“ये समझना मुश्किल हो जाता है कि अचानक मेरे पुरुष साथी की ये इच्छा कैसे जाग्रत हो गयी?”
सम्भोग सिर्फ एक औपचारिकता के लिए ना करें
सचमुच समझना मुश्किल ही है, लेकिन लान के मुताबिक दोनों की उत्तेजना एक साथ हो, इसके भी उपाय हैं। उनकी सबसे पहली सलाह - सम्भोग सिर्फ औपचारिकता पूरी करने के लिए ना करें, बल्कि इसलिए करें क्यूंकि आपको ये करना पसंद है।
“बहुत सी महिलाएं महसूस करती हैं कि उनका सम्भोग करने का मन नही हो तो भी अपने पुरुष साथी की इच्छा के लिए वो सम्भोग कर लेती हैं। यदि सम्भोग के लिए आपकी यह सोच है तो संभव है कि समय के साथ आपका दिमागये सचमुच मान ले कि आपको सम्भोग वाकई पसंद ही नहीं है।”
सम्भोग का आनंद सिर्फ एक सहूलियत ही नहीं, बल्कि महिलाओं की ज़रूरत भी है। “यदि आप सम्भोग से पहले उत्तेजित ना हों तो सम्भोग चिकनाई के अभाव में एक दर्दनाक क्रिया में परिवर्तित हो जाता है।
पुरुष सम्भोग में अपना आनंद ढूँढते हैं, महिलाओं को भी ऐसा करना चाहिए।
“बहुत सी महिलाओं को ये सच बुरा लगता है कि उन्हे सम्भोग आनंददायी नहीं लगता। लेकिन संभव है कि उन्हे सम्भोग तो पसंद हो लेकिन जिस तरह का सम्भोग उन्हें मिल रहा हो वे आनंद दायक ना हो।मैं ऐसे में महिलाओं को स्थिति में बदलाव की सलाह देती हूँ। महिलाओं को ये सोचना चाहिए कि उन्हें क्या चाहिए ना कि ये कि उन्हें क्या नहीं चाहिए।”
“अक्सर पुरुषों की सोच सम्भोग के बारे में ऐसी ही होती है।वोआनंद चाहते हैं। महिलाओं को भी सम्भोग के आनंद के बारे में पुरुषों की तरह सोचना चाहिए। ये समझना चाहिए कि यौन सुख साधारण चीज़ है, कोई बोनस नहीं।
बिना न्योते के पास ना जायें।
लान के पास कुछ टिप्स हैं: “थोडा और सक्रिय बनिए। कल्पना करें कि आप के अज्ञात ज़मीन पर आये एक घुमंतू जीव हैं जो नयी जगह केबारे में सबकुछ जानना चाहता है। अपने शरीर की ज़रूरतों और सुख को समझें।
सुनिश्चित करें कि आप आराम से हैं। “यदि आप तनाव ग्रस्त हों और सम्भोग की इच्छा न रखते हों, तो वाकई इसका आनंद अनुभव करना मुश्किल हो जाता है। उदाहरण के तौर पर जिस समय आप तनाव मुक्त ना हों, आपके स्तनों को छूने पर आपको आनंद की बजाय दर्द भी महसूस हो सकता है। कई महिलाओं ने मुझे बताया कि उनके पुरुष साथी उनके स्तनों के साथ कुछ ज्यादा ही कठोर थे। मुझे अपने साथी को ये समझाना पड़ा कि मेरे स्तनों को छूना एक अच्छा एहसास है, लेकिन मेरी मर्ज़ी से।”
मूड में आना
इस सन्दर्भ में पुरुषों को महिलाओं की अपेक्षा ज्यादा सुविधा है। वो कई चीज़ों से उत्तेजित हो जाते हैं। “अक्सर पुरुष अपनी महिला साथी कोरोज़मर्रा की ब्रा और पैंटी पहने देख कर ही उत्तेजित हो जाते हैं। जबकि मैंने महिलाओं को ऐसा कहते नहीं सुना।”
“इसके बावजूद, शोध यह दर्शाती हैं कि महिला के उत्तेजित होने में अपने साथी का रूप रंग और आकर्षण भी ज़रूरी है। तो अपने पुरुष को कहिये कि साफ़ सुथरे बनें और दाढ़ी बनायें और वैसे दिखें जैसा आपको पसंद है।यह आपका अधिकार है।”
सम्भोग का कोई तय फ़ॉर्मूला नहीं है
आखिरकर एक महिला का यह महसूस करना आवश्यक है कि उनका साथी उन्हें समझ रहा है। जो बातें या कलह दिन में होते हैं, संभव है कि वोबातें रात को आपके शयन कक्ष तक आपका पीछा न छोड़ें। महिलाओं के लिए सम्भोग कोई फ़ॉर्मूला नहीं। इच्छा जाग्रत रखने के लिए निरंतर प्रयास करते रहना ज़रूरी है।
निरंतर प्रयास करते रहना सुनने में मुश्किल ज़रूर है लेकिन इसका फल उस दिन प्रतीत होगा जब रात को 11 बजे आप में सो कोई एक नहीं बल्कि आप दोनों एक ही समय पर सम्भोग करने के इच्छुक होंगे।
फोटोग्राफी: एड यौरडोन, सी सी केलाइसेंसके अंतर्गत।
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क्या आप और आपका साथी सम्भोग के बारे में एक समय पर एक जैसा नहीं सोचते? क्या आपके पास इसे बदलने का कोई सुझाव है?