आंटी जी कहती हैं... अखिलेश भैया वैसे एक बात तो बिलकुल सच कही! मुझे पूरा विश्वास है कि तेरे जैसे और भी पुरुष होंगे जिन्हे अपने लिंग से परेशानी होगी, कभी यह तो कभी वोI है कि नहीं?
सब पढ़ लिया होगा
वैसे जहाँ तक मेरा ख्याल है, अब तक तो तूने पूरा का पूरा इंटरनेट चाट डाला होगा और तुझे पता होगा कि फिमोसिस क्या है, खतना क्या होता है और कैसे होता है, वगैरह वगैरहI तो इन बातों पर समय बर्बाद करने का कोई फायदा नहींI
सबसे पहले इससे जुड़े चिकित्सीय मुद्दे पर आते हैंI देख बेटा वैसे तो यह दिक्कत कई पुरुषो के साथ होती है और वो इसके साथ ही जीते रहते हैंI हाँ इससे कुछ बातो का खतरा ज़रूर बना रहता है, जैसे संक्रमण का और मुंड पर मैल जमा होने का जिससे दर्द या असुविधा हो सकती हैI
यह पेशाब के प्रवाह में भी रूकावट पैदा कर सकता है जिससे और जटिलताएं पैदा हो सकती हैंI तो बेटा इसे करवाने के फ़ायदे तो हैं ही, तभी तो इतने यह लोग करवाते हैं I
"ऑपरेशन"
अब आते हैं असल बात परI तुझे ऑपरेशन से डर लग रहा है ना? घबरा मत मेरे लाल बड़ा ही छोटा सा ऑपरेशन होगा और उसमे ज़्यादा समय नहीं लगेगाI
मुझे तो ऐसा लगता है बाहर आते हुए कई मर्द यह सोचते होंगे "यार यह मैंने पहले क्यों नहीं करवाया"I
कम से कम डॉक्टर से यह तो पूछ लें कि कितना टाइम लगेगा और वो तेरी चमड़ी के साथ क्या करेगाI मेरा मतलब तेरे लिंग की चमड़ी के साथI एक बात का विश्वास रख कि तेरे शिश्न को कुछ नहीं होगा और वो जहाँ है वहीं रहेगाI
शर्म किस बात की
देख हीरो सबसे पहले तो इसमें शर्म की कोई बात है ही नहींI और अगर तुझे अपने दोस्तों को बताने में शर्म आती भी है तो भाई किसने कहा है कि सबको बताओ? छुट्टी में करावालो यह कामI अगर तेरे दोस्त कहते हैं कि मैं छुट्टी में दिल्ली गया या कसौली गया, तो यार तुझे यह थोड़ी बताने की ज़रुरत है कि तूने छुट्टी में खतना करवायाI
इतनी ईमानदारी भी किस काम की? सीधा सीधा बोल देना कि "यार मैं तो घर पर ही था इस बार!" और वैसे भी घर पर ही रहने वाले होI बिस्तर पर आराम करना, कंप्यूटर पर फिल्में देखना और माँ के हाथ बना अपना मनपसंद भोजन खानाI अब भला इससे अच्छी छुट्टियां किसे मिल सकती हैI
पिताजी से बात कर
अच्छा होगा कि इस बारे में तू अपने घर के दुसरे पुरुषों खासकर अपने पिता से बात करI ज़िम्मेदारी उनकी भी है! अपने बेटे की निजी परेशानियां वो नहीं हल करेंगे तो कौन करेगा? तुम दोनों एक साथ भी डॉक्टर के पास जा सकते होI
और बेटा, सिर्फ इसलिए कि दूसरे तेरा मज़ाक उड़ाएंगे तुझे दर्द में रहने की और भविष्य में संक्रमण का खतरा मोल लेने की कतई ज़रुरत नहीं हैI आगे चलकर कोई अनहोनी हो गई तो उसका जवाब कौन देगा?
यहाँ एक बात और बता दूँ, शिश्न अगर मैला या गन्दा हो तो उसमे से बास आने लगती है और विश्वास रख, इससे ज़्यादा घिनौना कुछ नहीं हो सकताI अब बता, काट दिया जाये या छोड़ दिया जाये, बोल तेरे साथ क्या सलूक किया जाये?
गोपनीयता बनाये रखने के लिए हमने पिक्चर में एक मॉडल का इस्तेमाल किया हैI
क्या आपको भी शिश्न की चमड़ी या शिश्न से सम्बंधित कोई परेशानी है? हमे नीचे टिप्पणी करके या फेसबुक के ज़रिये संपर्क करेंI
आंटी जी कहती हैं... अखिलेश भैया वैसे एक बात तो बिलकुल सच कही! मुझे पूरा विश्वास है कि तेरे जैसे और भी पुरुष होंगे जिन्हे अपने लिंग से परेशानी होगी, कभी यह तो कभी वोI है कि नहीं?
सब पढ़ लिया होगा
वैसे जहाँ तक मेरा ख्याल है, अब तक तो तूने पूरा का पूरा इंटरनेट चाट डाला होगा और तुझे पता होगा कि फिमोसिस क्या है, खतना क्या होता है और कैसे होता है, वगैरह वगैरहI तो इन बातों पर समय बर्बाद करने का कोई फायदा नहींI
सबसे पहले इससे जुड़े चिकित्सीय मुद्दे पर आते हैंI देख बेटा वैसे तो यह दिक्कत कई पुरुषो के साथ होती है और वो इसके साथ ही जीते रहते हैंI हाँ इससे कुछ बातो का खतरा ज़रूर बना रहता है, जैसे संक्रमण का और मुंड पर मैल जमा होने का जिससे दर्द या असुविधा हो सकती हैI
यह पेशाब के प्रवाह में भी रूकावट पैदा कर सकता है जिससे और जटिलताएं पैदा हो सकती हैंI तो बेटा इसे करवाने के फ़ायदे तो हैं ही, तभी तो इतने यह लोग करवाते हैं I
"ऑपरेशन"
अब आते हैं असल बात परI तुझे ऑपरेशन से डर लग रहा है ना? घबरा मत मेरे लाल बड़ा ही छोटा सा ऑपरेशन होगा और उसमे ज़्यादा समय नहीं लगेगाI
मुझे तो ऐसा लगता है बाहर आते हुए कई मर्द यह सोचते होंगे "यार यह मैंने पहले क्यों नहीं करवाया"I
कम से कम डॉक्टर से यह तो पूछ लें कि कितना टाइम लगेगा और वो तेरी चमड़ी के साथ क्या करेगाI मेरा मतलब तेरे लिंग की चमड़ी के साथI एक बात का विश्वास रख कि तेरे शिश्न को कुछ नहीं होगा और वो जहाँ है वहीं रहेगाI
शर्म किस बात की
देख हीरो सबसे पहले तो इसमें शर्म की कोई बात है ही नहींI और अगर तुझे अपने दोस्तों को बताने में शर्म आती भी है तो भाई किसने कहा है कि सबको बताओ? छुट्टी में करावालो यह कामI अगर तेरे दोस्त कहते हैं कि मैं छुट्टी में दिल्ली गया या कसौली गया, तो यार तुझे यह थोड़ी बताने की ज़रुरत है कि तूने छुट्टी में खतना करवायाI
इतनी ईमानदारी भी किस काम की? सीधा सीधा बोल देना कि "यार मैं तो घर पर ही था इस बार!" और वैसे भी घर पर ही रहने वाले होI बिस्तर पर आराम करना, कंप्यूटर पर फिल्में देखना और माँ के हाथ बना अपना मनपसंद भोजन खानाI अब भला इससे अच्छी छुट्टियां किसे मिल सकती हैI
पिताजी से बात कर
अच्छा होगा कि इस बारे में तू अपने घर के दुसरे पुरुषों खासकर अपने पिता से बात करI ज़िम्मेदारी उनकी भी है! अपने बेटे की निजी परेशानियां वो नहीं हल करेंगे तो कौन करेगा? तुम दोनों एक साथ भी डॉक्टर के पास जा सकते होI
और बेटा, सिर्फ इसलिए कि दूसरे तेरा मज़ाक उड़ाएंगे तुझे दर्द में रहने की और भविष्य में संक्रमण का खतरा मोल लेने की कतई ज़रुरत नहीं हैI आगे चलकर कोई अनहोनी हो गई तो उसका जवाब कौन देगा?
यहाँ एक बात और बता दूँ, शिश्न अगर मैला या गन्दा हो तो उसमे से बास आने लगती है और विश्वास रख, इससे ज़्यादा घिनौना कुछ नहीं हो सकताI अब बता, काट दिया जाये या छोड़ दिया जाये, बोल तेरे साथ क्या सलूक किया जाये?
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