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हार्मोन किसी महिला की सेक्स इच्छा को कैसे प्रभावित करते हैं?

द्वारा Sarah Moses फरवरी 3, 12:45 बजे
क्या आपकी गर्लफ्रेंड सामान्य से ज्यादा फ्रैश लग रही है? क्या और दिनों से ज्यादा खुश लग रही है? जी हां, एक महिला की सेक्स को लेकर इच्छा उसके मासिक (पीरियड) के उतार-चढ़ाव और उसके हार्मोन के स्तर में बदलाव से जुड़ी होती है। एक अमेरिकी अध्ययन ने साबित किया है कि एस्ट्रोजन हार्मोन एक कामोद्दीपक, तो वहीं प्रोजेस्ट्रोन हार्मोन इच्छा खत्म करने वाला होता है।

मूड में?

क्या होता है जब आप आगे बढ़ते हैं और आपकी पार्टनर या प्रेमिका मुंह फेर कर लेट जाती हैं? आप कैसा महसूस करते हैं? क्या आपने जानने की कोशिश करी कि ऐसा क्यों होता है? जरुरी नहीं है कि आपकी पार्टनर हर वक्त मूड में हो| नाराज होने की बजाय जानने की कोशिश करें ? उसके मूड के बारे में जानने के लिए उसके हार्मोन लेवल को जानना भी जरूरी है| तब आपको पता चल जाएगा की कब उसके साथ आप अच्छा समय बिता सकते हैं|

एक नए अध्ययन में सामने आया कि हार्मोन के स्तर में बदलाव सेक्स में दिलचस्पी घटाता और बढ़ाता है| सेक्स में कितनी रुचि है यह तथ्य काफी हद तक एक महिला के मासिक परिवर्तन से जुड़ा है| वैज्ञानिकों ने 43 छात्रों को एक दैनिक डायरी में रिकॉर्ड रखने के लिए कहा कि वे उसमें लिखें कि कितने दिन सेक्सी मूड में थे और क्या उन्होंने सेक्स किया। महिलाओं के दैनिक लार के नमूने भी लिए गए जो हार्मोन एस्ट्रोजन, प्रोजेस्ट्रोन और टेस्टोस्टेरोन के स्तर के लिए परीक्षण किए गए थे।

परिणाम वही था जिसकी उम्मीद की जा रही थी महिलाएं मासिक धर्म चक्र के बीच में सबसे ज्यादा सेक्स में रूचि ले रही थीं| ऐसे में  गर्भवती होने की सबसे अधिक संभावना रहती है| यौन इच्छा की चाहत एक महिला को मासिक धर्म चक्र के बीच में (जब ओव्यूलेशन का समय आसपास होता है) सबसे अधिक होती है । या यूँ कहें की ओव्यूलेशन के समय उनकी सेक्स डिजायर चरम पर होती है और वहीं ओव्यूलेशन के तुरंत बाद यौन इच्छा सबसे कम हो जाती है।

हार्मोन जो सेक्स में दिलचस्पी बढ़ाए

सेक्स की इच्छा और अनिच्छा में हार्मोन की बहुत बढ़ी भूमिका होती है| एस्ट्रोजन नामक हार्मोन सेक्स की इच्छा को बढ़ाता है और सकारात्मक प्रभाव डालता है| स्टडी में खुलासा हुआ कि यह मासिक धर्म चक्र के बीच में सबसे ज्यादा रिलीज होता है, जब ओव्यूलेशन का टाइम होता है| दूसरी ओर, प्रोजेस्ट्रोन, कामेच्छा का कट्टर दुश्मन है। यह हार्मोन एक सेक्स ड्राइव स्टॉप सिग्नल की तरह काम करता है और ओव्यूलेशन के बाद की अवधि के लिए जिम्मेदार होता है, जब महिलाओं को सेक्स की इच्छा सबसे कम होती है।

टेस्टोस्टेरोन वह हार्मोन है जिसके बारे में लोग सोचते हैं कि यह– ‘मर्दाना’ सभी चीजों को बढ़ाता है - जिसमें कामेच्छा (पुरुषों या महिलाओं में) भी शामिल है। लेकिन वास्तव में टेस्टोस्टेरोन प्राकृतिक चक्र में महिलाओं की यौन इच्छा पर कोई प्रभाव नहीं डालता है।

यह अध्ययन सबसे पहले इस बात को साबित करने के लिए किया गया था कि एस्ट्रोजन और प्रोजेस्ट्रोन एक महिला की सेक्स ड्राइव में मासिक बदलाव से जुड़े हैं, ऐसा कुछ जिसे वैज्ञानिकों ने मनुष्य-सदृश जानवरों के परिवार रीसस बंदरों में पाया था।

हार्मोन से ज्यादा वासना

लेकिन एक उच्च कामेच्छा अधिक एस्ट्रोजन और कम प्रोजेस्ट्रोन पर ही निर्भर नहीं करती - अध्ययन में उन महिलाओं के बीच औसत हार्मोन में कोई अंतर नहीं पाया गया, जिनके पास सबसे अधिक सेक्स ड्राइव था और जो सेक्स में कम रुचि रखती थीं।

ऐसे कई और कारक हैं, जो एक महिला की कामेच्छा को प्रभावित करते हैं। इस अध्ययन में महिलाओं पर वीकेंड में इच्छा और सेक्स दोनों को ध्यान में रखते हुए, हार्मोन स्तर की परवाह किए बिना टेस्ट किए गए। अध्ययन में यह भी पाया कि व्यावहारिक तौर पर किसी साथी के साथ सेक्स का आनंद लेने का समय वीकेंड पर होता है, जो कि फाइनल में भाग लेने के बजाय सेक्स ड्राइव को प्रभावित कर सकता है।

प्रजनन क्षमता

ओव्यूलेशन के आसपास यौन इच्छा क्यों बढ़ती है?

एक महिला के गर्भवती होने की संभावना पीरियड्स के समय सबसे ज्यादा होती है और तभी सेक्स को लेकर उसकी इच्छा भी बढ़ जाती है। पर नहीं ऐसा भी नहीं है क्योंकि अगर यह सिर्फ निषेचन की संभावनाओं को उजागर करने का सवाल था, तो यह उन महिलाओं के पास 24/7 सेक्स ड्राइव होना चाहिए था, जो गर्भवती होना चाहती हैं?

पर ऐसा कुछ है नहीं हार्मोन के आलावा और भी कई फैक्टर हैं जो महिलाओं की कामेच्छा को प्रभावित करते हैं|

पहले की महिलाएं सेक्स में इतनी रूचि नहीं लेती थी और ना ही उनको ज्यादा जानकारी हुआ करती थी| वह अपने परिवार के खाने के जुगाड़ और बच्चों के लालन पालन में इतनी व्यस्त रहती थीं की अन्य बातों पर ध्यान ही नहीं जाता था | और वैसे भी सेक्स उनकी जरूरतभर था उसमें उनको कोई दिलचस्पी नहीं हुआ करती थी|

तो लेखकों के अध्ययन के अनुसार यह संभव है कि हार्मोन एस्ट्रोजन और प्रोजेस्ट्रोन सेक्स ड्राइव में भूमिकाएं विकसित करते हैं, जो प्रजनन क्षमता से जुड़े होते हैं। पर ये पूरी तरह सही नहीं है और भी कई फैक्टर सेक्स डिजायर में बड़ी भूमिका निभाते हैं|

स्वीर में व्यक्ति एक मॉडल है और नाम बदल दिए गए हैं।

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Bete sabse badi baat, medicine khila kar sex karna, bilkul bhi sahi nahi aur ye gairkanuni bhi hai, yadi unki bhi marzi hogi toh wo khud hi aapko sex ke liye taiyar ho jayengi aur yadi koi ladki aap mein itni dilchaspi rakhtee hee nahin toh koi bhi dawa na daaru use “pata” sakti hai. Zara apna chintan aur jaankari swasth kijiye aur sabhi ladkiyon ko utna hee samman dijiye jitna aap apne ghar ki mahilaon ko dete hain, ya apne liye ummid karte hain. Yadi aap is mudde par humse aur gehri charcha mein judna chahte hain to hamare discussion board “Just Poocho” mein zaroor shamil ho! https://lovematters.in/en/forum
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