दिखावा करना
मैंने दोस्तों से नहीं पूछा क्योंकि मैं शर्म महसूस करती थी। (हालांकि, बाद में जब हम लोगों ने बात की, तब पता चला कि उन्हें भी इसके बारे में ज्यादा नहीं पता था।) मैंने अपने पार्टनर से भी नहीं पूछा क्योंकि मुझे लगा कि इससे उसे बुरा लग सकता है।
मैंने कई बार ऑगेज्म का नाटक किया है ताकि मेरे पार्टनर को अच्छा लगा और उसे परेशानी ना हो। भले ही मैं बिना ऑगेज्म के भी अच्छा महसूस कर रही थी लेकिन मेरा पार्टनर मुझे ऑर्गेज्म तक ले जाने की कोशिश करता और दबाव महसूस करता था। यह दबाव मुझ पर भी हावी होने लगा और मुझे 'ऑगेज्म की चिंता' होने लगी।
मुझे डर था कि कहीं वो मुझसे बोर हो जाएगा या असंतुष्ट महसूस करेगा और इस वजह से मैं खुद को अधूरा और असहज महसूस करने लगी। मुझे याद है कि मेरे एक एक्स ने मुझसे कहा था, "जिन लड़कियों के साथ मैं पहले था, उन्हें कभी कोई दिक्कत नहीं हुई। शायद दिक्कत तुम्हारे साथ है।"
फाइनली मिला ऑर्गेज्म
लेकिन आखिरकार मुझे अपना पहला ऑगेज्म मिला लेकिन यह उतना खास नहीं था बल्कि मैं कहूं तो थोड़ा 'ओवररेटेड' लगा लेकिन मैं वहां तक पहुंची कैसे? क्योंकि मैंने अपने पार्टनर से सच बोल दिया।
मैं एक नए इंसान से मिली और ईमानदारी से कह दिया कि मुझे कभी ऑगेज्म नहीं हुआ और मुझे नहीं पता था कि होगा भी या नहीं। जब यह बात सामने आ गई, तो दबाव खत्म हो गया। वो समझदार था – और यहां पार्टनर के साथ कंफर्टेबिलिटी भी मायने रखती है।
इसके साथ ही मैंने थोड़ा रिसर्च भी किया और कुछ जानकारी हासिल की-
मैंने समझा कि मुझमें कोई कमी नहीं थी बल्कि बस मुझे समझना था कि मेरे लिए क्या सही है।
कई महिलाओं को सिर्फ योनि सेक्स से ऑगेज्म नहीं होता लेकिन भगशेफ (clitoris) की सही तरीके से उत्तेजना से हो सकता है मगर ये कोई बटन नहीं है, जिसे दबाते ही ऑगेज्म आ जाए। यह सही स्पीड, दबाव और रिदम पर निर्भर करता है।
इसे समझने में ना सिर्फ पार्टनर को बल्कि खुद को भी समय लगता है।
उत्तेजना हमेशा बदलती रहती है इसलिए इसे समझने की कोशिश करें। मैं कई चीज़ें जानना चाहती थी और नई चीजें ट्राई करती थी- कभी अकेले, तो कभी किसी के साथ। हमेशा कुछ नया सीखने को मिलता था।
आपके शरीर को आपसे बेहतर कोई नहीं जान सकता और धीरे-धीरे आपको खुद के लिए सही तरीका मिल ही जाएगा।
अपने पार्टनर से बात करें
मुझे समझ आया कि बात करना बहुत जरूरी है। आखिरकार, मैंने हिम्मत जुटाई और अपने पार्टनर से अपनी जरूरतों पर खुलकर बात की। मैंने अच्छे से रिसर्च किया था, तो सोचा, क्यों ना इसे शेयर करूं? इससे सब कुछ आसान हो गया।
मेरी एक दोस्त तीन साल से एक लड़के को डेट कर रही है लेकिन उसे कभी ऑगेज्म नहीं हुआ। फिर भी, वो इस बारे में बात नहीं करती क्योंकि उसे नहीं पता कि बात कैसे की जाए। उसे डर है कि उसका पार्टनर नाराज हो सकता है।
यह इस पर निर्भर करता है कि आप अपने पार्टनर पर कितना भरोसा करते हैं। आपको खुद समझ आएगा कि कितना बताना सही रहेगा - और ज्यादातर बार, उनका रिएक्शन पॉजिटिव ही होगा।
यह एक बात है, जो मैं खुद से अक्सर कहती हूं: "शांत रहो, ओर्गास्म की चिंता मत करो। मैं ठीक हूं, जहां मुझे होना चाहिए।" इस पर ज्यादा ना सोचें – 'ऑर्गेज्म की चिंता' किसी के लिए भी मजेदार नहीं होती है और जब तक आपको सेक्स का आनंद मिल रहा है, ओर्गास्म की फिक्र करने की जरूरत नहीं है। अगर हो गया तो अच्छा, नहीं हुआ तो भी कोई बात नहीं।
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यह आर्टिकल पहली बार 8-3-2-14 को पब्लिश हुआ था।