Women kids
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क्या सभी महिलायें माँ बनना चाहती हैं?

अगर आप एक महिला हैं तो लगभग सभी समाजों में, और विशेष रूप से हमारे में, यह मान लिया जाता है कि आप एक बच्चा को जन्म तो देंगी हीI शायद ऐसा इसलिए क्यूंकि हमें सदियों से यही बताया गया है कि मातृत्व ही 'एक महिला' को पूरा करता हैI क्या वास्तव में ऐसा ही है? हमने पांच अलग-अलग महिलाओं से बात की थी, जिन्होंने बच्चों के बिना जीवन जीने का फैसला किया और क्यों?

कैरियर से समझौता नहीं

मैं पेशे से रिपोर्टर हूं और मुझे अपना काम बहुत पसंद है। मैंने अपनी मर्जी से इस क्षेत्र को चुना है। ऐसे में मैं कभी ये नहीं चाहूंगी कि कोई भी चीज मेरे काम में रूकावट पैदा करे। गर्भवती होने से लेकर बच्चा पैदा करने और उन्हें पालकर बड़ा करने में लंबा वक्त लगता है और मैं इसके लिए अपने काम से समझौता नहीं कर सकती, आखिर ये मेरे करियर का सवाल है। मैंने इस बारे में अपने पति से बात की। पहले तो मुझे लगा कि वो इसके लिए बिल्कुल तैयार नहीं होंगे लेकिन समझाने के बाद वे मान गए। हम दोनों के रिश्ते में पहले जैसा ही प्यार बना हुआ है।

कृति अरोड़ा, 27, रिपोर्टर, मुंबई

अपनी माँ की तरह

मेरी मम्मी सरकारी नौकरी करती थीं। जब मैं दो साल की थी तो उन्होंने मुझे गांव में नानी के पास छोड़ दिया। वो अपनी नौकरी,घर और मुझे एक साथ नहीं संभाल पा रही थीं। नानी के घर मेरी परवरिश अच्छे से नहीं हो पायी। मैं अच्छे स्कूल से नहीं पढ़ पायी और मुझे मां-बाप का प्यार भी नहीं मिला। चूंकि मेरे जीवन का यह सबसे खराब अनुभव रहा है और अब मैं खुद नौकरी करती हूं। मुझे भी अपनी मां की तरह घर और ऑफिस के काम में तालमेल बिठाने में दिक्कत होती है। इसलिए मैंने और मेरे पति ने मिलकर यह सोचा है कि हम बच्चे पैदा नहीं करेंगे।

मीनाक्षी, 29, लखनऊ, इंजीनियर

 

प्रसव पीड़ा नहीं झेल सकती

हम 21वीं सदी में पहुंच गए हैं। यह कैरियर बनाने, अपने सपनों को पूरा करने और ज्यादा से ज्यादा पैसा कमाने का दौर है। ऐसे में बच्चे के आ जाने से जिम्मेदारियां और खर्च दोनों बढ़ जाती हैं। यहां तक कि मुझे डिलीवरी के समय होने वाले दर्द को सोचकर ही सिहरन होने लगती हैI मुझे नहीं लगता कि मैं उतना दर्द झे पाउंगी और यही वजह है कि मैंने शादी से पहले ही अपने पति को इस बारे में बता दिया था कि मुझमें बच्चा पैदा और उतना दर्द सहने की हिम्मत नहीं है। उम्र के किसी पड़ाव पर जब हमें बच्चे की जरूरत महसूस होगी तो हम बच्चा गोद ले लेंगे। अभी हम अपने काम पर ज्यादा ध्यान दे रहे हैं।

अवंतिका परमार, 24, बैंक कर्मी, दिल्ली

अभी बच्चे का खर्च नहीं उठा सकते

मैंने अपने घरवालों के खिलाफ जाकर अपनी पसंद के लड़के से शादी की है। हम दोनों के घर की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी। इसकी वजह से हम जो करना चाहते थे वो नहीं कर पाए। वैसे तो हम दोनों प्राइवेट कंपनी में नौकरी करते हैं लेकिन फिर भी अपनी जरूरतें पूरी नहीं कर पाते है। दिनोंदिन बढ़ती महंगाई के जमाने में हम अभी भी आर्थिक संकट से उबर नहीं पाए हैं, ऐसे में बच्चे का खर्च उठाना हमारे बस की बात नहीं है। हम दोनों घर का किराया देने के बाद खाने-पीने का ही बचा पाते हैं। अभी अपनी जिंदगी में हम किसी तीसरे को नहीं लाना चाहते हैं। हम ऐसे ही बहुत खुश हैं।

सोनम सिंह, 27, वाराणसी, कॉल सेंटर

आसान ज़िंदगी चाहिए

मैंने अपनी बड़ी दीदी के ससुराल में देखा था कि वहां उनके बच्चे को संभालने में कोई उनकी मदद नहीं करता था। मुझे लगता है मां होना और पिता होना, इन दोनों ज़िम्मेदारियों में जमीन-आसमान का अंतर है। मेरे जीजा जी बच्चे को कभी गोद में नहीं लेते और इसे दीदी की जिम्मेदारी मानते हैं। इसी तरह घर के दूसरे सदस्य भी यह कहकर खिसक जाते हैं जिसका है वही संभाले। ऐसी हालत में घर के कामकाज के साथ बच्चे को संभालना बेहद मुश्किल काम है। मैं दफ्तर जाती हूं और एक कामकाजी महिला हूं, ऐसे में ये मैं कभी भी नहीं चाहूंगी कि अपनी दीदी की तरह मैं भी बच्चे पालने की परेशानी में पड़ूं इसलिए मैंने सोचा है कि मैं बच्चा पैदा नहीं करूंगी।

रितिका मुखर्जी, 29, नोएडा

नाम बदल दिए गए हैं

तस्वीर के लिए मॉडल का इस्तेमाल किया गया है

क्या हर महिला के लिए बच्चो को जन्म देना अनिवार्य है? अपने विचार हमारे फेसबुक पेज पर लव मैटर्स के साथ जुड़कर साझा करेंI अगर आपके पास कोई विशिष्ट प्रश्न है, तो कृपया हमारे चर्चा मंच पर जाएंI

लेखक के बारे में: अनूप कुमार सिंह एक फ्रीलांस अनुवादक और हिंदी कॉपीराइटर हैं और वे गुरुग्राम में रहते हैं। उन्होंने कानपुर विश्वविद्यालय से हिंदी साहित्य में स्नातक की पढ़ाई पूरी की है। वह हेल्थ, लाइफस्टाइल और मार्केटिंग डोमेन की कंपनियों के लिए हिंदी में एसईओ कंटेंट बनाने में एक्सपर्ट हैं। वह सबस्टैक और ट्विटर पर भी हैं।
 

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Comments
mis apka kehna bilkul galat he yahi baat agar aapke maa baap ne sochi hoti tab apka kerier ka kya hota mera manna ye he ki na jyada na kam .ayek ya 2 bacche to peda kiya jaye jise hamara vans aage badhe so ap or apka pati dono hi galat ho,