आंटी जी कहती हैं, 'कोई गल्ल नहीं पुत्तर, यह सब किशोरावस्था का हिस्सा है'...चल इस बारे में और बात करते हैं कि तेरे पास और क्या विकल्प हैंI
शुरुआती साल
जैसा कि तूने बताया बेटा कि वो लगभग 12 वर्ष की है - तो हम कह सकते हैं कि यह उसके यौवन यानी कि उसकी किशोरावस्था की शुरुआत है! पुत्तर इसमें घबराने की कोई बात नहीं है यह बिलकुल सामान्य हैI इस उम्र में अक्सर व्यक्ति को नयी नयी बातें जानने की उत्सुकता रहती हैI फ़िर चाहे वो उसकी आसपास दुनिया के बारे में हो या फ़िर उसके खुद के शरीर के बारे मेंI इस समय वो कई प्रकार की भावनात्मक उथलपुथल से गुज़र रहे होगी - क्यूंकि उसके शरीर के भीतर कई बदलाव हो रहे होंगे- तू बस यह समझ ले कि वो बस पता लगाने की कोशिश कर रही है किआखिर चल क्या रहा हैI ठीक है।
इसके अलावा उसे हर जगह से नयी जानकारियां मिल रही होंगीI इनमे से कुछ स्त्रोत विश्वसनीय होंगे और शायद कुछ नहीं - तो मैं कहूंगी कि ज़रुरत है उसे सही जानकारी देने की!
क्या सही है और क्या उतना सही नहीं है!
अब बड़े मुद्दे पर आते हैं - क्या किसी को उससे बात करनी चाहिए, हां! क्या वो तुम हो? नहीं! ऐसा क्यों? क्यूंकि तू एक लड़का है और वो एक लड़की है ठीक हैI दूसरी बात यह कि वो बहुत छोटी है और तू उसका बड़ा भाई है - इसलिए ज़रूरी है कि दोनों पक्षों से शारीरिक पवित्रता की एक सीमा बनी रहेI चाहे तूने कुछ भी देखा हो और तुझे इस बात की कितनी भी फिक्र हो, तेरे उससे बात करने से फ़ायदे से ज़्यादा नुक्सान होगाI इससे वो शर्मिन्दा हो सकती हैI
बात करने के और तरीके ढूंढो
लेकिन एक चीज़ है जो तू निश्चित रूप से कर सकता है - उससे जीवन के अन्य पहलुओं के बारे में बात कर सकता हैI जैसे प्रकृति और चिड़ियों के बारे में बातचीतI उससे पूछ सकता है कि उसका कोई खास दोस्त है - कोई प्यार- व्यार का चक्कर तो नहीं है नाI उसे कौन अच्छा लगता है जस्टिन बीबर या फ़िर वो ज़ेन मलिकI उसके दोस्तों के बारे में बात करI वे कौन कौन हैं, क्या बातें करते हैंI कहाँ घूमने जाते हैंI
धीरे धीरे तू उसे यह भी समझा सकता है कि वो तुझसे किसी भी बारे में बात कर सकती हैI उसे इस बात का विश्वास दिला कि तू कभी भी उस पर गुस्सा नहीं होगा, उसकी कोई भी बात सुनकर चिड़चिड़ा नहीं होगाI अगर उसे असहज ना लगे तो तू उससे उसके शरीर के परिवर्तनों के बारे में भी बात कर सकता हैI
तू उसे बता सकता है कि यह तेरे साथ भी हुआ था और तब तुझे कैसा लगा था - अब यह नहीं बताना कि तब तूने क्या किया थाI 'मैं रोज़ हस्तमैथुन करने लगा था' मुझे नहीं लगता कि यह बात उसके साथ साझा करने से कोई फायदा होगाI अपना अनुभव उसके साथ इस तरह से साझा करना है कि उसे लगे कि यह सब सामान्य है और सबके साथ होता हैI
एक चेतावनी
उसके साथ दुर्व्यवहार के बारे में ज़रूर बात करनाI तू ऐसे बात शुरू कर सकता है - 'क्या तू जानती है कि ऐसा भी हो सकता है', 'लेकिन यह पूरी तरह से गलत है, किसी को भी अपने शरीर को छूने नहीं देना है'I 'अगर कभी भी ऐसा हो तो तुरंत यह बात मुझे या मम्मी को बतानाI तुझे उसे यह बताना बेहद ज़रूरी है कि अगर ऐसा कुछ हो तो उसमे उसकी गलती नहीं होगीI ध्यान रहे कि यह बात उसे बेहद शान्ति से धैर्यपूर्वक समझानी होगीI तू उसे कुछ अच्छी वेबसाइटों के लिंक प्रदान कर सकता है जो कामुकता और यौन शिक्षा के बारे में विश्वसनीय जानकारी देती हैंI अच्छा होगा कि वो अपना रास्ता और अपने उत्तर खुद खोज पाएंI
और अंत में, अपनी माँ को या उस व्यक्ति को अपनी बहन से इस बारे में चर्चा करने के लिए कहो जिनसे वो प्यार करती है और जिन पर पूरा भरोसा करती हैI उन्हें तेरी बहन को यह नहीं बताना है कि कैसे तूने अपनी बहन को हस्तमैथुन करने का प्रयास करते हुए देखा बल्कि उन्हें सिर्फ उससे बात करनी हैI उसकी शारीरिक सुरक्षा और शारीरिक परिवर्तनों के बारे मेंI तूने बस अपनी बहन को आश्वस्त करना है कि वो हमेशा तुझ पर भरोसा कर सकती है, चाहे कुछ भी हो जाएI
*गोपनीयता बनाये रखने के लिए नाम बदल दिए गए हैं I यह लेख पहली बार 2018-04-13 को प्रकाशित किया गया थाI
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