इस हफ्ते, आइये हम गुदा मैथुन से जुड़े कुछ मिथकों का अंत करते हैं। क्या ये सिर्फ समलैंगिकों के लिए है? क्या इस से एड्स होना निश्चित है? क्या ये हमेशा कष्टदायक होता है?
• मिथ्या 1: यह समलैंगिक लोगो के लिए ही है
यदि आप सोचते हैं की ये सिर्फ समलैगिक पुरुषों के लिए ही है, तो आप गलत सोचते हैं। बहुत से स्ट्रेट(विषमलैंगिक) पुरुष भी गुदा मैथुन करते हैं। और ऐसा करने से वो समलैंगिक नहीं बन जाते। दरअसल हाल ही में हुई एक अमेरिकी रिसर्च से सामने आया की ५० साल से कम आयु के ४४ प्रतिशत पुरुष गुदमैथॊन ट्राई कर चुके हैं। तो चाहे आप गे हों या स्ट्रेट, आप गुदा मैथुन कर सकते हैं।
(इतना ही नहीं, लव मैटर्स की 2011 की रिपोर्ट के मुताबिक समलैंगिक सेक्स सिर्फ गुदा मैथुन नहीं है। सर्वे के अनुसार केवल एक तिहाई सम्लैंकिक पुरुषों ने गुदा मैथुन किया था।
• मिथ्या 2 : ये अप्राकृतिक है
गुदा मैथुन अप्राकृतिक या घिनौना नहीं है। ये सदियों से समाज में होता रहा है और इसे मान्यता भी प्राप्त है। यकीन नहीं आता? तो ज़रा जाकर खुजराहो के प्रसिद्ध मंदिरों की चित्रकारियां और मूर्तियाँ देखिये। इस से जुड़ा काफी कुछ वहां देखने को मिलेगा!
• मिथ्या 3 : ये गन्दा है
हम में से बहुत से लोग सोचते हैं की यह गन्दा और घिनौना है। गलती हमारी नहीं है। हमे यही सिखाया जाता है की शरीर के इस हिस्से से जर्म्स फैलते हैं। लेकिन यदि हम अपने शरीर की सफाई का ध्यान अच्छी तरह रखते हैं तो ऐसा कोई खतरा नहीं है।
• मिथ्या 4 : ये दर्दनाक है
यदि आप रिलैक्स्ड हैं, और सही लुब्रिकेय्शन है, तो दर्द की कोई वजह नहीं है। असल में दर्द की वजह मानसिक तनाव है। यदि आप रिलैक्स्ड होंगे तो दर्द होने की सम्भावना ना के बराबर ही है।
• मिथ्या 5 : महिलाओं को ये पसंद नहीं
यदि आपको फ़िक्र है की आपकी गर्लफ्रेंड को ये पसंद नहीं तो अंदाजा लगाना बंद करिए। पूछ के देखिये और फिर राय बनाइये। यदि अमरीकी सर्वे की और लौटें तो 36 प्रतिशत स्ट्रेट अमरीकी महिलाओं ने कम से कम से क बार गुदा मैथुन अनुभव किया है।
• मिथ्या 6 : ये नुकसानदायक है
मैंने गुदमैथुन से जुडी कुछ बेबुनियाद अफवाहें सुनी हैं जैसे की इस से आपके नितम्ब बड़े और बेडौल बन जाते हैं। ये सिर्फ बकवास है और कुछ नहीं!
लेकिन कुछ बातो का ध्यान रखना बेहद ज़रूरी हैं। जैसे की कंडोम और लुब्रिकेशन का इस्तेमाल। और मुख्मैथॊन और सामान्य सम्भोग की ही तरह गुदा मैथुन से भी सेक्स संक्रमित रोग फैलने का खतरा होता है। तो ज़रा सावधान रहे!
तो बस आज के लिए इतना ही! उम्मीद है की गुदा मैथुन के बारे में आपकी गलतफहमी अवश्य दूर हुई होगी। अगले हफ्ते हम 'सेक्स से जुडी गलतफहमी का अंत' के अगले अंक के साथ फिर लौटेंगे।
फोटो/चित्र: George Doyle / Love Matters/RNW
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गायत्री परमेस्वरन एक बहु-पुरस्कार विजेता लेखक, निर्देशक और इमर्सिव मीडिया कार्यों की निर्माता हैं। वह भारत में पैदा हुई और पली-बढ़ी और वर्तमान में बर्लिन में रहती है, जहां उन्होंने NowHere Media की सह-स्थापना की - एक कहानी सुनाने वाला स्टूडियो जो समकालीन मुद्दों को एक महत्वपूर्ण लेंस के माध्यम से देखता है। उन्होंने अपने शुरुआती वर्षों में लव मैटर्स वेबसाइट का संपादन भी किया। उनके बारे में यहाँ और जानें।