Jai Mummy di - movie review

माँ दा लाडला नहीं जमा!

द्वारा Roli Mahajan जनवरी 20, 05:02 बजे
दो मम्मियां लड़ती रहती हैं जबकि उनके बच्चे एक दूसरे को बचपन से प्यार करते हैं। कुछ ऐसी ही कहानी है जय मम्मी दी की. इस रोमांटिक कॉमेडी में न रोमांस है और न कॉमेडी।

 जय मम्मी दी ने हमारी ही जय कर दी, 
हंसी आते आते रुक गई,
फिल्म मज़ेदार होते होते नहीं हो पाई, 
और एकदम थोड़े में बोले तो... 

 

इस रोमांटिक कॉमेडी में न तो रोमांस था न ही कॉमेडी!
 

क्या होता है जब दो मम्मियां हमेशा लड़ती रहती हैं पर उनके बच्चे बचपन से ही एक-दूसरे को पसंद करते हैं: weekend में मम्मी के सामने लड़ाई और weekday में स्कूल/कॉलेज में सीक्रेट रोमांस! 

सांझ भल्ला (सोनाली सहगल)और पुनीत खन्ना (सनी सिंह) कॉलेज के अंतिम वर्ष तक छुप छुप के  रोमांस और सेक्स का आनंद लेते है लेकिन जैसे ही हमारी सोनी कुड़ी साँझ 'शादी की उम्र' पर पहुँचती है, आ जाती हैं मुश्किल!  वैसे ये शादी की उम्र हमारे लिए कुछ ज्यादा ही जल्दी है! 

सांझ की फॅमिली उसकी शादी की बात कर रही हैं और इससे हो जाती हैं हमारे सोने मुंडे पुनीत को टेंशन! वैसे उन्हें प्यार-सेक्स से कोई परेशानी नहीं हैं, लेकिन जैसे ही लड़की ने बोला शादी, समझो बैंड बज गयी! सेक्स करते वक़्त सब चंगा हैं, लेकिन मुंडा शादी तो उससे ही करेगा जो हो मम्मी नू पसंद!

हम एलएम वाले पुनीत की इस हरकत से बिलकुल खुश नहीं है।

वैसे तो सांझ दिल्ली की एक मॉडर्न लड़की है जो लगभग सभी पहलुओं में मॉडर्न है, सिवाय इसके कि जब शादी की बात आती है! लेकिन वो वही करती है जो सब प्रैक्टिकल लड़कियों को करना चाहिए: आगे बढ़ना। 

अरेंज्ड मैरिज का चक्कर  शुरू हो जाता हैं और सांझ की शादी की तारीख तय हो जाती है। पुनीत की प्रतिस्पर्धी माँ अब उसी दिन अपने लड़के की शादी तय करना चाहती है - अलग लड़की से! अब होना यह चाहिए था पुनीत अपने प्यार के लिए लड़ता और उस चक्कर में थोड़ी भाग दौड़ भी होती...  लेकिन फिल्म में आगे जो हुआ वह बिलकुल एक खिचड़ी की तरह था - और वह भी बेस्वाद! 

मम्मियों ने हमारा मनोरंजन किया लेकिन वो भी केवल थोड़ी देर के लिए! Couple का रोमांस बिलकुल ठंडा था, यहां तक कि स्मूच भी स्क्रीन को गर्म नहीं कर सका और ना ही LM के दिल को।  

हमें खुशी हैं की इस फिल्म ने कई बार सेक्स पर खुल कर चर्चा की और यह भी दिखाया की अच्छा, हेल्थी सेक्स (विवाहित या अविवाहित) कैसे होता है। लेकिन थोड़ा प्यार के साथ सेक्स दिखाते तो हमें भी अच्छा लगता। 

चलिए इस फिल्म को थोड़ा लव मैटर्स की पारखी नज़र से भी देख लेते हैं। 

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सच तो यह है कि LM को इस एक पॉइंट के लिए भी एक माइक्रोस्कोप का उपयोग करना पड़ा!  लड़की लड़के को propose करती है और वह भी एक कॉलेज पार्टी में लाउडस्पीकर पर। लड़की की तरफ से प्रपोजल आना एक बड़ी बात है क्यूंकि पारंपरिक रूप से लड़के ही प्रोपोज़ करते हैं। लेकिन समस्या यह है कि इस फिल्म की हीरोइन लड़के को प्रोपोज़ तो कर रही थी, लेकिन उससे लड़के की हाँ ज़बरदस्ती चाहिए थी! 

कब समझेंगे ये लोग कि किसी के साथ भी ज़बरदस्ती करना - यह सही तरीका नहीं है फिर चाहे प्रोपोज़ लड़का करे या लड़की । प्यार पाने के लिए प्यार देना पड़ेगा...इमोशनल या शारीरिक दबाव नहीं।

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इस फिल्म मैं कुछ रूढ़िवादी विचारों की वजह से हमें बहुत हैरानी हुई! क्या आज कल की लड़कियाँ, जो कॉलेज में है (अंतिम वर्ष में) अभी भी शादी के लिए परेशान हैं? बॉलीवुड में सभी नायक शादी के खिलाफ हे, ऐसा क्यों दिखाया जाता है? इतना स्टीरियो टाइपिंग अच्छा नहीं है, दुनिया बदल रही है और आज कुछ लड़के ऐसे हैं जो शादी करना चाहते हैं और लड़कियाँ हैं की बिलकुल नहीं चाहतीं! इस बात की लिए हम इस फिल्म को एक LM-face-palm-emoji देते हैं।

हमारी रेटिंग: सेक्स पर खुल कर बात करने के लिए हम इस फिल्म को एक LM heart देते हैं। और बिना रोमांस और बिना कॉमेडी वाली इस रोमांटिक कॉमेडी फिल्म को हम भेजते हैं 3 LM monsters!  

नोट: लव मैटर्स मूवी रिव्यू में फिल्मों का विश्लेषण किया जाता है कि उनमे लव, सेक्स और रिलेशनशिप को कैसे दिखाया गया है। वह फिल्म जिसमें दिखाया हो LM-style romance उसे मिलेंगे LM Hearts! और जिस फिल्म ने खोयी सहमति, निर्णय या अधिकारों की दृष्टि, उसे मिलेगा LM Monster !

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