प्रेगनेंट
Shutterstock/Rupan8/Person in the photo is NOT Naina. Names changed.

'इतनी कम उम्र में वह प्रेगनेंट कैसे हो सकती है'

बिहार के एक छोटे से गांव की रहने वाली 12 साल की नैना का दो महीने से एसिडिटी और गैस का इलाज चल रहा था, जबकि मामला कुछ और था। गांव के किसी डॉक्टर ने सोचा भी नहीं होगा कि वह इतनी कम उम्र में प्रेगनेंट हो सकती है। स्थानीय एएनएम रानी ने लव मैटर्स इंडिया के साथ नैना की कहानी शेयर की।

52 वर्षीय रानी बिहार के एक गांव में मिडवाइफ और नर्स (एएनएम) हैं।

लाल स्कर्ट वाली लड़की

सुबह का समय था। मैं एक फेमिली फंक्शन में अपनी बहन के गांव गई थी। वहीं मैंने 12 साल की एक हंसमुख और चंचल लड़की नैना को लाल रंग की स्कर्ट और ब्लाउज में पहली बार देखा। दो चोटी वाली वह लड़की हमारे घर के बाहर अपने दोस्तों के साथ खेल रही थी। उम्र के हिसाब से वह दिखने में थोड़ी अटपटी लग रही थी। उसका पेट फूला हुआ लग रहा था और वह गर्भवती औरत की तरह चल रही थी।

एक बच्ची के बारे में ऐसा सोचते हुए मैंने खुद को कोसा। शायद एक नर्स होने के नाते मेरी आदत हो गई है कि सामने जो दिखे उसे परखने की। मैं अपने ही ख्यालों में खोई थी कि, नैना की मां उसे बुलाने आ गई। 'नैना, जल्दी चलो, तुम्हारी दवा लेने हमें हकीम जी के पास जाना है।'

मैंने उत्सुकता से नैना की मां से पूछा कि उसे क्या दिक्कत है। 'दीदी, तुम उसे क्यों नहीं देखती? मैंने उसे कई डॉक्टरों और वैद्य जी को दिखाया लेकिन उसकी गैस की समस्या दूर नहीं हो रही है। वह कई महीनों से गैस की गंभीर बीमारी से परेशान है और उसका पेट फूल गया है।'

मैंने उससे कहा कि 'शहर के किसी डॉक्टर के पास जाओ। हो सकता है कि वहां उसकी समस्या का पता लग जाए'। मैंने नैना की मां से यह नहीं बताया कि वह प्रेगनेंट भी हो सकती है।

'मैं आज हकीम जी से मिलने जा रही हूं। अगर आराम नहीं मिला, तो मैं उसे शहर के हॉस्पिटल में डॉक्टर को दिखाऊंगी।'

इससे पहले की बहुत देर हो जाए

नैना और उसकी मां के जाने के बाद, मेरी बहन मेरे पास आई और बोली कि यह अफवाह फैली है कि नैना प्रेगनेंट है। गांव के बहुत से लोग उसकी मां को इस बारे में बताना चाहते हैं लेकिन नैना अभी सिर्फ 12 साल की है, इसलिए यह सोचकर कोई कुछ नहीं बताता है। उसकी मां को सदमा पहुंच सकता है।

मैंने जोर देकर अपनी बहन से कहा 'वह सच में प्रेगनेंट है। इससे पहले कि बहुत देर हो जाए, तुम्हें उसकी मां को बताना चाहिए'।

हम सब शादी के उत्सवों में व्यस्त हो गए लेकिन अक्सर मुझे नैना का ख्याल आ जाता था। मुझे उस छोटी बच्ची की चिंता थी। वह खुशमिजाज और चंचल बच्ची थी। वह इस बात से अनजान थी कि उसके शरीर के साथ क्या हो रहा है या आगे क्या होने वाला है। मैं एक हफ्ते के बाद अपनी बहन के घर से जब अपने गांव जाने लगी तब मैंने अपनी बहन से कहा कि मुझे नैना के बारे में अपडेट देते रहना।

गांव आने के दो दिन बाद ही मेरी बहन ने मुझे फोन किया। उसने मुझे बताया कि नैना को सांस लेने में तकलीफ हो रही थी तो उसकी मां उसे सरकारी हॉस्पिटल  लेकर गई थी। उसका पेट फूला हुआ होने के कारण वहां उसकी प्रेगनेंसी की जांच की गई। नैना सच में प्रेगनेंट है।

नैना के लिए कोई जगह नहीं

उसके घर के सभी लोग हैरान रह गए। वे नैना की प्रेग्नेंसी के पीछे जिम्मेदार आदमी का भी पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं। कहा जा रहा है कि गांव के ही किसी आदमी ने उसके साथ दुष्कर्म किया है।

नैना के माता-पिता परेशान थे और कई महीनों से प्रेग्नेंट होने और नाबालिग होने की वजह से हॉस्पिटल के कर्मचारियों ने उसका मामला लेने से मना कर दिया।

सरकारी हॉस्पिटल में उसका गर्भपात नहीं हो पाया। अब यह अफवाह उड़ रही है कि नैना की मां ने प्राइवेट क्लिनिक में गर्भपात करा दिया है। यह तो किसी को पता नहीं है कि उसका गर्भपात कहां और कैसे हुआ। लेकिन गुपचुप तरीके से उसका गर्भपात करा दिया गया। मुझे यह भी नहीं पता कि नैना का सुरक्षित गर्भपात हुआ था या नहीं क्योंकि उसे गर्भधारण किए हुए लगभग 6-7 महीने हो चुके थे।

मुझे उसकी बहुत चिंता थी क्योंकि उसके माता-पिता अपनी बेटी के गर्भपात/प्रसव के बाद अच्छी देखभाल करने की स्थिति में नहीं थे। नैना के पिता खेत में काम करते थे।

बाद में मेरी बहन ने मुझे बताया कि नैना का पेट अब सामान्य हो गया है। लेकिन चुलबुली, चंचल नैना, जिसे स्कर्ट पहनना और बेपरवाह होकर खेलना पसंद था, अब शांत रहती है। वह अपने घर के अंदर रहती है और स्कूल नहीं जाती है। अब वह सलवार कुर्ता और दुपट्टा पहनने लगी है।

संपादक की टिप्पणी: इस कहानी को चश्मदीद गवाहों के बताए गए बयानों के आधार पर संकलित किया गया है।  इसलिए सभी विवरणों की पुष्टि करना मुश्किल है। यह कहानी ग्लोबल डे फॉर सेफ अबॉर्शन 2022 के लिए ग्रामीण भारत में गर्भपात के अनुभवों का दस्तावेजीकरण करने वाली लव मैटर इंडिया की स्टोरी सीरिज का एक हिस्सा है। नैना की कहानी से पता चलता है कि खतरनाक परिस्थितियों में प्रेगनेंट होने के कारण गर्भपात कराना कई महिलाओं की मजबूरी होती है। महिलाओं के लिए वैध विकल्प उपलब्ध होने के बावजूद भी उन सेवाओं तक उनकी पहुंच आसान नहीं होती है।

तस्वीर में मॉडल का इस्तेमाल किया गया है।नाम बदल दिए गए हैं।  

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