आइये जाने ऐसी कुछ और बातो के बारे में जो बच्चा पैदा होने के बाद आपके सेक्स जीवन में होने वाले परिवर्तनों से जुड़ीं हुई है...
मिथ्य 1: आप एक बच्चे को जन्म देने के 6 हफ्ते बाद ही सेक्स कर सकते है
आमतौर पर डॉक्टरो की सलाह यही होती है महिलाओ को 6 हफ्ते तक रुकना चाहिए, पर ज़रूरी नहीं है कि यह बात सभी महिलाओ पर लागू हो। कुछ महिलाएं जल्दी तैयार हो जाती है (पर यह ध्यान रहे कि ज़ल्दबाज़ी संक्रमण को आमंत्रण दे सकती है), और कुछ को 6 हफ्ते से ज़्यादा समय लग सकता है। दोनों ही बातें ठीक है - आप को जितना ज़्यादा समय चाहिए उतना लीजिये, अगर आप को लगता है कि आप शारीरिक और मानसिक रूप से तैयार नहीं है तो थोड़ा और इंतज़ार ही बेहतर है।
मिथ्य 2: सम्भोग पीड़ा रहित होगा
काफ़ी महिलाओ को गर्भावस्था के बाद पहली बार या पहली कुछ बार सेक्स करने में थोड़ी पीड़ा और थोड़ी असुविधा हो सकती है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि प्रसव पीड़ा के दौरान योनि और उसके आसपास वाली जगहों को काफ़ी क्षति पहुँचती है और उन घावों को भरने के लिए उसे समय देना आवश्यक है। दूसरी तरफ़ ऐसा भी देखा गया है कि कुछ औरतो को बिल्कुल भी दर्द का अनुभव नहीं होता। तो मतलब यह कि आप कोशिश करके देखिये, अगर दर्द सहन ना हो तो थोडा और रुकिए।
मिथ्य 3: सब कुछ पहले जैसा होगा
माफ़ कीजिये पर ऐसा नहीं होगा। शुरु शुरू में योनि में उपयुक्त तरावट की कमी होगी जिसके लिए आप कोई चिकनाई वाला पदार्थ का प्रयोग कर सकते है। आपकी यौनरुचि कम हो सकती है और चूंकि गर्भावस्था के बाद योनि में बदलाव आते है तो कामुक अनुभव भी अलग हो सकता है। अगर ऐसा है तो भी इसके बारे में ज़्यादा परेशान ना हो, बल्कि अपने साथी से बात करे जिससे कोई ऐसा समाधान निकल सके जो दोनों के लिए अच्छा हो। और कीगल व्यायाम करते है - इससे इन बदलावों के अभ्यस्त होने में मदद मिलेगी।
मिथ्य 4: सेक्स पहले जितना संतोषजनक नहीं होगा
अब यह एक गलत धारणा है! यह बात अलग है कि सम्भोग करना एक अलग अनुभव हो सकता है लेकिन ऐसा नहीं है कि वो कम संतोषजनक होगा। हो सकता है कि जो सेक्स मुद्राएं आप पहले इस्तेमाल करते थे वो अब आप दोनों को उतना आनन्द ना प्रदान करेI आप को अपने साथी के साथ मिलकर चीज़े बदलनी होंगी जिससे कि आप दोनों एक दुसरे को पूरी तरह संतुष्ट कर सके।
मिथ्य 5: आप को गर्भ निरोध की चिंता छोड़ देनी चाहिए
स्तनपान एक अच्छा गर्भ निरोधक हो सकता है लेकिन इसे पूरी तरह भरोसेमंद नहीं कहा जा सकता खासकर तब जब आप सिर्फ स्तनपान ही नहीं कर रहे हो। यदि आप एक और बच्चा नहीं चाहते तो यह पहले से सुनिश्चित कर ले कि सम्भोग क्रिया के दौरान आप गर्भ निरोधन के लिए क्या सावधानियां बरतेँगे।
मिथ्य 6: संतान होने के बाद समय सिर्फ महिला को ही चाहिए होता है
झूठ! कुछ पुरुष एक महिला को प्रसव पीड़ा के दौरान होने वाली असुविधा के लिए अपने आप को दोषी मान लेते है। कुछ को यह समझ नहीं आता कि बिना अपने साथी पर दबाव डाले चीज़ों की शुरुआत कैसे करे। जबकि कई पुरुष बिना इंतज़ार किये दोबारा सेक्स चाहते है। अगर ऐसी किसी भी उलझन से आप गुज़र रहे है तो बेहतर यही होगा कि आप अपने साथी से बात करे।
मिथ्य 7: शिश्न गर्भाशय ग्रीवा को आघात पहुंचा सकता है
भगवान का शुक्र है कि यह एक मिथ्य है! अगर आप दोनों जल्दीबाज़ी ना करे और सेक्स के लिए स्निग्धक का प्रयोग करे तो योनि को या गर्भाशय ग्रीवा को किसी भी तरह का नुकसान नहीं पहुंचेगा।
मिथ्य 8: स्तनपान से सेक्स पर कोई फ़र्क़ नहीं पड़ेगा
स्तनपान से आपके शरीर में हार्मोनल सम्बंधित बदलाव आते है जिसका सेक्स जीवन में भी फ़र्क़ पड़ता है पर कुछ बदलाव अच्छे भी हो सकते है - हो सकता है कुछ बातो पर आप दोनों को हंसी भी आये लेकिन सेक्स के दौरान आकस्मिक रूप से हंसना तो अच्छा ही है। खासकर ऐसे समय में तो यह माहौल को हल्का करने में काफ़ी कारगर हो सकता है। कुछ पुरुषो के लिए सम्भोग क्रिया के दौरान स्तनों से दूध आना असुविधाजनक हो सकता है तो इसके लिए बेहतर यही है कि आप ब्रा पहन कर ही रखें।