ऑव्यूलेशन क्या है
चलिए एकदम शुरू से शुरू करते हैं। जन्म के समय स्त्री के शरीर में 30 लाख अंडे होते हैं। प्यूबर्टी जोकि समान्यतः 10 से 15 साल के बीच शुरू होती है, उनका मासिक चक्र शुरू होता है जोकि मेनोपाज़ की उम्र, 45 से 50 साल तक चलता रहता है।
मासिक चक्र का पहला दिन पीरियड का पहला दिन होता है और मासिक चक्र का अंतिम दिन अगले पीरियड के शुरू होने का पहला दिन माना जाता है, मासिक चक्र समान्यतः 28 दिनों का माना जाता है (लेकिन यह चक्र इससे छोटा यानी 21 दिन और इससे बड़ा यानी 40 दिनों का भी हो सकता है)।
ऑव्यूलेशन सामान्यतः मासिक चक्र के बीच के समय में होता है। ऑव्यूलेशन स्त्री के मासिक चक्र का वह हिस्सा है जब उसका शरीर ऑव्यूलेट कर रहा होता है यानी इस इस समय ओवरी द्वारा एक या एक से अधिक अंडे का निष्कासन होता है जोकि फेलोपियन ट्यूब में जाने के लिए तैयार होता है। यही वह समय है जब स्त्री शरीर सबसे अधिक उर्वर होता है। इस दौरान सेक्स करने से प्रेग्नेंसी के बहुत आसार होते हैं।
आइए, यह पता लगाते हैं कि शरीर ऑव्यूलेशन की प्रक्रिया से गुज़र रहा है, यह कैसे जानें-
मुझे कैसे पता चलेगा कि मैं ऑव्यूलेशन प्रक्रिया में हूँ/ लक्षण
- शरीर का तापमान
ऑव्यूलेशन के दौरान शरीर में कुछ बदलाव आते हैं। इस समय शरीर के तापमान में हल्की बढ़त होती है। यह शरीर में प्रोजेस्टरोन हार्मोन के बढ़ने के कारण होता है।
हर सुबह मेडिकल स्टोर में मिलने वाले सामान्य थर्मामीटर से शरीर का तापमान लेकर यह पता लगाया जा सकता है कि ऑव्यूलेशन की प्रक्रिया करीब है। हालाँकि यह तरीका बहुत प्रामाणिक नहीं है। ओवरी से एग (अंडे) के निष्कासन के लिए ल्यूटीनइजिंग हार्मोन या एल एच हार्मोन जिम्मेदार हैं और ऑव्यूलेशन से तीन दिनों पहले शरीर में इसकी मात्रा बढ़ जाती है।
- सर्विकल म्यूकस प्रक्रिया
सर्विकल म्यूकस वजाइनल डिस्चार्ज का हिस्सा है जो अंडरवियर में जमा हो जाता है। सर्विकल म्यूकस का मुख्य काम यूटरस में सरविक्स के माध्यम से हुआ कोई प्रवेश रोकना है और पोषण प्रदान करते हुए स्पर्म को सरविक्स द्वारा यूटरस में प्रवेश करने में सहायता देना है। यह सरविक्स के पास स्थित ग्लैण्ड द्वारा उत्सर्जित होता है।
सर्विकल म्यूकस (वेजाइनल डिस्चार्ज का हिस्सा) का प्रकार मासिक चक्र के अलग अलग हिस्सों में भिन्न होता है। सर्विकल म्यूकस साफ़, पानीदार, लिसलिसा या स्लिपरी होता है और इसकी अक्सर कच्चे अंडे के सफेद हिस्से से तुलना की जाती है जो स्पर्म को ओवम (फ़ीमेल एग) तक ले जाने में सहायक होता है।
इस निकास के प्रकार का पता लगाकर ऑव्यूलेशन के होने का समय पता लगाया जा सकता है। इसे सर्विकल म्यूकस प्रक्रिया कहा जाता है।
- ऑव्यूलेशन किट्स
होम प्रेग्नेंसी किट की तरह होम टेस्टिंग ऑव्यूलेशन भी मेडिकल स्टोर पर उपलब्ध हैं। यह किट यूरिन में एल एच लेवल की जांच कर ऑव्यूलेशन के समय को बताता है। यह बहुत ही असरदार और सहज प्रक्रिया है।
हालाँकि अगर आप पॉलीसिस्टिक ओवरीन सिंड्रोम या (पीसोएस/पीसीओडी) बीमारी से पीड़ित है, आपको कई पॉजिटिव रिज़ल्ट उस समय भी प्राप्त हो सकते हैं जब आप ऑव्यूलेशट नहीं कर रहे हों। ऐसे हालात में यह किट बेअसर हो जाती है।
- एपस् और वेबसाइट
ऐसे भी एपस् और वेबसाइट हैं जो आपसे कुछ निजी सवाल पूछकर और मासिक चक्र की तिथि और आपके शरीर की जानकारियाँ लेकर ऑव्यूलेशन के समय का पता लगाते हैं। इस प्रक्रिया में वह एक स्त्री का शरीर कब ऑव्यूलेशन प्रक्रिया से गुज़रता है, इसका पता लगाते हैं। ऑव्यूलेशन चक्र को ट्रैक करके यह पता लगाया जा सकता है कि मासिक चक्र के किस दिन ऑव्यूलेशन होता है। इस तरह ऑव्यूलेशन कैलेंडर का पता चल जाता है।
ऑव्यूलेशन के अन्य लक्षण
कुछ स्त्रियों में ऑव्यूलेशन के दौरान कुछ बदलाव होते हैं , जैसे –
- पेट के एक हिस्से में हल्का दर्द
- पेल्विस/पेट के बाएं हिस्से में मरोड़ या दर्द
- सेक्स की इच्छा बढ़ना
- पेट बहुत भरा हुआ महसूस होना
- दृष्टि, गंध और स्वाद की तीव्रता
- अंडरवियर में हल्का दाग लगना
- स्तनों का मुलायम हो जाना