semen power
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आईये जाने वीर्य कितना जादुई है!

कुछ संस्कृतियों में लोग सदियों से ऐसा मानते आए हैं कि वीर्य (सीमन) में कुछ विशेष शक्तियां होती हैं। और कुछ लोगो के लिए यह बस एक ऐसा चिपचिपा पदार्थ है जो कपड़े के साथ-साथ अखबारों की हेडलाइन से भी हमेशा चिपका ही रहता है! लेकिन क्या सीमन वास्तव में एक जादुई पदार्थ है? या सिर्फ़ ब्लोजॉब का सुख पाने के लिए पुरुष इसका जलवा बना कर रखते हैं! आइए जानते हैं.

वीर्य क्या है?

वीर्य, सफेद भूरे रंग का शरीर का तरल पदार्थ (बॉडी फ्लूइड) है जो पुरुषों के प्रजनन अंग यानी लिंग से स्खलित होता है या निकलता है और इसमें शुक्राणु (स्पर्म) कोशिकाएं होती है। यह महिला के अंडों को निषेचित करने में मदद करता है। इस प्रक्रिया को स्खलन कहा जाता है।

शरीर इसे कैसे बनाता और निकालता है?

वीर्य पुरुष के अंडकोष में नहीं बल्कि पेल्विस के अंदर की ग्रंथियों में बनता है। अंडकोष शुक्राणु बनाते हैं जो वीर्य में लिपटे होते हैं और इसी के माध्यम से एक जगह से दूसरी जगह जाते हैं।

जब पुरुष को ऑर्गेज्म होता है, तो वीर्य उसके प्रजनन तंत्र के ट्यूब के जरिए आगे आता है और लगभग पांच से दस बार में झटके के साथ लिंग से बाहर आता है। कुछ पुरुषों में यह एक फव्वारे की तरह बाहर निकलता है, जबकि दूसरों में यह सिर्फ टपकता है (हालांकि इन चीजों से महिला के गर्भवती होने की संभावना पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है)। कभी-कभी पुरुष नींद में भी स्खलित हो जाते हैं - इसे स्वप्नदोष होना कहते हैं।

क्या वीर्य (सीमन) और शुक्राणु (स्पर्म) एक ही चीज़ हैं?

नहीं, वीर्य और शुक्राणु एक दूसरे से बिलकुल ही अलग हैं। शुक्राणु एक सूक्ष्म कोशिका है जो वीर्य का एक हिस्सा है। शुक्राणु नंगी आंखों से दिखाई नहीं देते हैं और सेक्स के दौरान महिला के शरीर के अंदर अंडे को निषेचित करते हैं।

जबकि वीर्य एक तरल पदार्थ है जिसमें स्पर्म कोशिकाएं होती हैं। यह सफेद, पीले या हल्के भूरे रंग का गाढ़ा और चिपचिपा तरल पदार्थ होता है जो लिंग से बाहर निकलता है।

वीर्य/शुक्राणु से महिला कैसे प्रेगनेंट होती है?

सेक्स के दौरान (जब लिंग योनि में जाता है), योनि के अंदर वीर्य का स्खलन होने पर महिला प्रेगनेंट हो सकती है। सीमन में लाखों शुक्राणु होते हैं लेकिन गर्भावस्था के लिए केवल एक शुक्राणु की ही आवश्यकता होती है।

एक बार जब शुक्राणु योनि के जरिए शरीर में प्रवेश करता है, तो यह गर्भाशय ग्रीवा और गर्भ के जरिए फैलोपियन ट्यूब तक जाता है, वहां वह अंडाशय से रिलीज मैच्योर अंडे या एक ओवम यानी डिंब से मिलता है। पीरियड्स शुरू होने से 12-16 दिन पहले ओव्यूलेशन होता है, इस दौरान अंडाशय एक या एक से अधिक अंडे छोड़ते हैं। इसीलिए, जब महिला ओवुलेट कर रही होती है या ओव्यूलेट होने वाली होती है, तो उस दौरान गर्भधारण की संभावना अधिक होती है।

क्या आप इसे निगल सकते हैं?

वीर्य शरीर का तरल पदार्थ है इसलिए यदि किसी व्यक्ति को कोई यौन संचारित रोग और संक्रमण है, तो उसके वीर्य में भी ये संक्रमण हो सकते हैं। यहाँ तक कि एचआईवी भी हो सकता है।

हालांकि, यदि दोनों पार्टनर को पहले कभी भी कोई यौन रोग नहीं हुए हैं और उन्होंने हाल ही में इसका टेस्ट भी कराया है, साथ ही उन्होंने कई लोगों के साथ सेक्स नहीं किया है और दोनों इसके लिए सहमत हैं तो वीर्य को निगलना या पीना सुरक्षित है।

प्रोटीन के अलावा, वीर्य में जिंक क्लोराइड, सोडियम साइट्रेट, लैक्टिक एसिड, कैल्शियम, मैग्नीशियम और पोटेशियम जैसे तत्व होते हैं, इसके अलावा हार्मोन एस्ट्रोन, एंडोर्फिन, प्रोलैक्टिन, सेरोटोनिन और ऑक्सीटोसिन होते हैं, जिसे निगला जाए तो ये वास्तव में हेल्दी हो सकते हैं।

सीमन और स्पर्म से जुड़े मजेदार तथ्य

  • वीर्य पोषक तत्वों से भरपूर होता है! इसमें न केवल प्रजनन करने वाली शुक्राणु कोशिकाएं होती हैं, बल्कि फ्रुक्टोज, अमीनो एसिड, एंजाइम, साइट्रिक एसिड, प्रोटीन, फॉस्फोरिलकोलिन, विटामिन सी, जिंक, मैग्नीशियम, फास्फोरस, पोटेशियम, विटामिन बी 12, नाइट्रोजन और कैल्शियम भी होते हैं!

 

  • वीर्य का एक स्खलन लगभग आधा चम्मच होता है, जिसमें लगभग 200 मिलियन शुक्राणु (स्पर्म) होते हैं!

 

  • पुरुष का शरीर प्रति सेकंड लगभग 1,500 शुक्राणु बनाता है।

 

  • शुक्राणु योनि के अंदर पांच दिनों तक जीवित रह सकते हैं।

 

  • हालांकि मेनोपॉज के बाद महिलाओं में अंडे बनना बंद हो जाते हैं, लेकिन पुरुषों में आखिरी सांस तक शुक्राणु बनते रहते हैं।

 

  • कुछ महिलाओं को वीर्य से एलर्जी भी होती है। हां, यह शब्द अजीब लग सकता है, उस एलर्जी को "सेमिनल प्लाज्मा हाइपरसेंसिटिविटी" कहा जाता है। योनि क्षेत्र में लालिमा, सूजन, खुजली और जलन इसके कुछ लक्षण हैं।

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Comments
Rahul bete hastmaithun se aisa nahi ho sakta, virya ka nikalana ek sharirik prakriya hai, jo kabhi kam ya kabhi jyada ho sakta hai, don't worry! Bas swasth rahiye aur yaad rakhiye ki hastmaithun ek safe /surakshit tareeka hai apni santushti karne ka. Isse koi nuksaan ya beemari nahin hoti. Yeh bhee padhiye: https://lovematters.in/hi/resource/men-masturbating https://lovematters.in/hi/our-bodies/is-masturbation-unhealthy Yadi aap is mudde par humse aur gehri charcha mein judna chahte hain to hamare discussion board “Just Poocho” mein zaroor shamil ho! https://lovematters.in/en/forum
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