sex worker yelawa story

‘प्यार से पूछने पर वो कॉन्डोम के लिए मान जाते हैं’

मुंबई में बतौर सेक्स वर्कर काम कर रही येलावा के पास रोज़-रोज़ से ग्राहक आते हैं जो उसे तंग करते हैं, सफाई का ध्यान नहीं रखते और नशे में हिंसक होते हैं। कॉन्डम का उपयोग करने से इनकार कर सकते हैं। ऐसे में खुद को सेफ रखने के लिए वो क्या करती हैं? येलावा की कहानी आस्था परिवार ने लव मैटर्स के साथ शेयर की।

येलावा कर्नाटक से मुंबई आयी थीगाँव में येलावा के तीन बच्चे हैं। येलावा का पति उसे और उसके बच्चों को बहुत पहले ही छोड़ कर चला गया था।

गाँव में येलावा के पड़ोस में एक आदमी रहता था पति के जाने के बाद येलावा ने उससे मदद मांगीउसने वादा किया किया कि वो उसे नौकरी दिलवा देगा। शादी भी करेगा वो येलावा को कर्नाटक से मुंबई लेकर आया दोनों सांगली के एक होटल में ठहरे रोज़ सेक्शुअल रिश्ता भी बनाया पर फिर उसने एक दिन येलावा को एक ‘घरवाली’ को बेच दिया। 

येलावा उस समय को  याद करते हुए बताती हैं, ‘फिर एक ग्राहक था जो नियमित रूप से आता था और कहता था कि जब वह मेरे साथ होता है तो अपनी चिंताओं को भूल जाता है। जब वह एक दिन नहीं आया, तो मैंने उसे फोन किया, उसने कहा कि वह बिहार में अपने घर जा रहा है। पारिवारिक दबाव के कारण शादी करने वाला है। मैंने उसे फोन करना बंद कर दिया। पिछले दो वर्षों से भी मेरे साथ कोई है जो कहता है कि वह मुझसे प्यार करता है और बहुत जल्द साथ होने का वादा भी करता है  लेकिन अब मैं किसी पर भरोसा नहीं करती।’ 

पहले दस सालों तक तो येलावा बतौर बंधुआ काम करती रही थी क्यूंकि उन्हें घरवाली का क़र्ज़ चुकाना था। पिछले तीन से येलावा खुद से काम कर रही है अब उन्हें जो भी ग्राहक मिलता है, वो एजेंट के ज़रिये मिलता है वह अपनी कमाई का एक हिस्सा कमीशन के तौर पर एजेंट को दे देती है

येलावा कहती हैं कि उन्हें इस काम से कोई सुख नहीं मिलता। ये बस एक काम है जिससे उनका घर चलता है। तीनों बच्चे उसकी माँ के पास रहते है, जिनके लिए वो बराबर पैसे भेजती हैं

इस काम में बहुत परेशानियां भी है रोज़-रोज़ येलावा के पास ऐसे ग्राहक आते हैं जो उसे तंग करते हैं, सफाई का ध्यान नहीं रखते और नशे में हिंसक होते हैं कॉन्डम का उपयोग करने से इनकार कर सकते हैं

येलावा अपने काम से जुड़े खतरों को समझती है - खासकर अपने स्वास्थ्य से जुड़े खतरों का

जब उनसे पूछा गया कि वह अपना ध्यान कैसे रखती हैं, उनका कहना था कि, अपने स्वास्थ्य की जांच के लिए वे आस्था परिवार वाली मैडम के संपर्क में हैं। 

वो कॉन्डम देते हैं और मुफ्त में एस.टी.आई चेकअप भी करवाते हैं। मैं भी हर छह महीने में एक बार एच.आई.वी. के लिए परीक्षण करवाती हूं। कभी-कभी, मुझे तो पीरियड की डेट भी नहीं याद रहती लेकिन मेरी काउंसलर मैडम मुझे याद दिलाती हैं। हम नियमित रूप से अपने काउंसलर्स से मिलते हैं. वे हमें बताते हैं कि हम अपनी देखभाल कैसे कर सकते हैं हमें कहा जाता है कि ग्राहकों को बिना कॉन्डोम के बिलकुल न करीब आने दें और अगर एस.टी.आई का कोई लक्षण है, तो तुरंत टेस्ट करवाया जाए। हम अपने स्वास्थ्य के लिए इन नियमों का खूब पालन करते हैं।’ 

येलावा से सवाल किया गया कि वो ग्राहकों को कॉन्डोम के लिए कैसे राज़ी करती है - यदि ग्राहक कॉन्डोम का उपयोग करने से मना कर दे और यदि कॉन्डोम उपलब्ध नहीं हो तो वो क्या करती हैं?

‘मैंने आस्था की बैठकों में भाग लिया है जहाँ उन्होंने हमें सिखाया कि ग्राहक को कैसे समझाएँ कंडोम का उपयोग करने के बारे में। मैं उन्हें बताती हूँ कि कि बिना कॉन्डोम का सेक्स थोड़े समय आनन्द देगी पर जिंदगी भर सज़ा बन जायेगी।’

‘मैंने अपने सहकर्मियों को एच.आई.वी से मरते देखा है और कोई भी बीमार लोगों की देखभाल नहीं करता है। आजकल बहुत कम ग्राहक कॉन्डोम के बिना जाने पर जोर देते हैं, उनमें से कुछ को ये विदेशी निर्मित कॉन्डोम भी मिलते हैं जिसमें नग्न महिलाओं की तस्वीर बनी होती है। यदि आप क्लाइंट से प्यार से बात करते हैं तो वे कॉन्डोम का उपयोग करने के लिए सहमत होते हैं।’

‘कॉन्डोम हमेशा हमारे वेश्यालय और लॉज में उपलब्ध होते हैं। अगर मैं ग्राहक के साथ शहर से बाहर जाने की योजना बना रही होती हूँ तो आस्था दीदी से और कॉन्डोम मांगती हूँ।’ 

‘यूँ तो मेरे लिए सभी पुरुष एक जैसे हैं, लेकिन ग्राहकों के साथ मैं कॉन्डोम के इस्तेमाल के लिए बातचीत कर सकती हूँ, उन पर दवाब डाल सकती हूँ पर साथी (प्रेमी) के साथ ऐसा नहीं हो पाता है। साथी कहते हैं कि वो पल का आनंद लेना चाहते हैं और कॉन्डोम नहीं उपयोग करना चाहते। ऐसे समय में न कहना मुश्किल होता है। पर मैं उन्हें उत्तेजित करने के लिए और भी कुछ करती हूँ. जैसे कि मैं अपने मुंह में कॉन्डोम रखती हूँ और ब्लो जॉब देने की बात भी करती हूँ, फिर इसी दौरान कॉन्डम डाल देती हूँ लिंग पर।’

यौन सुख के बारे में पूछने पर येलावा ने कहा, ‘मेरे लिए सेक्स वर्क आनंद नहीं है, यह मेरी आय का स्रोत है। यह कई बार सिर्फ 2 मिनट का कार्य है। कभी-कभी मैं उनका चेहरा भी नहीं देखना चाहती। हाँ, मेरे प्रेमी के साथ अलग है। वो मेरे साथ समय बिताता है। उपहार देता है। मुझे पता है कि मुझे खुश रहने का अधिकार है। जब मैं अपने प्रेमी के साथ होती हूं तो खुश होती हूं। मैं सब कुछ करती हूँ उनके साथ, उन्हें ख़ुश करती हूँ और उनके साथ सेक्स का मज़ा लेती हूँ।’

उनसे जब पूछा गया कि वर्तमान महामारी की वजह से उनके व्यवसाय में क्या व्यवधान हुआ है? क्या अब आपको नये ग्राहक मिल रहे हैं? क्या सेक्शुअल व्यवहार में कोई परिवर्तन आया है? क्या अब भी वे लगातार आते हैं?

सुनते ही येलावा जवाब देती हैं, ‘सब कुछ तो बदल गया है इस करोना, लॉकडाउन और सोशल डिस्टेंसिंग में। बहुत से ग्राहक अपने घरों को लौट गये हैं क्योंकि उनके लिए यहाँ काम नहीं बचा है। इन पूरे महीने में हमने ग्राहकों से बात नहीं की क्योंकि उन्हें पुलिस का डर लगता रहा। कुछ लोग मुझे विडियो भेजते थे और मुझे अपने विडियो भेजने को कहते थे। कुछ फ़ोन पर डर्टी टॉक करना चाहते थे ताकि उन्हें आनंद मिल सके। ये सब नये तरीक़े हैं जिससे हम ग्राहकों से जुड़े रह सकते हैं और पैसे भी कमा सकते हैं। मैं पहले उन्हें अकाउंट में पैसे भेजने को कहती हूँ फिर उनके साथ विडियो कॉल करती हूँ।’ 

‘अगर कोई ग्राहक आते हैं तो मैं हमेशा यह तय करती हूँ कि वे सब मास्क पहने रहें और अपने हाथों को साफ़ रखें, पर ये बताइए हम सोशल डिस्टेंसिंग कैसे मेन्टेन करें…’ (आखिरी पंक्ति कहते हुए येलावा खिलखिला उठती हैं)  वैसे तो मैं वे ही क्लाइंट लेती हूँ जिन पर भरोसा होता है पर एच.आई.वी जैसे इन्फेक्शन के बारे में बाहर से पता नहीं चल पाता है।’

क्या येलावा को गर्भावस्था से डर लगता है या फिर एस.टी.आई और एच.आई.वी से? 

येलावा ने कहा, ‘मैं अब गर्भवती नहीं होना चाहती क्योंकि मेरे बच्चे बड़े हो रहे हैं। मैं दवाई दुकानदार से इससे बचाव ख़ातिर गोलियां लेती हूँ। पर मैं एस.टी.आई या एच.आई.वी से डरती हूँ क्योंकि इसका कोई इलाज नहीं और मैंने लड़कियों को इस इन्फेक्शन से मरते देखा है।’ 

‘मेरी उम्र बढ़ रही है और कुछ सालों बाद मैं बहुत अधिक ग्राहक नहीं ले पाउंगी। मैं स्वस्थ रहना चाहती हूँ और बहुत अधिक कमाकर अपने बच्चों के लिए बचाना चाहती हूँ। वे पढ़ लिख लेंगे तो उन्हें ये काम नहीं करना पड़ेगा। गर्भ से बचाव के लिए मैं दवाई वाले से गोलियां तो ले लेती हूँ पर एच.आई.वी से बचाव के लिए भी उपाय होना चाहिए।’ 

 ‘मैंने अब तक (PrEp) दवाई के बारे में नहीं सुना था पर मुझे इसके बारे में और जानना है। क्या ये सबके लिए उपलब्ध है? कुछ जिससे मैं अपना बचाव कर सकूँ मैं लेना चाहूंगी, मेरे बच्चे मुझ पर  निर्भर हैं। मेरे ग्राहकों और आदमियों को भी मेरी ख़ातिर सुरक्षा बरतनी चाहिए।’

‘मैं इतना तो चाह ही सकती हूँ।’

तस्वीर में मौजूद व्यक्ति मॉडल हैं ।पहचान की सुरक्षा के लिए नाम बदल दिए गए हैं।

आस्था परिवार यौनकर्मियों की एक संस्था है जो विभिन्न पृष्ठभूमि, लिंग और आयु के लोगों को सुरक्षित यौन संबंधों के बारे में शिक्षित करता है। लव मैटर्स इंडिया और आस्था परिवार ने दिसंबर में एचआईवी / एड्स के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए साझेदारी की है, और यह एचआईवी / एड्स जागरूकता माह भी है।

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