- हिंसा
हिंसा प्रताड़ना का सबसे आम स्वरुप है। हिंसा की धमकी भी भविष्य में होने वाली संभावित प्रताड़ना की चेतावनी है। यदि आपका साथी आपके साथ किसी भी प्रकार की हिंसा कर रहा है, तो आपको यह सम्बन्ध तुरंत तोड़ देने के बारे में सोचना चाहिए। किसी भी तरह की हिंसा को बर्दाश्त करना गलत है। चाहे आप अपने साथी से कितना भी प्यार क्यों न करते हों, यदि आपको उनसे डर लगता है तो यह सही नहीं है। - अस्थिरता
व्यव्हार में उतार-चढाव, अत्यधिक अनियमितता भी स्वस्थ सम्बन्ध को इंगित नहीं करते। यदि उन्हें एक पल आप पर बेहद प्यार आता है लेकिन अगले ही पल गुस्सा आ जाता है तो यह बर्ताव चिंता का विषय है। आप प्यार के उस एक पल की आस में शायद उनके साथ सारी उम्र प्रताड़ना झेलने के बारे में सोच रहे हों, लेकिन यह सामान्य भी नहीं है और सही भी नहीं।
यह लेख हिंसात्मक साथी के विरुद्ध हमारे अभियान #BearNoMore का हिस्सा है।
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नियंत्रण अक्सर रिश्ते की शुरुवात के साथ ही शुरू हो जाता है। संभव है कि आपका साथी खुद को आप पर जबरन थोपने की कोशिश करे, आपके सहजता के स्तर से परे। यह मुमकिन है कि आपका साथी आपसे पहले आपके प्रति ज़्यादा जुड़ाव महसूस करने लगे लेकिन यदि इस सब के चलते वो आपकी भावनाओं को नुकसान पहुंचाते हैं तो यह सही नहीं है। आगे चलकर यही नियंत्रण के चलते संभव है कि आपका साथी आपको वो सब करने के लिए मजबूर करने लगे जो आप करना ही नहीं चाहते- जैसे कि आप क्या पहनते हैं या किसके साथ मिलते जुलते हैं। यह ज़बरदस्ती भावनात्मक प्रताड़ना है।
हल्की- फुल्की ईर्ष्या का भाव सामान्य बात है लेकिन यह भाव भी मुसीबत बन सकता है। इस तरह का बर्ताव करने वाला व्यक्ति आपको उनके साथ समय न गुज़ारने के लिए बुरा महसूस करा सकता है या फिर ज़रूरत से ज़्यादा फ़ोन या मेसेज करके आपकी व्यक्तिगतता में खलल डाले। ये सभी संकेत आवश्यकता से अधिक नियंत्रण रखने के हैं। ऐसा व्यक्ति आगे चलकर आपके जीवन की डोर अपने हाथ में लेने की कोशिश कर सकता है।
एक स्वस्थ रिश्ता में आपको सुकून पहुंचना चाहिए। अकेलापन पैदा करने वाला रिश्ता सही कैसे हो सकता है? यदि आप अपने साथी को अपने दोस्तों या परिवार के साथ मिलवाने में झिझक महसूस करते हैं या फिर आपका साथी आपको आपके अपने लोगों से दूर करने की कोशिश करता है तो यह प्रताड़ना का ही एक स्वरुप है।
किसी भी हालात में अपशब्दों को सहना सही नहीं है। यदि आपका साथी अक्सर आपसे अपमानजनक बातें और कटाक्ष शब्दों का इस्तेमाल करता है तो यह प्रताड़ना है।
ऐसे लोगों से सावधान रहिये जो आपको उन पर निर्भर बनाना चाहते हैं। यह निर्भरता शारीरिक, मानसिक, या फिर भावनात्मक हो सकती हI लेकिन अंत में इसका परिणाम यही निकलता है कि निर्भरता के चलते वो आपके जीवन पर अपना नियंत्रण बनाना चाहते हैं।
क्या आपका साथी अक्सर आपको नीचा दिखाने की कोशिश करता है? और यदि आप इसके विरुद्ध आवाज़ उठाते हैं तो आपके साथ किये गए दुर्व्यवहार को भी आपकी गलती बताता है। हर मामले में आपको गुनहगार ठहराना, आपकी हर बात को गलत साबित करना, खुद की नाकामयाबी के लिए भी आपको दोष देना, ये सभी प्रताड़ना के रूप हैं।