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मोटा हूँ, लोग मज़ाक उड़ाते हैं

द्वारा Auntyji मई 25, 04:42 बजे
आंटी जी मैं थोड़ा मोटा और गोल-मटोल हूँ। इसकी वजह से राह चलते लोग और सहकर्मी मेरा बहुत मज़ाक उड़ाते हैं। मुझे बहुत शर्म आती है। मैं क्या करूँ? हैरी (23), अमृतसर

आंटी जी कहती हैं.... ओह हैरी पुत्तर, कौन है यह बद्तमीज़ लोग जो ऐसा बर्ताव करते हैं? ज़रा भेज तो उन्हें अपनी आंटी जी के पास।

कुछ तो लोग कहेंगे लोगों का काम है कहना

तो बेटा सबसे पहले कौनसी बात कहूँ? अच्छी या बुरी? पहले बुरी ही दस्स देती हूँ, उसके बाद अच्छी वाली और अच्छी लगेगी। देख बेटा, बुरी खबर यह है कि लोग हमेशा हमारे रूप-रंग और डील-डोल को लेकर कोई ना कोई राय रखेंगे और टिप्पणी करेंगे। इतना ही नहीं वो हमारी जाति, नस्ल, लिंग और हमारे द्वारा लिए गए फैसलों पर भी टिपण्णी करेंगे। बस मौका मिलना चाहिए!

हो सकता है कि तू दुनिया का सबसे प्यारा, काबिल और होनहार नवयुवक हो लेकिन फ़िर भी लोग तेरी सारी खूबियों को नज़रअंदाज़ कर तेरे मोटापे पर ज़्यादा ध्यान देंगे। यह कुछ कुछ वैसा ही है जो मैंने पिछले हफ्ते कहा था कि हो सकता है कि तुम एक बेहतरीन गायक, शानदार कुक या बहुत अच्छे खिलाड़ी हो, लेकिन अगर तुम समलैंगिक हो तो वो बात ज़्यादा लोगों को याद रहेगी और वही ज़िंदगी भर के लिए तेरी पहचान बनकर रह जाएगीI और बेटा अब तू मोटा है तो है इसमें परेशान क्यों होनाI लोगों की चिंता मत कर क्यूंकि कुछ तो लोग कहेंगे, लोगों का काम है कहनाI अब अच्छी खबर सुनाऊं? अच्छी खबर यह है कि बुलेटिन समाप्त!

अपने बारे में सोच

सवाल यह है कि तू इस बारे में क्या कर सकता है? क्या तू सच में कुछ करना चाहता है बेटा? देख बेटा अगर इन बातों से तुझे बहुत ठेस पहुँचती है अगर तू सच में कुछ करना चाहता है तो अपना वज़न कम कर लेI उससे ना सिर्फ़ तू अच्छा दिखेगा बल्कि तू अच्छा महसूस भी करेगाI एक और रास्ता है तेरे पासI वो यह कि लोगों की बातों से परेशान होना बंद कर दे और जैसा चल रहा है वैसे ही चलने देI अब यह तुझे चुनना है कि तू क्या करना चाहता हैI

तू अपनी शक्ति और समय अपने बारे में सोचने और अपने शरीर को बेहतर बनाने में लगा, बोलने दे जिसे जो बोलना है

अगर तुझे सच में लगता है कि तुझे पतला होना चाहिए तो पहन अपने जूते, बाँध उनके तस्मे और लग जा दौड़ने! चाहे हम जैसे भी हों हमें अपने बारे में अच्छा महसूस करना चाहिए, बस!

स्वस्थ रहो, खुश रहो

पुत्तर जब हम अस्वस्थ होते हैं तो अपने बारे में अच्छे और मज़बूत फैसले नहीं ले पातेI बेटा हैरी तेरे दुखी रहने का तब तक कोई फायदा नहीं जब तक तू अपने आपको बदलने के लिए कोई कदम नहीं उठाताI तो ना सिर्फ़ तुझे लोगों की सोच को बदलना होगा बल्कि लोगों की टिप्पणियों से निपटने के अपने रवैये को भी बदलना होगाI

अगर तुझे यह लगता है कि लोगों की कही बातों से किसी को फ़र्क़ नहीं पड़ना चाहिए तो फ़िर तुझे खुद का नजरिया भी बदलना पड़ेगाI तू चिल्ला कर सबको बता सकता है, "भाई लोगों मैं अपने आप से बेहद खुश हूँ तो अपनी टीका-टिपण्णी अपने पास रखो!" किसी और की बातों का इस बात पर कोई असर नहीं पड़ना चाहिए कि तू अपनी ज़िंदगी कैसे जीता हैI

हम कई बार इसी दबाव में फंसे रह जाते हैं कि समाज में हमें स्वीकृति मिले और लोग हमारे बारे में कुछ गलत ना बोलेI अगर हम लोगों के कटाक्ष पर ध्यान देना शुरू कर देंगे तो हम अपने आप को खुद की ही नज़र में गिरा देंगेI इससे ना सिर्फ़ आपके आत्मसम्मान को ठेस पहुंचेगी बल्कि आप को अपने वजन, अपने डील-डॉल और अपने पूरे अस्तित्व के बारे में शर्मिंदगी महसूस होनी शुरू हो जाएगीI मेरी एक बात हमेशा याद रखना हैरी बेटे, तू सिर्फ़ मोटा है और इससे तेरे स्वाभिमान पर कोई आंच नहीं आनी चाहिएI

आखिर में बस यही कहूंगी कि अपना ध्यान अच्छे लोगों और अच्छे स्वास्थ्य में लगाI चुस्त रह और अपनी ज़िन्दगी अपने ढंग से जीने की कोशिश करI बेटा खुश रहने का बस यही एक गूढ़ मन्त्र हैI

लेखक की गोपनीयता बनाए रखने के लिए फोटो में एक मॉडल का प्रयोग किया गया हैI

क्या अप भी अपने वज़न को लेकर चिंताग्रस्त हैं? अपने सवाल हमारे फोरम जस्ट पूछो पर हमसे पूछें या फेसबुक पर हमसे संपर्क करेंI

क्या आप इस जानकारी को उपयोगी पाते हैं?

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