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मुझे वो पसंद है लेकिन वो अलग जाति का है

Submitted by Auntyji on बुध, 03/19/2014 - 11:24 बजे
मुझे एक लड़का अच्छा लगता है, लेकिन वो मेरी जाति का नहीं है। मैंने हमेशा से सोचा था कि मैं अपनी जाति में ही शादी करुँगी - शायद बचपन से यही सिखाया भी गया था। लेकिन असल में मुझे ऐसे ही किसी लड़के कि चाह थी। अगर मैं उसके बारे में सीरियस हो गयी तो? प्लीज़ मुझे गाइड करिये आंटी जी - गुड्डी (20) अम्बाला

आंटीजी कहती हैं...ओ गुड्डी ओ, पटाका गुड्डी ओ..ये गाना सुना है तूने कुड़िये? महिला शक्ति का चिन्ह है ये गाना, तो पुत्तर कहाँ है तेरी ताकत? चल पता लगाते हैं!

जाति कि चेतावनी

बेटा अगर तूने मुझसे सीधा सवाल पुछा होता तो मैं तुझे सीधा जवाब दे देती कि "जा जिसे प्यार करती है, उसे जाने मत दे- अच्छे लड़के आसानी से नहीं मिलते आजकल!" लेकिन, किन्तु, परन्तु बेटे तूने जब बात समाज और जाति कि कि है तो हमें ज़रा इस बारे में पूरी बात करनी चाहिए, अलग नज़रिये से!

सबसे पहली बात, प्यार किसी बंधन को नहीं जानता - प्यार में सौदा नहीं करते बेटा..यही सच है। लेकिन मुझे पता है कि समाज कई उलझनें पैदा करता है और इसके बारे में बात करना ज़रूरी है।

बंधन को चुनौती

तूने कहा बेटा कि बचपन से तुझे यही सिखाया गया है। सच्ची? क्या तूने हर वो बात जिंदगी में उतरी है जो बचपन से सिखायी गयी? क्या तुझे गलत बात के खिलाफ सवाल उठाना नहीं सिखाया गया बचपन से? जात-पात के भेद के लिए क्या वाकई आज के ज़माने में कोई जगह है?

तो मुझे ये मत बता बेटा कि बचपन से क्या सिखाया गया है। अपने आप से पूछ कि ये तो बोल रही है या तेरे अंदर तेरे परिवार और समाज का डर बोल रहा है। क्या तुझमे दम है अपने परिवार के खिलाफ जाने का, और शायद उसके परिवार के खिलाफ भी? क्या सारी दुनिया से लड़कर उस एक इंसान के लिए तो सबका सामना करने कि हिम्मत रखती है?

अपनी हिम्मत तलाश कर

बेटाजी, अगर तेरे मन में एक परसेंट संदेह है कि ये लड़का तेरे लिए सबसे अच्छी चॉइस नहीं है- तो आगे मत बढ़। एक तरफ प्यार किसी बंधन को नहीं मानता, वहीँ इस बात को नाकारा नहीं जा सकता कि जातपात और समाज के बंधन इंसान कि अग्नि परीक्षा लेते हैं जिनसे बचना सम्भव नहीं है।

इन् मामलो में लोग अपने ही बच्चों के खिलाफ ऐसे कदम उठा लेते हैं कि इंसानियत से भरोसा उठ जाता है। मैं ये नहीं केह रही कि तेरे साथ ऐसा होगा लेकिन बुरे के लिए तैयार रहना समझदारी है। इसलिए गहरायी से सोच ले बेटा।

क्या तो कर पायेगी?

गुड्डी बेटा, इस लड़के के साथ बैठ कर ठन्डे दिमाग से प्लानिंग करले कि कौनसी चीज़ें तुम्हारे लिए मुश्किल बन सकती हैं। हर सम्भव कठिनाई का जायज़ा लेना।

उसके बाद आराम से बैठ कर सोच कि क्या तो ये सब मुश्किलें झेल पायेगी? पापा का गुस्सा, मम्मी का रोना धोना, क्या तो इस तमाशे को झेलने के लिए तैयार है? ये सब सम्भव है, अगर ये हुआ तो कहीं तेरा इरादा बदल तो नहीं जायेगा?

क्या वो वाकई इस लायक है?

अब ज़रूरी बात ये है कि आखिर तेरा ये राजकुमार लड़का कैसा है? क्या ये अपनी माँ का सामना तेरा हाथ थाम कर कर पायेगा? ये अच्छी तरह परख ले बेटा। एक कड़वा सच ये है गुड्डी कि हम अक्सर दबाव में इरादा बदल देते हैं और ज़रूरी नहीं कि हम कमज़ोर हों, कई बार समझदारी इसी में होती है। इस दिशा में बढ़ने में रस्ते में कई तूफानों का सामना तुम करना पद सकता है, जहाँ तुम दोनों को एक दूसरे कि ताकत बनना पड़ेगा।

सज़ा में मज़ा

दूसरी तरफ, अगर तो ये रिस्क नहीं लिया तो शायद तुझे उम्र भर उसके साथ रहना पड़ेगा जिसे कोई और तेरे लिए चुनेगा। इस बारे में ज़यादा बात करने कि ज़रूरत नहीं है कि ऐसी ज़िन्दगी में अगर प्यार, चाहत, दीवानगी नहीं हुई तो क्या होगा?

बेटे कुछ टाइम लेके आराम से सोच। अपना मन बना ले और फिर अपने उस हीरो के मन को परख ले- सिर्फ रोमांस में पागल मत होना बेटा, उसका असली मानसिक दमखम अच्छी तरह जाँच लेना। और फिर फैसला लेना- अपने दिल का फैसला! मेरी दुआएं तेरे साथ हमेशा रहेंगी मेरी बच्ची!

क्या आप भी अपनी  जाति के व्यक्ति से ही शादी करना पसंद करेंगे? गुड्डी के लिए आपके पास कोई सलाह है? यहाँ या फिर फेसबुक पर अपनी राय हमें बताएं।