देवी 31 वर्षीय गृहणी हैं जो अहमदाबाद में रहती हैंI
नयी शुरुआत
मेरे ग्रेजुएट होते ही मेरे घरवालों ने मेरे लिए लड़का ढूंढना शुरू कर दियाI मेरे माँ-पिता का पूरा समय अब रिश्तेदारों के साथ लंबे फ़ोन कॉल में, होने वाले दूल्हे की तसवीरें देखने में और हर समय घर को सजा-धजा के रखने में बीतता थाI मैं जवान और परेशान होने के साथ-साथ इस सबके लिए तैयार भी नहीं थी लेकिन उनको रोकना मेरे बस में नहीं थाI मैं उन्हें हमेशा खुश देखती थी और उन्होंने मुझे बताया की यह सब हमारे परिवार की भलाई के लिए ही हैI मेरे हामी भरते ही सब कुछ इतनी जल्दी हुआ कि कुछ पता ही नहीं चलाI छह महीने के भीतर मेरी सगाई हो गयी और सगाई के तीन महीने के अंदर शादीI
वो एक अरैंजड मेर्रिज थीI मेरे माता-पिता और मेरे पति के माता-पिता बरसो से एक दूसरे को जानते थेI मेरे लिए सब कुछ नया था- नया घर, नए लोग और नए रिश्तेI शुरुआत में मुझे इस नए वातावरण में अपने आपको ढालने में दिक्कत ज़रूर हुई थी लेकिन उस दौरान मेरे पति ने मेरा भरपूर साथ दियाI वो हमेशा मेरे आस-पास ही रहते थे और मेरी हर समस्या का समाधान उनके पास होता थाI
हमारी शादी के दो महीने बाद मेरे पति कनाडा चले गए, जहाँ पर वो एक अंतरराष्ट्रीय बैंक में कार्यरत थेI बात तो यही हुई थी कि हम दोनों साथ जाएंगे लेकिन फ़िर यह निर्णय हुआ कि मैं कुछ दिन यही उनके परिवार के साथ बिताऊंI
अकेलेपन से निपटना
उनके जाने के एक महीने के बाद मुझे अकेलापन काटने दौड़ने लगाI मैं दुखी और निराश रहने लगी थीI मैं पूरे दिन बैचैन रहती थी और अपने आपको व्यस्त रखने के तरीके सोचती रहती थीI फ़िर मैंने उनके परिवार के साथ ज़्यादा वक़्त बिताना शुरू कर दिया और धीरे-धीरे मुझे उन लोगों के साथ मज़ा आने लग गया, मैं भी सब की चहेती बन गयी थीI
अब समय आसानी से गुज़र जाता थाI मैं पूरे दिन घर के काम करती, अपने परिवार वालो की देखभाल करती और जब भी समय मिलता एक नयी भाषा सीखने की कोशिश करतीI एक साल के बाद मेरे पति को कुछ दिनों की छुट्टी मिली और उन्होंने फैसला किया कि वो सारा वक़्त मेरे साथ बिताएंगेI
हम कई जगह घूमने गए और उनके कई रिश्तेदारों से भी मिलेI हम उनके बड़े भाई से भी मिले जो हमारे घर के पास ही रहता थाI
अजीब लगाव
उनका भाई सिंगल होने के साथ-साथ बेहद खूबसूरत भी थाI पुराने और वर्तमान रिश्तों को लेकर मेरी उनसे लंबी बातचीत हुईI वो मुझ में कुछ ख़ास दिलचस्पी दिखा रहे थे और जानना चाहते थे कि जब मेरे पति बाहर होते हैं तो मैं कैसे अपने आपको व्यस्त रखती हूँI मुझे शुरू में अजीब तो लगा था लेकिन उनका इस तरह मेरी ओर ध्यान देना मुझे अच्छा भी लग रहा थाI
मेरे पति के जाने के बाद उनके भाई मुझसे फ़िर मिलने आयेI मैं घर पर अकेली थी लेकिन उन्होंने कहा कि वो कुछ महत्त्वपूर्ण बात करना चाहते हैंI
चाय की चुस्कियां लेते हुए उन्होंने मुझे बताया कि वे मुझसे प्यार करने लगे हैंI वो मेरे साथ रिश्ता शुरू करना चाहते थेI उन्होंने तो यह भी कहा कि मैं अपने पति को छोड़ दूं और उनके साथ एक नयी ज़िन्दगी की शुरुआत करूँI
सही या गलत?
सच कहूँ तो यह सुनकर मेरे पैरों तले ज़मीन खिसक गयी थीI मुझे यह उम्मीद बिलकुल नहीं थी कि वो कुछ ऐसा कहेंगे, लेकिन मैं उन्हें मना भी नहीं कर पायीI अगले कुछ दिनों तक वे लगातार मुझे फ़ोन करके मिलने बुलाते रहेI मैं उनकी तरफ़ आकर्षित ज़रूर थी लेकिन अपनी शादीशुदा ज़िन्दगी में किसी भी तरह का कोई बवाल नहीं चाहती थीI उन्होंने मुझे विश्वास दिलाया कि वो यह बात किसी को नहीं बताएँगेI
अब हम नियमित रूप से मिलने लगेI कभी उनके घर पर या हमारे घर पर, जब भी मैं अकेली होती थीI साथ समय बिताने से हम शारीरिक और भावात्मक रूप एक दूसरे के बेहद करीब आ चुके थेI वो मेरी हर बात ध्यान से सुनते और मुझे यह एहसास दिलाते कि मैं कितनी ख़ास हूँI मुझे इस बात का भी पछतावा था कि मैं अपने पति को धोखा दे रही हूँI मुझे हमेशा इस बात का डर लगा रहता था कि अगर किसी को हमारे बारे में पता चल गया तो मुझे क्या-क्या झेलना पड़ेगाI
आज हम दोनों को डेट करते हुए तीन साल हो गए हैंI हम अक्सर मिलते हैं और सेक्स को लेकर हमारे बीच में ज़बरदस्त तालमेल हैI मेरे पति और उनके परिवार को इस रिश्ते के बारे में कुछ नहीं पताI जब भी मेरे पति वापस आते हैं तो मैं उनके भाई से बातचीत बिलकुल बंद कर देती हूँI मैं अपने पति से प्यार करती हूँ और उन्हें खोना नहीं चाहती लेकिन जब वो दूर होते हैं तो मुझे उनके भाई का साथ भी अच्छा लगता हैI
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