डीयेना मिश्रा (परिवर्तित नाम) मुंबई में रहने वाली मार्केटिंग कंसलटेंट हैंI
काफी रात हो चुकी थीI मैं अपने बॉयफ्रेंड के साथ लोनावला में उसके घर पर थीI हमने साथ बियर पीते हुए शाम गुज़ारी थीI हम दोनों दिन भर की थकान से चूर थे और हमारी वहीँ ज़मीन पर आँख लग गयीI जब कुछ देर बाद हम उठे तो वहां ज़मीन पर बियर फैली हुई थी, शायद हम में से किसी के हाथ से टकराकर बियर की बोतल गिर गयी थीI
हमारा दिन बहुत व्यस्त गुज़रा था और मुझमे उस समय साफ़ सफाई करने की शक्ति बिलकुल नही बची थीI मैंने उसे कह दिया कि साफ़ सफाई करना मेरे अकेले कि ज़िमेदारी नहीं है, और ये सुनकर वो आग बबूला हो गया और उसने मेरा गला घोटने कि कोशिश कीI वो कुछ देर बाद रुक गया और उसने मुझे छोड़ दिया, लेकिन इस हिंसात्मक व्यवहार ने मुझे झकझोर दियाI मैंने डर कर अपने आप को बाथरूम में बंद कर लिया और इस सदमे से उबरने की कोशिश कीI
बचना नामुमकिन
उस रात मुझे पहली बार मौत का डर महसूस हुआI हम एक सुनसान जगह पर थे और आधी रात बीत चुकी थीI उस समय मेरे लिए बाहर निकलना भी संभव नहीं थाI मैं उसे बताना चाहती थी कि इस हरकत के बाद मैं उसकी शकल भी नहीं देखना चाहती लेकिन ऐसा कहने में भी मुझे जान का खौफ था क्यूंकि मैं वहां से भागकर भी कहाँ जाती?
उस रात के बीत जाने पर भी मेरा डर ख़त्म नहीं हो पायाI उसने मुझे कई बार धमकी दी कि अगर मैंने उसके साथ रिश्ता तोडा तो मेरे लिया उसका अंजाम अच्छा नहीं होगाI न चाहते हुए भी मेरे मन में उसकी इन धमकियों का डर घर कर रहा था क्यूंकि मैंने उसे उस रत काफी हिंसात्मक रूप में देखा थाI
सही शुरवात
उस रात से पहले भी वो मुझ पर हाथ उठा चुका थाI हमें साथ में तीन महीने ही हुए थे लेकिन ये तीन महीने तीन साल जैसे लम्बे थेI हम कुछ दोस्तों के साथ एक पार्टी में पहली बार मिले थे, और पहली नज़र में वो स्मार्ट और दिलचस्प लगा था, जो बेहद खुशनुमा था, चुटकुले सुना रहा था और गिटार बजाना भी जानता थाI
फिर धीरे धीरे सच सामने आने लगाI उसे मेरा मेरे पुरुष दोस्तों के साथ बात करना और बाहर आना जाना खटकने लगाI उसने मुझे मेरे पूर्व बॉयफ्रेंड की शादी में जाने से मना कियाI मैं इस सब को उसका प्यार समझकर उसकी हर बात का मान रखती रही लेकिन मुझे ये देखकर अजीब लगने लगा की मेरी बंदिशें बढ़ती जा रही थीं जबकि वो क्या करता था और कहाँ जाता था, ये बताना वो बिलकुल ज़रूरी नहीं समझता थाI मैंने कई बार उसे अपनी पूर्व प्रेमिका से घंटो बातें और चैटिंग करते देखाI
पहली घटना
एक रात हम उसके दोस्तों के साथ बाहर गए और मैंने पाया की असल में शायद वो उतना अच्छा इंसान नहीं है जितना वो लगता हैI मैंने उससे कहा कि मुझे उसका उसके दोस्तों के साथ बर्ताव कुछ ठीक नहीं लगाI ये सुनकर उसने अचानक कि गुस्से में मुझे धक्का दिया, मैं बिस्तर पर गिर गया और मेरा सर बेड के कोने से टकरायाI मैं बहुत डर गयीI
उसे खुद अपनी हरकत पर आश्चर्य हुआ क्यूंकि मैंने उसे बाद में घर के ही मंदिर में रोते हुए देखाI मुझे ये देखकर लगा कि शायद उसे अपनी गलती का अहसास हो गया है और मैंने उसे एक और मौका देने का सोचाI
भरोसे का अभाव
इसके बाद भी कुछ नहीं बदलाI हमारी बहस और लड़ाइयां चलती रहींI मुझे लगने लगा कि मैं भी उसकी तरह बनती जा रही थी- मूर्खता पूर्ण बातों पर सवाल जवाब, और फिर बहसबाज़ीI एक दिन तो उसने मुझे आत्महत्या कि धमकी दे दीI
मैं किसी तरह ये सब झेलती रही जब तक एक दिन वो खुद ये रिश्ता ख़त्म करने के लिए तैयार हो गयाई
लेकिन रिश्ता ख़त्म होने के बावजूद भी लड़ाइयां ख़त्म नहीं हुईंI अब उसे ये जलन थी कि उसके दोस्त अभी भी मेरे साथ संपर्क में थेI मैं शर्मिंदगी के चलते अपने किसी दोस्त से इस रिश्ते के ख़त्म होने के बारे में पहले दो महीने कोई चर्चा नहीं की थीI
ये अनुभव मेरे दिल में एक गहरा घाव छोड़ गया और मुझे नहीं पता की मैं अब फिर से किसी लड़के पर कैसे भरोसा कर पाऊँगीI