आंटी जी कहती हैं... ओ बेटे मीनाक्षी, सबसे पहले एक काम करI अपने आप को शीशे में देख और आकर मुझे कोई ऐसी एक चीज़ बता जो तुझे अपने आप में खूबसूरत लगती होI चल फटाफट जाकर आ...
गोरी-चिट्टी?
तो वो तुझसे प्यार करता है और उसने या उसके परिवार वालों ने कभी भी तेरे रंग को लेकर तुझे परेशान नहीं किया हैI लेकिन यह बात तुझे परेशान करती है और मैं समझ सकती हूँ क्यों?
यह सोच कि एक औरत तभी खूबसूरत लग सकती है जब वो गोरी हो, काफी घटिया और हानिकारक हैI इसने सब लड़कियों को अपसेट कर के रखा हैI बेटा मेरे लिए यह सब बोलना बड़ा आसान है लेकिन जब तक तू इस बात को अपने दिमाग से नहीं निकलेगी कोई भी कुछ नहीं कर पायेगाI
रिश्तों की गहराई
सुन, हम किसी रिश्ते में क्यों रहते हैं? क्यूंकि हमें वो व्यक्ति अच्छा लगता है, है ना? हम उनके साथ खुश रहते हैं, वो हमारा जीवन सार्थक बनाते हैं, है ना? तो तुझे क्यों लगता है कि वो लड़का तेरे साथ है? उसे क्या अच्छा लगता है तुझमें? सबसे पहले इसके बारे में सोचI
क्या इसकी वजह तुम दोनों के बीच का सेक्स है या फिर इसलिए कि तू उसका बहुत ध्यान रखती हैI उसकी हर ज़रूरत को पूरा करती हैI यह भी हो सकता है कि तू एक बहुत अच्छी लड़की हो, खुश मिजाज़ हो और उसे तेरा साथ बेहद पसंद होI एक बड़ी ही प्यारी लड़की, जो काली है!
तो मतलब यह कि जब वो तुझे देखता है तो वो यह सब देखता है लेकिन जब तू खुद को देखती है तो सिर्फ अपना रंग देखती हैI सबसे पहले इस सवाल का जवाब ढूंढ, कि वो क्यों तेरे साथ है!
खुद को नकारना
देख, किसी को किसी के अंदर नुक्स निकालने हो तो वो कुछ भी कह सकता है कि वो काली है, मोटी है, छोटी है, भारी है, पतली है, बहुत लम्बी है, बड़ी आँखें है, छोटी नाक है और पता नहीं क्या क्याI सिर्फ़ इसलिए कि हम अपने आप को इनमे से एक समझते हैं तो हम रिश्तो में इसकी भरपाई करनी शुरू कर देते हैंI
हम ज़रूरत से ज़यदा ध्यान रखना शुरू कर देते हैं और यह कोशिश करते हैं कि अपने साथी को हर समय खुश रखें, चाहे कुछ भी हो जाये, ताकि कहीं वो हमें रिजेक्ट ना कर देंI पर बेटा सच्चाई यह है कि तूने ही खुद को रिजेक्ट कर दिया हैI तेरे अंदर कही ना कही यह बात है कि "मैं इस गोरे, लम्बे लड़के के लायक नहीं हूँ"I इसलिए उसे खुश रखने के लिए तू हर तरह की बकवास झेलने के लिए तैयार है, फिर चाहे वो बेइज़्ज़ती सहना हो या मार खाना ही क्यों ना होI क्यों बेटा?
दिमागी नुक्स
बेटा कोई और हमें नहीं बताएगा कि हम सुन्दर हैंI यह तुझे खुद ही अपने आप को बताना पड़ेगाI इस दुनिया मैं ऐसा कोई भी नहीं होगा जिसमे कोई भी ख़ूबसूरती ना होI
तू वो एक चीज़ अपने अंदर ढूढ़ ले और फिर देख उसके साथ और क्या क्या मिलता हैI एक बात और बता दूँ, हो सकता है तुझे अपना रंग ही अच्छा लगने लगे! और बेटा प्लीज़, तू और तेरी सहेलियों से मैं यह कहना चाहूंगी कि भगवान के लिए खुद को नीचे दिखाना बंद करोI
अगर तुम्हे कोई सिर्फ़ इसलिए नकार देता है कि तुम बाहरी रूप से सुन्दर नहीं हो तो तुम्हे उस व्यक्ति को इसलिए नकार देना चाहिए कि उसके दिमाग में कमी हैI
मैं तो कहूँगी कि वो "पागल" हैI ऐसे व्यक्ति के साथ तो एक दिन भीे नहीं रहना चाहिए, इससे अच्छा तो अकेले रह लोI
काला, फिर भी सुन्दर
तुम सब मुझे एक बात बताओI मान लो कि तुम्हे अपने साथी के परिवार वालों की कद-काठी या रंग रूप से दिक्कत हैI तो कहाँ से बदलवाओगे उन्हें? है क्या कोई ऐसा मॉल? है तो अपना रंग भी वही से बदलवा लेनाI ठीक है बेटेI
एक बड़ा अच्छा बंगाली गाना है, "कालो में कालो में, तुमि अमार भालो में..." यह एक काली लड़की के बारे में था, वो बहुत अच्छी थी लेकिन सब उसे एक काली लड़की के रूप में जानते थेI
मीनाक्षी, कहीं वो गाना तेरे लिए तो नहीं लिखा गया था? या फिर किरण तेरे लिए, या फिर गिरिजा, शालिनी, वहीदा, मरियम, जाया या रेखा के लिए?
हाँ तुम्ही लोगों के लिए लिखा गया थाI तुम सब बहुत सुन्दर हो और जाकर सबको अपनी सुंदरता दिखा दोI और अगर कोई ऐसा नहीं सोचता यही तो उसके लिए भी प्लान है हमारे पास, "सिर्फ़ देखना है, छूना नहीं है"
गोपनीयता बनाये रखने के लिए पिक्चर में मॉडल का इस्तेमाल किया गया हैI