लेकिन जब गर्भवती होने का टेस्ट/जांच निगेटिव आया, तो हमने चैन की सांस ली। "हम इसके लिए तैयार नहीं थे। लेकिन कैसे कोई तैयार हो सकता है ऐसी किसी चीज़ के लिए जो आपकी पूरी ज़िन्दगी ही बदल दे?" उसने पूछा।
माहवारी में देरी
मानसिक तनाव तब बढ़ने लगा जब उसकी माहवारी में कुछ दिनों की देरी हुई। "पहले दिन, मैंने सोचा की मुझे अपना संयम नहीं खोना है और घबराना नहीं है। लेकिन ऐसी स्थिति में अपने आप को समझाने का कोई फायदा नहीं होता। मैं लगातार यही सोच रही थी की अगर मैं गर्भवती हुई तो क्या होगा," उसने कहा।
मेरी दोस्त ने अपने बॉय फ्रेंड को अपनी दुविधा के बारे में बताया और फिर क्या - फिर तो हम दोनों ही इस गर्भवती होने के भय से लड़ने की कोशिश कर रहे थे। 'हम दोनों ही बहुत चिंतित थे, लेकिन अगर आपका साथी सहयोग दे, तो मदद तो मिलती ही है। जब उसने मुझे गले लगाया और कहा, "चाहे कुछ भी हो, सब ठीक ही होगा,' मुझे इतना सुकून महसूस हुआ," उसने कहा।
पहले से योजना बनाना
हालाँकि उन्होंने उस समय नहीं बोला, लेकिन दोनों ने अपने दिमाग में आगे की योजना बनाना शुरू कर दिया था। उन्होंने सारे विकल्पों के बारे में सोचना शुरू कर दिया था। "मैंने गर्भपात के बारे में भी सोचा और बच्चा पैदा करने के बारे में भी। और इन दोनों ही हालात में क्या-क्या होगा यह भी सोच लिया था," मेरी दोस्त ने कहा। "अगर मैं गर्भपात कराती, तो मुझे नहीं पता की हमारा रिश्ता आगे चलता. और अगर मैं बच्चा पैदा करती, तो कहीं ये ज़बरदस्ती तो नहीं होती हम दोनों के साथ होने की," उसने कहा। यह मुश्किल सवाल तो थे, क्यूंकि अगर मैं इस स्थिति मैं होती तो मैं भी इसी दुविधा से गुज़रती।
“और बस यही नहीं। तुम्हे तो पता ही है की भारत में कैसे चलता है। मैं सोचने लगी की आखिर मैं अपने माँ-बाप से, रिश्तेदारों से, समाज से कैसे नज़रें मिलाओंगी। मैं सोचने लगी की आखिर वो मेरे बारे में क्या सोचेंगे। लोग मुझे क्या कहेंगे। क्या मैं यह सब झेल पाऊँगी?
परीक्षा
मेरी दोस्त ने एक और दिन इंतज़ार किया माहवारी शुरू होने का और जब वो नहीं हुआ, तो वो इस परेशानी को और झेल नहीं पाई। उसने प्रेगनन्सी टेस्ट/गर्भवती जाँच घर पर ही करने का निर्णय लिया। "मैं बाथरूम में इतनी घबरायी हुई थी! मेरा बॉय फ्रेंड बाहर इंतज़ार कर रहा था, और बहुत परेशान था। वो टेस्ट करते वक़्त मेरे हाथ काप रहे थे," उसने कहा।
लेकिन वो टेस्ट नेगाटिव निकला. "उफ़! चैन की सांस लेते हुए हमने एक दुसरे को गले लगाया। और मैंने कहा, "हालत देखो हमारी! हम वाकई में इसके लिए तैयार नहीं है। हम खुद अपनी ज़िन्दगी नहीं संभल पा रहे तो एक नन्ही सी जान की देखबाल कैसे करेगे!" उसने कहा।
सही वक़्त
फ़िर एक दिन बाद मेरी दोस्त को माहवारी शुरू हो गयी। "मैं अपनी माहवारी को लेकर इतनी खुश पहले कभी नहीं हुई थी! ये इतना आरामदायक एहसास था! हमने मिलकर जश्न बनाया! लेकिन मेरे बॉय फ्रेंड ने मुझसे पूछा, 'क्या ऐसा कभी होगा जब तुम इस चीज़ के लिए तैयार होगी?' मुझे नहीं लगता की आप इसके लिए पहले से तैयार हो सकते हो। यह एहसास है ही ऐसा," मेरी दोस्त ने कहा।
बिलकुल! माँ-बाप बनाना इतना आसान काम नहीं है! लेकिन आश्चर्य हुआ जब मेरी दोस्त ने कहा, "तुम्हे विश्वास नहीं होगा। मैं उत्साहित थी अपने माँ बनने की बात सुनकर, बजाये इसके की इसमें इतनी सारी परेशानी थी। एक मिनट के लिए तो मैंने यह भी सोच लिया था की मेरा बच्चा दिखेगा कैसा!"
बाप रे, "सच में", मैंने कहा, इसके अलवा मैं और कह भी क्या सकती थी?!
फोटो: गायत्री परमेस्वरण © Love Matters/RNW
इस लेख में व्यक्त किये गए विचार लव मैटर्स के भी हो, यह आवश्यक नहीं है।
क्या आपको भी कभी अनचाहे गर्भवती होने का भय हुआ है? हमें अपनी कहानी बताइए। यहाँ पाने विचार व्यक्त करिए या फेसबुक पर चर्चा में हिस्सा लीजिये। या हमें ईमेल करिए।
मेरे दोस्त ने कहा...के और लेख
अनचाहे गर्भधारण पर और जानकारी
अगर आपको लगता है की आप गर्भवती हैं - और जानकारी
गायत्री परमेस्वरन एक बहु-पुरस्कार विजेता लेखक, निर्देशक और इमर्सिव मीडिया कार्यों की निर्माता हैं। वह भारत में पैदा हुई और पली-बढ़ी और वर्तमान में बर्लिन में रहती है, जहां उन्होंने NowHere Media की सह-स्थापना की - एक कहानी सुनाने वाला स्टूडियो जो समकालीन मुद्दों को एक महत्वपूर्ण लेंस के माध्यम से देखता है। उन्होंने अपने शुरुआती वर्षों में लव मैटर्स वेबसाइट का संपादन भी किया। उनके बारे में यहाँ और जानें।