और यह बहुत काम के भी हैं...आखिर, इनका इस्तेमाल सिर्फ बच्चे को दूध पिलाने के लिए नहीं होता।
यह एक सेक्स ऑर्गन भी तो हैं और बहुत संवेदनशील भी, जिनको छुने से महिला बहुत कमोतेजित भी महसूस करती है। और यह कहने की तो ज़रुरत ही नहीं की, अधिकतर लोगों को स्तन बहुत ही आकर्षक लगते हैं! स्तन (ब्रैस्ट) पर पेश हैं हमारे पांच बडे तथ्य।
स्तन की शुरुवात
स्तन किशोरावस्था के दौरान बढ़ना शुरू करते हैं। इसकी शुरुवात 8 साल की उम्र से भी शुरू हो जाती हैं, लेकिन 13 साल तक शायद ये बहुत ना बढ़े। स्तन 21 साल की उम्र तक बढते रहते हैं, और यह उम्र भर थोडे छोटे या बढ़े भी होते रह सकते हैं। हर शरीर अलग अलग रफ़्तार से बढ़ता है, तो आप चिंतित मत होइये अगर आपको लगे की आपके स्तन आपके दोस्तों के बजाये कम या ज्यादा बढ़ रहे हों।
अधिकतर, स्तन असमान साइज़ और आकार के होते हैं। 20 साल की उम्र के आसपास, यह फर्क खतम हो जाता है, हालाँकि इस उम्र के बाद भी अलग अलग आकार और साइज़ के स्तन होना कोई अजीब बात नहीं है. तो इसमें चिंता करने की कोई बात नहीं है।
स्तन साइज़ निर्धारित कैसे होता है?
आपके स्तन का साइज़ और आकार आपके जींस से निर्धारित होता है, और कुछ हद तक, इन स्तनों के आकार उसके आसपास के मासपेशियों से भी प्रभावित होता है। आप यह भी देखते होंगे की आपके वजन के बढने और घटने की वजह से भी आपके स्तन बडे और छोटे होते हैं।
आपके स्तन का साइज़ महीने पर भी निर्धारित हो सकता है: हर महीने, आपके हारमोंस आपके स्तनों को गर्भधारण के लिए तैयार करते हैं। महीने के कुछ दिन वो थोडे बडे और ज्यादा संवेदनशील भी हो जाते हैं। और फिर माहवारी ख़त्म होने के बाद, वो अपने असल साइज़ और आकार में आ जाते हैं। और हाँ, आपके स्तन के साइज़ पर आपकी गर्भनिरोधन गोलियों का भी असर हो सकता है।
क्या स्तन के साइज़ से फ़र्क पड़ता है?
बहुत सारी महिलाएं और लड़कियां अपने स्तन साइज़ के बारे में बहुत चिंता करती हैं, यह सोचकर की वो या तो बहुत बडे हैं या बहुत छोटे। और कुछ लड़कियों को इसके लिए चिढ़ाया भी जाता है।
शारीरिक और जीव विज्ञानं सम्बन्धी बात करे तो साइज़ से वाकई कोई फ़र्क नहीं पड़ता। आपके स्तन के साइज़ और आकार से उनके ज़्यादा संवेदनशील होने का कोई लेना-देना नहीं है। और यह बहुत ही दकियानुस सोच हैं की लड़कों को बडे स्तन ही अच्छे लगते हैं - अरे हर लडके की अपनी पसंद होती है।
अगर आप वाकई अपने स्तन का साइज़ बदलना चाहते हैं, तो ध्यान रखे की ऐसा कोई प्रूफ नहीं है जो ये निर्धारित कर सके की किसी तरह की कसरत, करें के इस्तेमाल या स्प्रे से आपके स्तन बड़े हो सकते हैं। स्तन के साइज़ को बदलने का केवल एक ही तरीका है और वो है प्लास्टिक सर्जरी। और अगर आपको लगता है की आपके स्तन बहुत ही ज़्यादा बड़े हैं, इतने बड़े की आपको पीठ में दर्द जैसी दिकत भी होती है, तो भी सर्जरी के ज़रिये आप इन्हें छोटा करवा सकते हैं। लेकिन ध्यान रहे, ये सर्जरी काफी बड़ी और महंगी होती है और इसके बारे में सोच समझकर ही फैसला लें।
स्तनाग्र (निपल) के बारे में सब कुछ
स्तन की तरह, स्तनाग्र भी, साइज़ और रंग में अलग अलग होते हैं। ये महिला शरीर का सबसे संवेदनशील भाग भी होता है। जब कोई महिला या लड़की उत्तेजित होती है, उनके स्तनाग्र तन जाते हैं और खडे हो जाते हैं (लेकिंग ये तब भी हो सकता है जब उसको ठण्ड लगे!) अधिकतर स्तनाग्र के आसपास बाल भी उग जाते हैं - और अगर आप उन्हें चिमटी से निकालना चाहते हैं तो वो आप कर सकते हैं।
और हाँ स्तनाग्र से द्रव निकालना भी नार्मल हैं। आपके स्तन अलग अलग मात्रा में जीवन भर द्रव बनाते हैं। आपको चिंतित तभी होना चाहिए अगर यह द्रव लाल, गुलाबी या भूरे रंग का हो; और लगातार ही बह्ता रहे (अगर आप गर्भवती हैं तो बात अलग है)। आप बिना देरी करे अपने डॉक्टर से संपर्क करे।
ओर्गस्मिक स्तन
स्तन शरीर का बहुत ही संवेदनशील हिस्सा होते हैं और बहुत सारी महिलाएं अपने साथी द्वारा इनको छुना, चीभ से चाटना, डाट से काटना बहुत अच्छा लगता है और कमोतेजित करता है। इसका कारण है की स्तन का योनि तक तांत्रिक प्रभाव होता है जो की दिमाग के उस भाग तक जुड़ता है जो ओर्गास्म के लिए काम करता है।
इसलिए महिला के स्तनाग्र को छुना या चूमना उन्हें बहुत आनंदायक महसूस करता है - इसका असर कई बार इतना हो सकता है की महिला को ओर्गास्म/चरमानंद भी दे सकता है!