आंटी जी कहती हैं, 'अरे बेटा, फिल्मों में तो हम हीरो को एक हाथ से गोली रोकते हुए और दूसरे ग्रहों से लोगों को धरती पर उतरते हुए भी देखते हैं। तो क्या हम इन सभी पर विश्वास कर लेते हैं। नहीं करते हैं ना? तो फिर इस बात पर क्यों विश्वास करें'?
आँखें और दिमाग खुला रखो
बेटा हरकीरत, वैसे तेरे सवाल से एक मुद्दा उभर कर आया है, कि तेरे जैसे युवाओं को लैंगिकता के बारे में कहां से जानकारी लेनी चाहिए? चल यह तो अच्छा हुआ कि तुझे लव मैटर्स मिल गया। लेकिन तेरे दोस्त यार? उनका क्या? उन्हें कहां से जानकारी मिलेगी? बेटा जी, फिल्मों और टीवी में तो हर चीज़ का मिला जुला रूप दिखाया जाता है जो वास्तविकता से बहुत ही अलग होता है और जो हम जो कुछ भी देखते हैं ना, उन सभी पर भरोसा नहीं कर सकते हैं।
सब कुछ सही नहीं होता
इसलिए बेटा, गर्भवती होने से जुड़ी इस ग़लतफ़हमी से बाहर निकलो। सच कहूं ना, तो हमारे समाज में सेक्स को शर्म से जोड़कर देखा जाता है और इसका ज़िक्र करना भी शर्मिंदगी की बात मानी जाती है। इसलिए हम बढ़ा चढ़ाकर इस बारे में बात करते हैं। फिल्मों में तो यह तरीका काफ़ी पुराना और लोकप्रिय भी है। अरे, एक लड़की ज्यादा शराब पीने के कारण भी तो उल्टी कर सकती है। इसका मतलब यह नहीं है ना कि वह प्रेगनेंट हो गई है। वैसे तो लड़कियों का शराब पीना समाज के लिए अपने आप में ही एक मुद्दा है।
यदि एक गर्भवती हीरोइन (जैसे सलाम नमस्ते फिल्म में प्रीति जिंटा) कहती है कि उसे एक ख़ास फ्लेवर का आइसक्रीम खाने का मन कर रहा है या सास कहती है कि बेटा बहू का तो खट्टा खाने का मन हो रहा होगा क्योंकि वह गर्भवती है तो क्या हम भी यही सोच लें कि सभी गर्भवती महिलाओं को भी ऐसा ही महसूस होता है।
बेटा, मैं तुझे बता दूँ कि हमेशा ऐसा नहीं होता, और ना ही हर महिला को गर्भावस्था में खट्टा और चटपटा खाने का मन होता है। ठीक उसी तरह उल्टी होने पर हर महिला प्रेगनेंट नहीं होती है। समझे ना?
मस्ती के लिए
तूने यह भी पूछा ना कि सेक्स के बारे में कहां से जानें? बेटा, सबसे पहले जिसे तुम लोग सेक्स की एकमात्र इनसाइक्लोपीडिया समझते हो, यानी कि पोर्न साइट्स, उसे तो छोड़ ही दो। अरे, पोर्न मजेदार तो होता ही है लेकिन ना तो यह वास्तविक होता है और ना ही वास्तविकता से इसका कोई संबंध होता है। इसलिए लड़कों को तो ख़ास हिदायत देती हूँ कि पोर्न फिल्मे जो कुछ दिखाती है उसे देखकर ही तुम अपने आप को ज्यादा ज्ञानी मत समझो। सच में, तुम इससे मज़े लेने के अलावा ज्यादा कुछ नहीं सीख सकते। पोर्न वास्तविक सेक्स के अनुभव से बहुत ही अलग है। इसलिए वास्तविकता में जियो।
बेटे, मज़े के लिए पोर्न देखना तो ठीक है लेकिन यदि तुम सोचते हो कि पोर्न देखकर यह जान जाओगे कि सेक्स कैसे किया जाता है और महिला और पुरुष शारीरिक संबंध कैसे बनाते हैं तो फिर रहने दो। यह तरीका बिल्कुल भी ठीक नहीं है।
सच्चाई जानते हुए भी समस्या को नज़रअंदाज़ करता समाज
सालों बीत गए लेकिन स्कूलों में अभी भी सेक्स शिक्षा हमारे पाठ्यक्रम का हिस्सा नहीं बन पाया। तुम जानते हो क्यों? क्योंकि वयस्क लोगों को यह डर है कि यदि युवाओं को सेक्स के बारे में बताया जाएगा तो वे इसे करना भी शुरू कर देंगे।
जाहिर है, लोग इस बात से अभी भी अनजान हैं कि युवा पहले से ही इसे कर रहे हैं। अरे मैं कहती हूं कि क्या यह ठीक नहीं रहेगा कि अगर तुम लोगों के पास सेक्स के बारे में सही जानकारी हो तो तुम्हारे पास सही विकल्प भी होगा। ऐसा तो है नहीं कि युवा प्यार में अंधे होकर सीधे अपने ही तरीके से सेक्स करना शुरू कर देंगे। आखिर वे परीक्षाओं में तो अपना दिमाग लगाते ही हैं तो फिर जीवन में अपने पसंद की चीजें भी तो सोच विचारकर करते होगें। करते हैं ना? तो फिर सेक्स को लेकर इतना संदेह क्यों?
हम बताते हैं
बेटा मैं तो यही कहूंगी कि किताबों, वेबसाइट और लेखों में सेक्स के बारे में सही और काफ़ी मज़ेदार जानकारी है जहां से तुम और तुम्हारे दोस्त जानकारी ले सकते हो।
अब हमें ही देख लो। फोरम और चर्चा मंच में पूछो। जानकारी मांगों। लेकिन हां जो कुछ भी तुम सुन रहे हो उसपर चुप मत बैठो। मेरे कहने का मतलब है कि गलतफहमी में मत पड़ो और लोगों के बातों की आलोचना करो। अगर कोई ऐसे शुरुआत करें कि ‘मैंने कहीं सुना है कि ऐसा होता है’ तो समझ लो यह सब काल्पनिक है। सेक्स और अपने शरीर के बारे में जानने में डरने से आप सुरक्षित नहीं रहेंगे लेकिन सही जानकारी पाकर आप ज़रूर सुरक्षित हो जाएंगे। इसलिए जाओ और जो सही है वही करो।
*गोपनीयता बनाये रखने के लिए नाम बदल दिए गये हैं और तस्वीर में मॉडल का इस्तेमाल किया गया है।
यह लेख पहली बार नवंबर 6, 2018 को प्रकाशित हुआ था ।
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