महाराष्ट्र के एक छोटे से गाँव की प्रिया की शादी कम उम्र में ही हो गयी थी। प्रिया और उसका पति गाँव में चार साल रहे, लेकिन प्रिया के लिए जीवन मुश्किल था। उसका पति कोई काम नहीं करता था और प्रिया को उसकी रोज़मर्रा के खर्चो के लिए भी पैसे नहीं देता था।
अभाव के इन्हीं दिनों में प्रिया की मुलाक़ात औरतों के एक समूह से हुई जो उसे अपने साथ मुंबई ले आयी और प्रिया को सेक्स वर्क का काम सिखलाया। उसे आज भी उनके कहे शब्द याद है, मानो जैसे कल ही कहे गए हो, ‘बस यहां खड़ी हो जाओ, मर्द तुम्हारे पास खुद ही आ जाएंगे।’
प्रिया उन गलियों में पिछले सोलह सालों से है सेक्स वर्क कर रही है। उसका पति भी अब मुंबई आ गया है। लेकिन उसे प्रिया के काम के बारे में नहीं मालूम है।
प्रिया कहती है की वो अपना काम बदलने के बारे में नहीं सोचती। ‘मैं और करुँगी भी क्या? मुझे तो कुछ नहीं आता’। वो अपने और अपनी दो बेटियों के लिए अच्छे पैसे कमा रही है और आस्था परिवार की मदद से सेफ सेक्स का खयाल रखती है, स्वस्थ है.
प्रिया अपने आपको सशक्त महसूस करती है और स्वास्थ्य सुविधाओं एवं कॉन्डोम के अलावा उसे कुछ और नहीं चाहिए. जब तक उसके बच्चे ठीक हैं और वह स्वस्थ है, सब ठीक है। सेक्स वर्क उसके लिए अपने लक्ष्य तक पहुँचने का रास्ता लगता है।
प्रिया अब आस्था परिवार से जुड़ी हैं और अपने साथी सेक्स वर्कर्स को सेफ सेक्स, एच.आई.वी और कॉन्डोम के बारें में जागरूक करती हैं।
प्रिया खुद को स्वस्थ और सुरक्षित कैसे रखती हैं? अक्सर ये आसान भी नहीं होता। प्रिया ने हमें विस्तार से बताया:
सेफ सेक्स के लिए आप क्या करती हैं?
मैं कॉन्डोम का इस्तेमाल करती हूँ। हर छः महीने में एड्स के लिए जांच करवाती हूँ। यौन बीमारियों की जांच भी करवाती हूँ।
आप ये कब से कर रही हैं? और क्यों?
अब तो चार साल होने को आये। पहले तो मुझे कुछ मालूम नहीं था कि कहाँ से कॉन्डोम मिलेगा या कहाँ जांच के लिए जाऊं? हमें तो ये भी नहीं मालूम था कि हमारे पेशे के लिए सही स्वास्थ्य कितना ज़रूरी होता है। अब तो हम अपनी आस्था वाली काउंसेलर से जांच और कॉन्डोम सबके बारे में जान जाते हैं। मुझे बहुत साल जीना है और काम करना है। मुझे अपनी बेटियों के लिए काम करना है. इसलिए मुझे एच.आई.वी और बाक़ी बीमारियों से दूर रहना है.
आप अपने आस-पास के लोगों की सुरक्षा का किस तरह ध्यान रखती हैं?
मैं जानती हूँ इससे मुझे फायदा हुआ है सो मैं अब बिना कॉन्डोम के ग्राहक नहीं लेती हूँ। मैं अब सीख गयी हूँ कि ग्राहक को कॉन्डोम के लिए कैसे तैयार करना है। ये सब आसान नहीं है क्योंकि हर कोई अलग ढंग से सोचता है पर मैं कभी मीठा बोल कर तो ज़रूरत होने पर स्ट्रिक्ट होकर उनको कन्विंस करती हूँ।
मैं तो आस पास की दूसरी लड़कियों से भी जांच, कंडोम और चेक अप के बारे में बात करती रहती हूँ। मैं उनसे अपना अनुभव बताती हूँ. मैं उनको अलग स्वाद वाले कॉन्डोम के बारे में बताती हूँ। पान वाले कॉन्डोम का स्वाद मुझे बहुत पसंद है। लड़कियों को इन नयी चीज़ों के बारे में जानना अच्छा लगता है।
कभी जब कॉन्डोम नहीं उपलब्ध था, तब आपने क्या किया?
मैं तो वैसे ग्राहक लेती ही नहीं जो कॉन्डोम नहीं इस्तेमाल करना चाहते। मैं ख़ुद बहुत सारा कॉन्डोम लेकर चलती हूँ ताकि ग्राहक बहाना न बनाये। मैं उनसे कहती हूँ अगर हममें से किसी को भी बीमारी हुई तो कॉन्डोम न होने से दोनों को हो जाएगी। मैं तो ये भी कहती कि बिना कॉन्डोम सेक्स करोगे तो फैमिली भी रिस्क में आ जाएगी। मैं उन खोलियों और कोठरियों में भी कॉन्डोम रखती जहाँ ग्राहक लेकर जाती हूँ। इसलिए कॉन्डोम नहीं होगा, ऐसा बहुत कम होता है। अब तो कई तरह के कॉन्डोम भी आते हैं।
अँधेरे में कैसे पता चलता कि कॉन्डोम का इस्तेमाल हो रहा है या फिर अगर कोई मना कर दे तो?
कॉन्डोम नहीं तो सेक्स नहीं। अपना तो यही फंडा है। हमने तो कई तरीके सीख लिए हैं ग्राहक को कॉन्डोम इस्तेमाल के लिए मनाने के। मैंने तो अँधेरे कंडोम का पैकेट खोलने का ट्रिक भी जान लिया है। मुंह में रखते ही पता चल जाता है कि कॉन्डोम इस्तेमाल के लिए ठीक है या नहीं। मैं तो अपने रेगुलर ग्राहक से भी कहती, इसके इस्तेमाल से सेक्स और बढ़िया होता है।
इन सबसे स्वास्थ्य को क्या फायदा हुआ है?
हिंसक और पियक्कड़ ग्राहक को कॉन्डोम के लिए मनाना मुश्किल है, पर हम ऐसे ग्राहकों से सावधान रहते हैं। इन सब से फायदा यह हुआ है कि हम सुरक्षित रहते हैं, जब तक कॉन्डोम फट ना जाये हम सुरक्षित रहते हैं। जैसे ही पता चलता है कंडोम फट गया है, हम तुरंत चेकअप के लिए जाते हैं।
किस चीज़ की कमी कभी नजर आती है? क्या आपको HIV से और सुरक्षा चाहिए?
जब कोई कॉन्डोम फटता है तो रिस्क हो जाता है। ये मेरे साथ और कई और लड़कियों के साथ हो चुका है। ऐसे वक़्त पर सुरक्षा की गोली (PrEP) हमारी मदद करती हैं। अगर कस्टमर भी ये दवाई खाये तो ज्यादा फायदा होता है।
तस्वीर में मौजूद व्यक्ति मॉडल हैं ।पहचान की सुरक्षा के लिए नाम बदल दिए गए हैं।
आस्था परिवार यौनकर्मियों की एक संस्था है जो विभिन्न पृष्ठभूमि, लिंग और आयु के लोगों को सुरक्षित यौन संबंधों के बारे में शिक्षित करता है। लव मैटर्स इंडिया और आस्था परिवार ने दिसंबर में एचआईवी / एड्स के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए साझेदारी की है, और यह एचआईवी / एड्स जागरूकता माह भी है।
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