इरेक्शन की समस्या वाले सभी पुरुषों में से दो तिहाई का कहना है कि उन्हें ऑर्गेज्म तक पहुंचने में भी परेशानी होती है। हम आमतौर पर सोचते हैं कि केवल महिलाओं को ऑर्गेज्म में परेशानी होती है लेकिन अमेरिकी शोधकर्ताओं का कहना है कि इरेक्शन की समस्या वाले पुरुषों को अक्सर सेक्स के दौरान ऑर्गेज्म प्राप्त करने में मुश्किल होती है।
क्या अधिक वजन होना आपकी हस्तमैथुन करने और पोर्न देखने की क्षमता को प्रभावित कर सकता है? क्या इसका आपकी यौन इच्छा पर कोई प्रभाव पड़ता है, खासकर आपके किशोर अवस्था में? आइए जानें कि विज्ञान का क्या कहना है!
एक लड़की अपने जीवन में कैसा साथी चाहती है? क्या उसे रोमांटिक होना चाहिए या उसका दोस्त बनना चाहिए? या कुछ और? आइए सुनते हैं सुमी से। उसने लव मैटर्स इंडिया के साथ अपनी इच्छा साझा की!
अनन्या अरमान को बहुत पसंद करती थी, उनकी सेक्स लाइफ भी मज़ेदार थी। अरमान फोरप्ले और ओरल सेक्स में गज़ब का था लेकिन, न जाने क्यों पेनेट्रेशन वाला सेक्स करने में झिझकता था। अनन्या कन्फ्यूज्ड थी। उसने लव मैटर्स इंडिया के साथ अपनी कहानी शेयर की।
हम दोनों एक दूसरे को चूमने और प्यार करने में इतने मशगूल हो गए थे कि सांस लेना मुश्किल हो रहा था। हमारे हाथ एक दूसरे के शरीरों को टटोल रहे थे, जो किसी सुख से कम नहीं था। मैं एकदम नेक्स्ट लेवल पर पहुँच गयी थी। मैं नहीं चाहती थी कि यह फीलिंग खत्म हो। लेकिन मैं ज्यादा देर तक ऐसा नहीं कर पायी, आस्था सेक्स के बीच अनायास ही क्यों रुक गयी? आइए जानते हैं।
योनि में उत्तेजना के जरिए ऑर्गेज्म प्राप्त करने वाली महिलाओं को अपने पार्टनर पर खूब प्यार आता है। योनि ऑर्गेज्म कम तीव्र होते हैं, लेकिन क्लिटोरल ऑर्गेज्म के विपरीत, महिलाओं को पूरे शरीर में फैलता हुआ महसूस होता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि योनि और क्लिटोरल ऑर्गेज्म के लिए शरीर और मस्तिष्क में संवेदी मार्ग अलग-अलग सक्रिय होते हैं।
पोर्नोग्राफी बहुत मजेदार हो सकती है और यह आपको उत्तेजित करने में भी मदद भी कर सकती है। लेकिन क्या यह महिलाओं के लिए अपमानजनक नहीं है? सॉफ्ट और हार्ड पोर्न में क्या अंतर है? आपको कैसे पता चलेगा कि कितना पोर्न देखना आपके लिए सही है? हम टॉप फाइव फैक्ट्स में इसी के बारे में पढ़ेंगे।
बिहार के एक छोटे से गांव की रहने वाली स्नेहा होशियार लड़की है। वह पढ़ लिखकर जीवन में कुछ बनना चाहती है। लेकिन एक छोटी सी गलती से उसकी ज़िंदगी ही बदल गई है। आखिर वह कौन सा निर्णय था जिसे लेकर स्नेहा को आज भी अफसोस है?