केवल एक प्रतिशत युवा भारतीय महिलाएं जिन्होंने विवाहपूर्व सेक्स किया है, कंडोम का इस्तेमाल करती है।
लड़कों के लिए ये आंकड़ा उंचे है, लेकिन फिर भी चार में से केवल एक ने ही अपनी महिला दोस्त के साथ संभोग के दौरान कंडोम का इस्तेमाल किया। इसके प्रमुख कारण है जानकारी की कमी,शर्मिंदगी और कंडोम खरीदने की परेशानी-ऐसा लेखक का कहना है।
महिलाएं कंडोम का इस्तेमाल तब करती है जब उनका रिश्ता उनके विश्वसनीय और स्थायी साथी के साथ कामोत्तेजक होता है - इसका एक कारण ये भी है कि अपने पुरुष दोस्त के साथ उन्हें भविष्य की योजना बनाने का समय मिलता है। फिर भी, स्थायी साथियों के साथ, लडि़कयों के असुरक्षित संभोग करने की संभावना ज्यादा है, ऐसा पॉपुलेशन कॉसिंल के नये शोध में बताया गया है।
बिना गंभीरता के रिश्तें अधिकतर पैसे और उपहार के लेन-देन के होता है, और शायद जबरन भी, इसलिए इन परिस्थितियों में, महिलाएं कंडोम की बात करने में संकोच महसूस करती है।
वेश्यावृत्ति करने वाली महिलाएं
पुरुष अधिकतर उन महिलाओं का विश्वास ज्यादा करते है जिनके साथ वो रूमानी ढंग से रिश्ते में बंढे हुये है और उन्हें उनसे किसी भी तरह का रोग लगने का कोई डर नहीं होता। बिना गंभीरता वाले संबंधों में वो किसी भी तरह का रोग लगने के बारे में ज्यादा सोचते रहते है।
साथी ही, कंडोम कुछ खतरे वाले वर्ग जैसे कि वेश्याओं को आसानी से उपलब्ध हो जाते है। एक वेश्या ने मुझे खुद ही कंडोम दिया, ये एक अविवाहित बिहारी लड़के ने शोधकर्ताओं को बताया। उस वेश्या ने मुझे बताया कि "अगर मैं कंडोम का इस्तेमाल नहीं करूंगा, तो मुझे किसी तरह का रोग लगने की संभावना है...मैंने कभी अपनी महिला दोस्त के साथ संभोग के दौरान कंडोम का इस्तेमाल नहीं किया, क्योंकि एक दो बार के संभोग में कुछ नहीं होता है।"
खतरा
बहुत सारे लोगों के लिए, कंडोम का मिलना परेषानीहै। "हमारे गांव में, कंडोम्स उपलब्ध ही नहीं है," तमिल में रहने वाले एक विवाहित लड़के का कहना है।"मैं कहीं बाहर से कंडोम खरीद भी नहीं सकता। इसीलिए एहतियात के तौर से मैं सेक्स के बाद नहा लेता हूं।" ये स्वच्छ महसूस करने का और रहने का तरीका जरूर है पर किसी भी तरह के यौन संक्रमित रोग से बचने में बिल्कुल मदद नहीं करता।
अगर कंडोम बिल्कुल कम दामों में भी उपलब्ध हो, तो भी ये जरूरी नहीं कि लोग उसे खरीदने में संकोच करेंगे ऐसा ही शोध में पाया गया है। यौन संक्रमित रोग के बारे में जानकारी की बहुत कमी है और इसका पता इन्ही कुछ बातों से लगता है जिसे की वो लड़का जो कंडोम उपलब्ध ना होने की वजह से नहाना जरूरी समझता है।
"मैंने कभी यौन रोगो के बारे में सोचा भी नहीं," एक बिहार की अविवाहित औरत ने कहा।"ऐसी कौनसी भी बीमारी है जो सेक्स करने से हो?"
एक लक्ष्य से गर्भवती होना
आधी से भी कम महिलाएं जिन्होंने शादी से पहले सेक्स किया था, उन्होंने बातचीत के दौरान बताया कि उन्हें गर्भवती होने का डर था। कुछ लड़कियों ने ये भी कहा कि उन्हें ये लगता था कि एक दो बार सेक्स करने से गर्भवती नहीं होते।
कुछ और जिन्होंने अपने एक ही स्थायी साथी के साथ संभोग किया था, उनका कहना था कि उन्हें गर्भवती होने का डर नहीं था क्योंकि उनकी शादी होने ही वाली थी।
दबंग
भारतीय युवा वर्ग कंडोम का इस्तेमाल शायद ज्यादा करे अगर उनके पास ऐसे दोस्त हो जिनसे वो खुलकर इस बारे में बात कर सकते है, ऐसा इस शोध ने पाया।"मेरे दोस्त ने मुझ कंडोम इस्तेमाल करना सिखाया," एक अविवाहित पुरुष ने बताया।"उन्होंने दुकान से खरीदकर मुझे कंडोम दिया।"
अगर अविवाहित युवा वर्ग को सुरक्षित सेक्स/संभोग की और बढ़ावा देना है तो कुछ दबंग और कल्पनाशील अभियान चलाने पड़ेंगे, ऐसा इस शोध के शोधकर्ताओं का कहना है। और जरूरी है कि लोगों को कंडोम आसानी से और बिना किसी आलोचनात्मक नजरीए के उपलब्ध हो।
फोटोः सेगरेक सेन
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