फिर से लौट आईं हैं।

मैंने उन्हें छुआ तक नहीं

प्यार एवं रिश्ते
पिछले 14 दिनों से समीर की तरफ़ के बिस्तर का खाली था जबकि वह मुश्किल से मुझसे 20 फीट की दूरी पर था, यह सोचते हुए अक्षरा का दिल टूट सा गया। वह क्या था जो उसे अपने पति को प्यार से बाँहों में भर लेने से रोक लेता था। उसने अपनी कहानी लव मैटर्स इंडिया से साझा की है।

घर के अंदर ही सेल्फ-केयर के 10 तरीके

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कोराना वायरस की महामारी के कारण लोग अपने घरों में कैद हो गए हैं। लोगों का घर से बाहर निकलना और दोस्तों से मिलना जुलना पूरी तरह बंद हो गया है, ज़िंदगी एकदम नीरस हो गई है और कुछ मज़ेदार करने को बचा ही नहीं है। है ना? यहां तक कि ऐसे समय में बाल कटवाने और आईब्रो बनवाने के बारे में सोचना भी शायद फ़िजूल ही है। यदि आप घर में बैठे-बैठे ऊब गए हैं और आपको तनाव, बेचैनी होने के साथ ही गुस्सा भी आ रहा है तो घबराएं नहीं, ऐसा होना लाज़िमी है और यह हर किसी के साथ हो रहा है। इस कठिन समय में अपनी देखभाल करें और ख़ुद से ख़ूब प्यार करें।

सेल्फ केयर - अच्छा महसूस करने के लिए अच्छा सोचें!

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आसान शब्दों में कहें तो, सेल्फ केयर मतलब ख़ुद की देखभाल करना, सिर्फ़ इमोशनली ही नहीं बल्कि मानसिक और शारीरिक रूप से भी अपना ख्याल रखना। लेकिन ये करें कैसे? तो चलिए अब शुरु करें?