- भगशिश्न ओर्गास्म
8000 नाड़ियों के समागम वाले इस बिंदु को महिलाओं के शरीर का सबसे संवेदनशील अंग कहा जा सकता है। भगशिश्न चरम तक मुखमैथुन या उँगलियों की छुअन के ज़रिये पहुंचा जा सकता है। जहाँ कुछ महिलाओं को नाज़ुक छुअन बेहतर महसूस कराती है, वहीँ कुछ महिलाओं को इस भाग पर ज़ोर से सहलाना या छूना ज़्यादा रास आता है। न्यू यॉर्क सिटी के विख्यात सेक्स विशेषज्ञ और साइकोलोजी टुडे के लेखकों में से एक सारी कूपर के अनुसार भगशिश्न के आसपास घुमावदार स्पर्श चरम तक पहुँचाने का सबसे आम तरीका है। - योनि ओर्गास्म
इस ओर्गास्म में भेदन की ज़रूरत होती है, और अक्सर इसमें ज़्यादा समय लगता है।लय और गति इस प्रक्रिया में महत्वपूर्ण होती है और आसन बदलने से ओर्गास्म थोडा आसान हो सकता है। कई महिलाएं इसे भगशिश्न ओर्गास्म की तुलना में कम गहन मानती हैं लेकिन उनके अनुसार यह ओर्गास्म प्रवर्ति में विस्फोटक होता है। - जी स्पॉट ओर्गास्म
रिसर्च दर्शाती हैं कि इस तरह का ओर्गास्म केवल 30 प्रतिशत महिलाएं ही अनुभव कर पाती हैं और इस वजह से इसे असाधारण कहा जा सकता है। इसके लिए सबसे पहले ये ज़रूरी है कि जी-स्पॉट असल में कहाँ होता है यह पता चल सके। और इसके लिए धैर्य चाहिए। लगातार और गहनता से किया जाने वाला स्पर्श आनंद के इस विस्फोट में परिवर्तित हो सकता है। हालांकि कुछ वैज्ञानिकों का दावा है कि असल में जी स्पॉट जैसा कुछ है ही नहीं! - फुहार वाला ओर्गास्म
इसे महिलाओं का स्खलन भी कहा जाता है। जी स्पॉट वाले ओर्गास्म के बाद भी अगर उसे लगातर उत्तेजित किया जाता रहे तो परिणाम स्वरुप स्खलन हो सकता है। जो भाग्यशाली महिलाएं इसका अनुभव कर चुकी हैं, उनका कहना है कि यह एक अद्भुत अनुभव है जिसका वर्णन शब्दों में किया जाना असंभव है!
अंत में, ओर्गास्म जिस भी प्रकार का हो, आनंददायक तो अवश्य होता है। यदि आप आप अपने साथी के साथ सहज हों, तो ओर्गास्म आसान हो सकता है। लेकिन ज़रूरी ये है कि सेक्स का लुत्फ़ बिना ओर्गास्म की रेस लगाये किया जाये!
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