मुझे यह सब सोच कर बहुत शर्म आती है . क्या आप मेरी मदद कर सकती है? गुमनाम (19), मेरठ
आंटी जी कहती है...और क्या हाल है तेरे, मेरे गुमनाम पुत्तर! तो तुझे लगता है कि अगर तू यहां अपना नाम लिख देगा तो पूरा मेरठ तुझे पहचानने लग जाएगाI जहां जहां तू जायेगा पीछे से आवाज़ आएगी " लो आ गया सेक्स रोगी या वो देखो मिस्टर स्वप्नदोष जा रहा है"I
गलत धारणा
सबसे पहले तो बेटा मैं तुझे बताऊँ कि असली फसाद की जड़ यह नाम है 'स्वप्नदोष'I जब नाम मैं ही 'दोष' हो तो हमें यही लगेगा कि ज़रूर इसमें कुछ गलत हैI
दूसरी दिक्कत यह है कि इस बारे में कोई बात नहीं करताI चल मैं तुझे एक सामान्य उदहारण देकर समझाती हूँI देख हमारा शरीर या यूं कहे कि वीर्य पुटिका एक तरह की पानी की टंकी हैI उसमे वीर्य का जमा होना एक प्राकृतिक क्रिया हैI अब जैसे हम टंकी का नल खोले तो पानी का ओवरफ्लो होगा उसी प्रकार यह रात में उत्सर्जन होना या स्वप्नदोष होना एक तरह का ओवरफ्लो ही हैI
क्यूंकी यह आमतौर पर तभी होता है जब हमारे मन मस्तिष्क में सेक्स सम्बंधित ख्याल आ रहे होते है तो हमें यही लगता है कि इसमें कुछ गलत हैI तो भैया अगर यह हो रहा है तो समझो कि अच्छा ही है क्यूंकि सारी पाइप लाइन खुली हुई है, किसी तरह का कोई दोष नहीं हैI
क्या औरतो को भी स्वप्नदोष होता है
और क्या क्या कर सकते है
अब आते है दुसरे पहलु परI तूने कहा कि तू हमेशा सेक्स के बारे में ही सोचता रहता है, रात में भीI रात में भी मतलब? मतलब पूरे दिन सिर्फ यही सोचता रहता है? तू और कुछ भी करता है या यही परमानेंट नौकरी है तेरी? कॉलेज, कैरियर, मूवीज़, कसरत वगैरह के बारे में क्या ख्याल है? या सिर्फ सेक्स ही है दिमाग में?
ओये आँखें खोल खोत्तेया! सेक्स बढ़िया चीज़ है लेकिन और भी बढ़िया चीज़ें है, जैसे पार्क में दौड़ लगाना, कॉलेज जाना, पढ़ाई लिखाई पर ध्यान देना, हस्तमैथुन करना दोस्तों और परिवार वालो के साथ घूमना फिरना I बेटा ज़िंदगी में और भी बहुत कुछ है जिसमे तू अपना ध्यान लगा सकता है, ना कि सिर्फ सेक्स परI
अच्छा एक बात बता, जब तू पिक्चर देखने जाता है तो पॉपकॉर्न बेचने वाली लड़की को देखकर वही ख्याली पुलाव तो नहीं बनाने लगता? "ओह्ह पॉपकॉर्न वाली लड़की, आअह्ह्ह, सेक्स करेगी आअह्ह्ह्ह ...! या फिर जब सब्ज़ी लेने जाता है तो यह तो नहीं सोचता कि यह आलू प्याज़ बेचने वाली आंटी को भी अपने बैग में दाल लेता हूँ? सच बता.. सोचता है? अगर जवाब हाँ है तो तुझसे बड़ा झल्लू-राम कोई नही हैI
पहले दोस्ती करो
मेरे लाल सबसे पहले तो लोग से दोस्ती करो I जब कोई दोस्त बनेगा उसके बाद ही तो उससे रिश्ता शुरू होगा, क्यों? क्यूंकी हम उस व्यक्ति को पसंद करते हैI हम सामाजिक प्राणी है, हम किसी के करीब आते है, उससे अपना सुख दुःख बांटते है, एक दुसरे से प्यार और इज्जत करना सीखते है और बस ऐसे ही रिश्ते शुरू होते है I यौन सम्बन्ध तो इस सब के बाद शुरू होता हैI
हम एक दुसरे को इस तरह से सम्बोधित नहीं करते, "हेलो में मिस्टर गुमनाम हूँ, मेरठ से"I एक झापड़ ही आएगा यहाँ से अगर फिर ऐसा किया तोI बेटा जी एक महिला सिर्फ सेक्स करने की वस्तु नहीं है, बल्कि वो एक 'वस्तु' तो बिलकुल नहीं है I और मुझे खुशी होगी अगर तू हमेशा इस बात को याद रखेगाI
चल अब घबराना मत, वैसे भी तेरी स्वप्नदोष वाली समस्या तो मैंने दूर कर दी I पाने की टंकी वाली बात याद रहे I और हाँ लड़कियों से दोस्ती बढ़ाओ, अपनी समझदारी और वाक्पटुता से उनका दिल जीतो और फिर अपना हाथ आगे बढ़ाओ, सेक्स के लिए नहीं, दोस्ती के लिएI