मैंने कभी नहीं सोचा था कि कोई मुझे मोटी कहकर संबोधित करेगा लेकिन जब मुझे मेरे ब्वॉयफ्रेंड ने ही मोटी कहा तो मुझे एहसास हुआ कि असल में लोगों को लड़की की छरहरी काया ही पसंद होती है। मैं गलत भी हो सकती हूं लेकिन मैंने जो महसूस किया, वो मेरे लिए दिल टूटने के बराबर था।
बात साल 2020 की है, जब कोरोना धीरे-धीरे लोगों की जिंदगी में शामिल होने लगा था। मैं उस दौरान बाहर थी और अपने ब्वॉयफ्रेंड के फ्लैट पर थी, तब ही लॉक डाउन का ऐलान हो गया और मैं वहीं रुक गई। अब हम दोनों साथ थे, तो हमें एक-दूसरे के करीब जाने का मौका भी मिल गया। हम दोनों साथ ही सोते और रात-रात भर एक दूसरे के शरीर को सहलाते, सेक्स करते और चूमते। कुछ इस तरह से हम दोनों की जिंदगी चल रही थी। मैं उस दौरान जॉब भी कर रही थी, तो सुबह वो मेरे घर के कामों में मदद करता था।
रोज करते थे सेक्स
देखते-देखते समय ऐसे ही गुजरने लगा और एक महीना बीत गया। हम दोनों एक-दूसरे की कंपनी को खूब इंज्वॉय कर रहे थे लेकिन मैंने अपने बढ़ते वजन पर लगभग एक महीने बाद गौर किया कि मेरा वजन पहले से काफी बढ़ गया। पहले मुझे लगा कि घर पर रहने के कारण ही ऐसा हो रहा होगा। एक बार सब नॉर्मल हो, तो मैं जिम ज्वाइन कर लूंगी लेकिन ये मेरी गलतफहमी थी। काश! मैंने समय रहते किसी डॉक्टर से कंसल्ट किया होता तब मुझे अपनी सेहत का पता चलता।
एक रोज जब मेरे ब्वॉयफ्रेंड की तबीयत थोड़ी खराब हुई, तो मैंने ऑनलाइन डॉक्टर से कंसल्ट किया और उसके कुछ ब्लड टेस्ट कराए। इस दौरान मैंने सोचा कि मैं भी अपना फूल बॉडी चेकअप करा लेती हूं लेकिन जब मेरी रिपोर्ट आई, तो मुझे विश्वास ही नहीं हुआ कि मुझे थॉयराइड हो गया है! वो भी बहुत बढ़ा हुआ, यानी कि मेरा शरीर सही मात्रा में थॉयराइड का निमार्ण नहीं कर रहा है, जिस कारण ज्यादा TSH-Thyroid Stimulating Hormone को रिसाव हो रहा है।
मैंने फिर डॉक्टर से कंसल्ट किया, तो मेरे ब्वॉयफ्रेंड की रिपोर्ट तो नॉर्मल थी लेकिन मैं दवाइयों के चंगुल में फंस गई, क्योंकि डॉक्टर ने मुझे बताया कि मुझे एक दवा हर रोज सुबह खानी पड़ेगी। मुझे बहुत अजीब लगने लगा क्योंकि मैं हमेशा से दवाओं से परहेज करना चाहती थी लेकिन मुझे तो हर रोज सुबह एक गोली लेनी पड़ेगी, ऐसा डॉक्टर ने बताया। उन्होंने कहा कि लंबे समय तक बैठे रहने, फिजिकल एक्टिविटी कम करने और टेंशन लेने के कारण ही मुझे ये बीमारी हुई है, और यही कारण है कि मेरा वजन बढ़ते जा रहा है।
मेरे अंदर हुए बदलाव
खैर, मैं खुश थी कि मेरा ब्वॉयफ्रेंड अब ठीक हो गया था। वैसे ठीक तो मैं भी थी लेकिन बस अंदर ही अंदर किसी बीमारी के होने के कारण और हर रोज दवा लेने के कारण परेशान थी। इसके अलावा भूख कम लगना, चिड़चिड़ाहट होना, पीरियड्स का अनियमित होना तो बस रुटीन में शामिल हो गया था। इस दौरान मैंने महसूस किया कि मेरे प्रति मेरे ब्वॉयफ्रेंड का रवैया बदला हुआ सा है क्योंकि मैं सेक्स के दौरान भी जल्दी थक रही थी। वो चाहता था कि मैं उसके ऊपर बैठूं और पेनिस अंदर लूं लेकिन मेरे से ये सब नहीं हो पा रहा था। इसके अलावा वजन बढ़ने के कारण अलग-अलग सेक्स पोजिशन भी मैं नहीं कर पा रही थी। हालांकि ये सब मैं जान-बूझकर नहीं कर रही थी लेकिन मुझसे नहीं हो पा रहा था।
इसके अलावा हर रोज दवा खाते-खाते और एक्सरसाइज करते-करते मैं थोड़ा ऊब गई थी लेकिन दवा के साइड इफैक्ट कहें या कुछ और मैं पहले से चबी हो गई थी। इस दौरान मैंने महसूस किया कि जब भी मैं खाने बैठती, तो मेरा ब्वॉयफ्रेंड मुझे कहता, “कम खाओ। कम खाओगी, तब ही ना शरीर कम होगा। नहीं तो ऐसे ही शरीर बढ़ते रहेगा।” एक तो मुझे भूख कम लगने लगी थी और कम खाना खाने के कारण कमजोरी होने लगी थी क्योंकि डॉक्टर ने कहा था कि मेरा मेटाबॉलिज्म कम हो गया है इसलिए भूख कम लगेगी या ना के बराबर लगेगी।
हर बात पर उसका टोकना, हर बात पर मेरे बॉडी और बढ़े हुए वजन पर ताना देना, मुझे बिल्कुल अच्छा नहीं लग रहा था। मुझे लग रहा था कि वो मुझे हर बार नीचा दिखाता है। मेरे साथ रहने के बावजूद, वो मेरे हेल्थ कंडीशन को नहीं समझ रहा है। बस एक मैं फर्सटेट हो गई थी।
मच्छी चावल से वजन बढ़ेगा?
एक दिन जब मैं अपना फेवरेट डिश, मच्छी-चावल लेकर बैठी थी, तो बस उसने टोक दिया। “अरे, चावल खाओगी, तो और मोटी हो जाओगी.. मत खाओ।” मैंने कुछ नहीं कहा। उसने फिर कहा, “अरे, थोड़ा तो कम करो ताकि कम से कम बेड पर तो एक्टिव रहो। कम से कम कहीं तो एक्टिव रहो।” इतना सुनने के बाद मैंने अपना आपा खो दिया और उसे कहा, “मान लो, अगर हमारी शादी हुई, और जब मैं प्रेगनेंट हो जाऊंगी तब तो मेरा शरीर ऐसे ही फूलेगा, तो क्या तुम छोड़ दोगे?” “अगर हर एक मां ने अपना वजन पर ही फोकस किया होता, तो आज तुम इस दूनिया में नहीं होते और रही बात मेरे बीमारी थॉयराइड की, तो मैं दवा खा रही हूं ना, कंट्रोल हो जाएगा।” “लेकिन अगर तुम्हें मेरे साथ नहीं रहना है, तो बता दो…” मैंने फिर कहा, “मुझे ही तुम्हारे साथ नहीं रहना है क्योंकि जो लड़का अपनी पार्टनर के तकलीफ को नहीं समझ पा रहा है, वो आगे मेरा साथ क्या देगा?”
मेरे इतना कहने के बाद उसने कहा, “हां, मुझे तुम्हारे साथ नहीं रहना है क्योंकि तुम्हारा वजन बढ़ रहा है। तुम्हें अपने खाने पर कंट्रोल नहीं है और ऊपर से तुम्हें कही लेकर जाने में भी अजीब लगेगा। मेरे बाकी दोस्त की गर्लफ्रेंड्स एकदम मस्त दिखती है। उनकी बॉडी एकदम मस्त है लेकिन तुम भद्दी हो रही हो।”
मेरी आंखों में आंसु आ गए और उसी दिन मैंने अपना सामान पैक किया और वहां से निकल गई। मैं उस दिन नहीं जानती थी कि कहां जाऊंगी लेकिन आज मैं बिल्कुल सही जगह पर हूं। आज भी मुझे थॉयराइड है और मैं दवा खा रही हूं लेकिन किसी प्रेशर में नहीं जी रही बल्कि अपने डॉक्टर से कंसल्ट करती हूं और एक्सरसाइज करती हूं। हां, कभी-कभी कुछ चीजें नहीं कर पाती लेकिन कोई रिग्रेट नहीं है। बस एक टाक्सिक माहौल से निकल सकी, मेरे लिए फिलहाल इतना ही बहुत है।
अब मैं अपने लाइफ में सेटल हो चुकी हूं, लेकिन उस दिन के बाद से मुझे अपने ब्वॉयफ्रेंड के बारे में कोई जानकारी नहीं मिली। हालांकि मैंने खुद से एक सवाल किया कि क्या सच में मेरे वजन बढ़ने के कारण, उसका प्यार खत्म हो गया लेकिन उससे अलग होने के बाद, मैंने हर एक दिन महसूस किया कि उसका मेरे लाइफ में ना होना, मेरे अकेलेपन के लिए एक आर्शीवाद ही है।
उसके जाने के बाद मैं अपने आप पर फोकस कर पाई और खुद से प्यार करना सीखा क्योंकि मुझे मोटी कहने वाला कोई नहीं था। हालांकि मैं इस बात का जवाब तो कभी-भी नहीं जान पाऊंगी कि उसने मेरे मुश्किल दिनों में मेरी मदद क्यों नहीं की, लेकिन हां, मैं उसके बिना खुश हूं। मुझे लगता है कि खुद से प्यार करना और खुद को स्वीकार करना बहुत जरूरी है और मैं अब मेरी इसी जर्नी पर हूं। मैं खुश हूं कि मैंने अपने लिए शांति और आज़ादी ढूंढ ली है।
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