यह लेख वर्ल्ड ऐड्स डे के संदर्भ में पुनः प्रकाशित किया जा रहा है।
एचआईवी या ऐड्स- नाम का महत्व?
एचआईवी (ह्यूमन इंडेफिशींचयउस वाइरस का नाम है जिससे ऐड्स( अक्वाइअर्ड इम्युनॉल डिफ़िशन्सी सिंड्रोम) होता है। ऐड्स एचआईवी संक्रमण का अंतिम पड़ाव होता है। संक्रमण के बाद एचआईवी होने में कई सालों का समय लग सकता है। ऐड्स को पहले GRID या गे रिलेटेड इम्मनो डिफ़िशन्सी कहा जाता था, लेकिन अब यह पता लगे कई साल गुज़र चुके हैं कि ऐड्स केवल समलैंगिकों तक सीमित नहीं होता। इस संक्रमण से शिकार लोगों को एचआईवी पॉज़िटिव कहा जाता है। इसके संक्रमण के बावजूद इसके शिकार लोग देखने में स्वस्थ ही लगते हैं जब तक की संक्रमण का आख़िरी पड़ाव नहीं आता।
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ऐड्स से कैसे बचा जाए?
एचआईवी वाइरस ख़ून या शरीर के दूसरे द्रवों के माध्यम से फैलता है। किसी भी प्रकार का असुरक्षित सेक्स इसके संक्रमण की वजह बन सकता है और विशेषकर गुदा या योनि मैथून। इसलिए ख़ुद का और दूसरों का बचाव करने के लिए सेक्स के दौरान कोंडोम ज़रूर प्रयोग में लें।
इसके अलावा भी इस संक्रमण के फैलने के कारण हो सकते हैं। जैसे कि ड्रग्स लेने वाले लोग कई बार एक ही इंजेक्शन का प्रयोग करते हैं जिसकी सुई पर लगा ख़ून इस संक्रमण को दूसरे व्यक्ति तक पहुँचा सकता है। संक्रमित माताओं के मनके में संक्रमण दूध के ज़रिए उनके शिशु तक पहुँच सकता है।चुम्बन से ऐड्स फैलने की सम्भावना ना के बराबर है। साथ ही मच्छर काटने से, हाथ मिलाने से, साथ भोजन करने से या टॉयलेट सीट से ऐड्स नहीं फैलता।
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जाँच और इलाज
यदि आपको शंका है कि आपको एच॰आई॰वी॰ संक्रमण है तो आपको तुरंत टेस्ट कराना चाहिए। कई देशों में इस सम्बंध में मुफ़्त सलाह और जाँच की सुविधाएँ उपलब्ध हैं। ये ध्यान रखना ज़रूरी है कि इस संक्रमण को ख़ून में दिखने में तीन महीने तक लग सकते हैं। हालाँकि ऐड्स लाइलाज है लेकिन आजकल ऐसा उपचार सम्भव है जिससे रोगी लम्बे समय तक बिना ज़्यादा तकलीफ़ के स्वस्थ जीवन जी सकता है। यदि वाइरस संक्रमण हाल में हुआ हो, जैसे कि कोंडोम का फटना, तो इसके लिए कुछ दवा लेना ज़रूरी हो सकता है और सम्भव है कि आप इस संक्रमण से ख़ुद को बचा सकें। इसे पोस्ट इक्स्पोज़र प्रोफ़िलाक़्सिस कहा जाता है। हालाँकि इन दवाओं की उपलब्धता इस बात पर निर्भर है कि आप किस देश में रहते हैं।
विश्वव्यापि आँकड़े
इस समय क़रीब 4 करोड़ लोग एच॰आई॰वी॰ के शिकार हैं जिसमें से एक करोड़ से अधिक एशिया में और 2.5 करोड़ लोग अफ़्रीका में हैं। संक्रमण का ख़तरा महिलाओं को पुरुषों की तुलना में 4 गुना अधिक है। दुःख की बात ये है की जिन देशों में संक्रमण अधिक है वहाँ दवाओं की पहुँच कम है।
दुनियाभर में कुछ ऐसे समूह हैं जिनको इस संक्रमण का ख़तरा औरों से अधिक है जैसे कि देह व्यापार में लिप्त महिलाएँ, इंजेक्शन से ड्रग्स लेने वाले लोग और पुरुषों के साथ सेक्स करने वाले पुरुष।
मुझे संक्रमण हो तो मुझे क्या करना चाहिए?
आपको अपने शरीर की देखभाल पर ज़्यादा ध्यान देना होगा। स्वस्थ जीवन शैली अपनाइए और अपने शरीर के प्रतिरक्षा तंत्र पर भार नहीं पड़ने देना चाहिए। नियमित रूप से चिकित्सक की सलाह और जाँच करवानी चाहिए। अपनी दवा और जाँच की समय सूची का लेखा जोखा रखने के लिए कुछ मोबाइल ऐप भी उपलब्ध हैं।
इस बीमारी के साथ जीने के लिए शायद आपको मानसिक सलाहकार से मिलने के बारे में भी सोचना चाहिए। अपने आपको सुरक्षित रखने के साथ आपको औरों की सुरक्षा का ध्यान भी रखना चाहिए ताकि आपसे ये संक्रमण किसी और तक न पहुँच जाए। सेक्स के समय कंडोम अवश्य पहने।
यह लेख पहली बार 12 अक्टूबर 2012 को प्रकाशित किया गया था।