'आंटी जी कहती हैं, अरे बेटा, यह तो बड़ा पेचीदा और संवेदनशील मामला हैI
क्या तुझे पूरा विश्वास है?
चल सबसे पहले तो मुझे यह बता कि तुझे और क्या पता हैI क्या तुझे पूरा विश्वास है कि वो एक एचआईवी पॉजिटिव लड़के को डेट कर रही थी? क्या उसे पता था कि वो लड़का एचआईवी + था? क्या तुझे यह बात एक विश्वसनीय सूत्र से पता चली है? क्या तुझे पूरा यकीन है कि ऐसा ही है? देख पुत्तर अगर उसे पता था तो सही यह होता कि वो तुझे भी बता देतीI लेकिन यहाँ एक और संभावना भी हो सकती हैI वो यह कि उसे इसके बारे में पता था लेकिन जब उसने एचआईवी टेस्ट करवाया तो उससे साफ़ हो गया कि वो उससे प्रभावित नहीं है और उसने अपने पूर्व प्रेमी वाली बात सबसे छुपाने का निर्णय ले लियाI बेटा जी दोनों ही स्थितियां अपनी जगह ठीक है लेकिन तुझे यह ज़रूर पता चलना चाहिए कि तू कौनसी स्थिति में है?
बात करना ज़रूरी है
चलो पुत्तर जी, अब आपके बारे में बात करते हैंI यहाँ आपका शरीर, स्वास्थ्य और रिश्ता, तीनों ही दांव पर लगे हैं। तो तू सीधे शब्दों में उससे पूछ सकता है "मैंने कुछ सुना है और यह हमारे रिश्ते के बीच में आ सकता है"I ऐसा कुछ शायद? हो सकता है कि वो पूरी तरह चौंक जाए या डर जाए कि अब सब कुछ खत्म होने वाला हैI लेकिन यह भी तो हो सकता है कि वो तुझे यह बताये कि उसे पता था लेकिन तेरे साथ रिश्ता शुरू करने से पहले उसने जांच करवाई जिससे साफ़ हो गया कि वो एच आई वी पॉजिटिव नहीं हैI यह भी तो मुमकिन है ना पुत्तर? तो चल, अब जाकर उससे बात करI
तेरा भरोसा तोड़ा?
बेटा समर्थ - एचआईवी की समस्या में विश्वास भी एक मुद्दा है। यह किसी भी रिश्ते को बना या मिटा सकता हैI अगर एक साथी के द्वारा ऐसी कोई भी जानकारी रिश्ते में छुपाई जाती है तो दूसरे साथी को यह महसूस हो सकता है कि उसके साथ धोखा हुआ हैI आपको लगता है कि आपके साथी को आप पर विश्वास नहीं था। दूसरी ओर, जिन लोगों के एचआईवी + लोगों के साथ संबंध रहे होते हैं या उन्हें खुद एचआईवी होता है तो रिश्ता खोने के डर से वे यह छुपा कर रखते हैंI कई बार यह फैसला लेना मुश्किल हो जाता है कि क्या सही है और क्या गलतI हैं ना बेटा?
कुछ कठिन सवाल
एक काम करते हैंI निष्कर्ष पर पहुंचने से पहले इन सभी मुद्दों को एक-एक करके सम्बोधित करते हैंI सबसे पहले कि क्या तेरा उससे सीधे पूछना सही है? हां, यह कठिन है लेकिन तुझे यह सवाल पूछने का पूरा अधिकार है जैसे - क्या वो जानती थी? क्या उसने टेस्ट करवाया है? जांच में क्या आया है? ऐसा ही कुछI लेकिन यहाँ एक और सवाल खड़ा होता हैI अगर उसे पता था कि जिस व्यक्ति को वो डेट कर रही थी वो एचआईवी + था, तो क्या तुम दोनों को ही एचआईवी टेस्ट नहीं करवाना चाहिए? उससे पुष्टि हो जाएगी कि अगर एचआईवी है भी सिर्फ़ उस लड़की को नहीं हैI।
और अगर ...
अब एक बड़ा सवालI क्या होगा तब जब तुम दोनों में से कोई एक एचआईवी पॉजिटिव हो? अगर ऐसा हुआ तो तुम दोनों को एक साथ बैठकर, बेहद शान्ति से एक दूसरे से बात करनी चाहिएI अगर दोनों ही साथी एचआईवी को लेकर पूर्ण रूप से जागरूक हों और उन्हें पता हो कि वो इस रिश्ते से क्या चाहते हैं तो शायद किसी एक व्यक्ति की एचआईवी + स्थिति का रिश्ते पर कोई असर नहीं पड़ेगाI तो आप दोनों इस रिश्ते को वैसे ही जारी रख सकते हैं जैसा कि यह अभी हैI यहाँ तक कि आप दोनों के बीच सामान्य यौन सम्बन्ध भी हो सकते हैंI उसके लिए आप दोनों को सुनिश्चित करना होगा कि आप दोनों के बीच सेक्स पूरी तरह सुरक्षित हैI हमेशा कंडोम का इस्तेमाल करेंI अगर आप कंडोम का इस्तेमाल नहीं करना चाहते तो अप्रवेशित सेक्स कर सकते हैं (लेकिन उसमे भी कई सावधानियां हैं जो आपको लेने की आवश्यकता है)I लेकिन यदि आप किसी नतीजे पर नहीं पहुँच पा रहे हैं तो बेहतर होगा कि पूरी ईमानदारी के साथ अपने विचार अपने साथी को बता देंI
विनम्र निवेदन
अब यौन रूप से सक्रिय लोगों के लिए आंटी जी की ओर से जनहित में जारी एक विनम्र निवेदनI आप सभी अपनी स्थिति के प्रति जागरूक रहे और यह कसम खाएं कि हमेशा कंडोम का उपयोग करेंगे और जितना संभव हो सकेगा अपनी उतनी रक्षा करेंगेI बेटाजी, एचआईवी का आपके शरीर पर प्रभाव तो बहुत बाद में पड़ेगा लेकिन इससे जुड़े कलंक की वजह से आपका दिलों-दिमाग और रिश्ते बहुत पहले ही खराब होने शुरू हो जाएंगे तो यह जोखिम क्यों उठाना है? अपने आप को इस संक्रमण से और अपने मौजूदा या संभावित साथी से यह बात छिपाने के अपराध से अपने आपको मुक्त रखें। चलो, मैं आशा करती हूँ कि आज की इस बातचीत से कुछ अच्छा निकल कर आयेI तेरी आंटी जी की ओर से तुझे बहुत शुभकामनायेंI
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