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एबॉर्शन के अलावा कोई रास्ता नहीं बचा था

Submitted by Arpit Chhikara on शनि, 09/12/2020 - 09:12 पूर्वान्ह
*सुमन और *अभय केवल कामुक सुख के लिए एक रिश्ते में थेI उनका सेक्स जीवन शानदार था और उस मनहूस दिन तक सब अच्छा चल रहा थाI उस दिन जब सुमन ने अभय को रोते हुए फ़ोन किया थाI

सेक्स में कोई दिलचस्पी नहीं

अपने कॉलेज की अंतिम छमाही के दौरान मैं शहर के बाहर एक कार्यशाला में भाग लेने के लिए गया थाI वहां मुझे सुमन नाम की एक बेहद खूबसूरत और आत्मविश्वास से भरपूर लड़की मिलीI मैंने सुमन की तरफ़ पहली नज़र में ही आकर्षण महसूस किया थाI वो विभिन्न प्रवेश परीक्षाओं की तैयारी कर रही थी जबकि मुझे अभी तक भी नहीं पता था कि मुझे भविष्य में क्या करना हैI हमारी बातचीत शुरू हुई तो हमने जाना कि हम दोनों ही दिल्ली में रहते हैंI

शाम होते होते मैं सुमन का नंबर लेने में सफ़ल हो गया था लेकिन जब मैंने उससे कहा कि मुझे अच्छा लगेगा अगर हम दोनों दोबारा मिल सकें तो उसने तपाक से यह कहकर मना कर दिया कि उसे लड़कों से मिलने में कोई दिलसचस्पी नहीं हैI ना तो सेक्स के लिए और ना ही उनसे रिश्ते जोड़ने के लिएI उसका जवाब सुनकर मुझे बुरा तो बहुत लगा लेकिन मैंने उससे दूरी बनाये रखने में ही भलाई समझीI

दूसरी पारी

मैंने तो वापस आने के बाद उससे संपर्क करने की कोई कोशिश नहीं की लेकिन कुछ महीनों के बाद मुझे सुमन के नंबर से फ़ोन आया तो एक उम्मीद की किरण नज़र आयीI वैसे तो मैं उस दिन को भूला नहीं था जब सुमन ने मेरे मुंह पर ही मुझे मिलने से मना कर दिया था लेकिन फ़िर भी मुझे अच्छा लग रहा था कि उसने मुझे एक सेमिनार में आमंत्रित किया थाI हमारी बातचीत दोबारा शुरू हुईI धीरे-धीरे मुझे पता चला कि मेरी तरह वो भी पढ़-पढ़ कर थक और ऊब चुकी हैI हम दोनों ने मिलना भी शुरू कर दिया था - कभी उसके घर तो कभी मेरे घरI

I wasn’t ready to be a father at 22

दोनों का फ़ायदा

कुछ ही हफ्तों में हम एक दूसरे के काफ़ी करीब आ गए थेI एक दिन मेरे कमरे में टीवी देखते हुए सुमन ने मेरा हाथ पकड़ा और मुझे अपनी ओर खींच लियाI करना तो मैं भी यह काफ़ी दिनों से करना चाहता था लेकिन अतीत के बारे में सोचकर कभी करने की हिम्मत ही नहीं हुईI

उसने मुझे स्पष्ट रूप से बता दिया था कि उसे ऐसा करने में कोई परहेज नहीं हैI उसके बाद तो हम लोग हर हफ्ते मिलने और सेक्स करने लग गए थेI

एक छोटी सी गलती

एक शनिवार की शाम, जब मैं अपने दोस्तों के साथ बाहर जाने के लिए तैयार हो रहा था तो मुझे सुमन का फ़ोन आयाI सप्ताहांत पर वो अपने घर पर होती थी इसलिए उसका फ़ोन बजता देख मुझे खटका तो हुआ थाI जब मैंने फ़ोन उठाया, तो दूसरी ओर से सुमन की पायल की तरह छन-छन करती आवाज़ की जगह मुझे उसका रोना सुनाई दियाI उसने मुझे बताया कि उसके पीरियड्स मिस हो गए हैं और प्रेगनेंसी टेस्ट से पता चला है कि वो गर्भवती हैI मेरे पैरो तले ज़मीन खिसक गयी थी लेकिन फ़िर भी मैंने अपने आपको संभाले रखाI

हम दोनों ने आकलन किया तो पाया कि हो ना हो दो हफ़्ते पहले सेक्स करते हुए जो कंडोम फटा था उसने अपना काम कर दिया हैI वैसे तो मैंने स्खलन होने से पहले अपना लिंग बाहर निकाल लिया था लेकिन फ़िर भी मैंने सुमन को आपातकालीन गर्भनिरोधक गोली लेने की सलाह दी थीI लेकिन इस में दो दिन निकल चुके थे और अब हमें एहसास हुआ था कि देर हो चुकी थीI

क्या करें

सोमवार को, उसके वापस आते ही हम दोनों एक दूसरे से मिले थेI हम दोनों बेहद डरे और घबराये हुए थेI मैं 22 साल की उम्र में एक पिता बनने के लिए तैयार नहीं था और सुमन के लिए इस रिश्ते में सेक्स के अलावा कुछ और नहीं थाI उसका गर्भवती होना हम दोनों की गलती थी और इससे पहले बात और बिगड़े हमें गर्भपात करवाना थाI

उसके घर के पास एक स्त्री रोग विशेषज्ञ का क्लिनिक थाI हमने वहां संपर्क किया तो डॉक्टर ने उसी शाम हम दोनों को क्लिनिक आने को कहाI किसी भी परेशानी से बचने के लिए, हम दोनों ने एक विवाहित जोड़े की तरह उससे मिलने जाने का फैसला कियाI यहां तक ​​कि हमने अपनी उंगलियों पर अँगूठिया भी पहन ली थीI

 

LMI

कोई अपराध नहीं है

हमारे चेहरे देखते ही शायद डॉक्टर को हमारे अंदर चल रहे द्वंद्व का एहसास हो गया थाI उसने हमें बताया कि हमने कोई अपराध नहीं किया है और उसने मेडिकल टर्मिनेशन (एमटीपी) से गर्भपात करवाने का सुझाव दिया। उसने हमें यह भी विश्वास दिलाया कि यह उपचार गुप्त रखा जाएगा और सभी जानकारी हम तीनों के बीच ही रहेगी।

चूंकि हम दोनों की कोई नौकरी नहीं थी तो मैंने अपने कोचिंग इंस्टीट्यूट में जमा फीस के पैसे वापस ले लिए और सुमन ने भी अपने बैंक खाते को पूरा खाली कर दियाI डॉक्टर ने हमें यह आश्वासन दिया कि गर्भपात पूरी तरह से सफ़ल होगा और उन्होंने सुमन को खाने के लिए कुछ गोलियां भी दीI

दवाओं की वजह से सुमन को उल्टी हुई थी और हल्का नशा भी हुआ थाI मैंने एक सप्ताह के लिए उसके साथ रहने का फैसला किया क्यूंकि उसकी देखभाल करने वाला और कोई नहीं थाI अपने माता-पिता को यह बात बताकर हम उन्हें परेशान नहीं करना चाहते थेI एक हफ्ते के बाद, डॉक्टर ने हमें सूचित किया कि गर्भपात सफ़ल हुआ और हमारे जीवन में खुशियां फ़िर लौट आयी थीI

*नाम बदल दिए गए हैं

*तस्वीर के लिए मॉडल का इस्तेमाल हुआ है. 

यह लेख पहली बार 23 मार्च, 2018 को प्रकाशित हुआ था।

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लेखक के बारे में: अर्पित छिकारा को पढ़ना, लिखना, चित्रकारी करना और पॉडकास्ट सुनते हुए लंबी सैर करना पसंद है। एस आर एच आर से संबंधित विभिन्न विषयों पर लिखने के अलावा, वह वैकल्पिक शिक्षा क्षेत्र में भी काम करते हैं। उनको इंस्टाग्राम पर भी संपर्क कर सकते हैं।