आंटीजी कहती हैं...ओह्हो पुत्तर, ये समस्या सिर्फ तेरे बॉय फ्रेंड की नहीं हैI मुझे तो लगता है देश के आधे से मर्द इस समस्या का शिकार हैंI आज का कॉलम उन् सभी प्रेमी मर्दों को समर्पित हैं जिनका कार्यक्रम शुरू होने से पहले ही खत्म हो गया!
कुछ ज़्यादा ही सेक्सी
तो मेरी प्यारी जसलीन और बाकि सब लड़कियों, सबसे पहले तो इसे अपनी तारीफ ही समझो की तुम्हारे आकर्षण के सामने वो ज़्यादा देर डट नहीं पाताI
मुझे मालूम है तुम सब सोच रही होगी की क्या आंटीजी, चूल्हे में जाये ऐसा आकर्षण, लेकिन मेरी बच्चियों, इस बात को झुटलाया नहीं जा सकता की शीघ्रपतन का कारण पुरुषों के अतिरिक्त सेक्स उत्तेजित होने से होता है और इसका कारण कहीं न कहीं तुम्हारे आकर्षक होने से ज़रूर जुड़ा हुआ है!
सेक्स अपेक्षाएं
अब असल में समस्या ये है की 'शीघ्रपतन' होने वाले व्यक्ति पर सेक्स से जुडी अपेक्षाएं कुछ ज़्यादा होती हैं, वो उनका निर्वाह नहीं कर पता और अच्छा प्रदर्शन करने की उम्मीद और ज़्यादा नुकसानदायक साबित होती हैI
पुरुष स्वार्थी बनकर ये सोच सकता है कि 'चलो छोडो, मेरा काम तो हो गया', या फिर 'ये मेरी ड्यूटी थोड़ी है'I ड्यूटी है हीरो, बिलकुल ड्यूटी हैI याद रखो जब सेक्स दो लोग कर रहे हैं तो फिर उसका नतीजा भी कुछ ऐसा ही होना चाहिए की दोनों लोग संतुष्ट हो पाएं, नाकि सिर्फ 'कुछ पल वाला शहंशाह'!
सेक्स का मज़ा, लड़कों के बराबर लड़कियों का भी हक़ हैI और इसकी चाह रखना तुम लड़कियों को कोई चरित्रहीन नहीं बना देताI तो अगर तुम्हारे लड़के को तुम्हारे सेक्स के मज़े से मतलब नहीं है, तो शायद तुमसे भी कुछ ख़ास मतलब नहीं होगाI ऐसे लड़के को बाहर का रास्ता दिखाओ!
कोई नहीं..अगली बार...
माफियां..अगली बार..और ऐसी ही बकवास..'माफ़ करना जानू मैं रोक नहीं पाया',या 'बेबी तुम हो ही इतनी सेक्सी की मुझसे कंट्रोल नहीं होता', या फिर 'सॉरी जानू, लेकिन तुम्हे कुछ ज़्यादा ही समय लगता है...'
और ये सब सुनकर तुम लड़कियां शांत हो जाती हो, कहीं उसकी मर्दानगी को ठेस न लग जायेI. "कोई नहीं जानू, अगली बार"I ये अगली बार कुछ नहीं होता मेरी लड़कियों! जो है अब है, यहीं है!
कुछ करो मिस्टर
तो आखिर मिस्टर क्या कर सकता है? अगर चाहे तो काफी कुछ! अक्सर पुरुष समझते हैं की ये कोई बीमारी हैI खोती हुई मर्दानगी से निराश होकर कुछ तो आत्म हत्या के बारे में भी सोच बैठते हैंI पागलपन, है न?
इस समस्या के समाधान के लिए कई रास्ते हैंI उसे ये रास्ते आज़माने के लिए कहो, जैसे की रुक-रुक कर, या कंडोम का प्रयोगI सब एक साथ नहीं लेकिन करके देखो की कौनसा रास्ता असरदार साबित होता हैI
बात ये है की हर समय अपना 'बड़ा दिल' दिखा कर उसे दुःख न पहुँचाने के डर से इस बारे में कुछ न कहना और करना सही नहीं हैI देर सवेर तुम्हे इसका पछतावा होगा ही- तब तक देर न हो जाये!
गति नियंत्रण
सच ये है की अच्छा सेक्स समय और गति का खेल हैI अगर उसे उत्तेजना जल्दी होती है तो यह भौतिकता हैI लेकिन गति को धीमा करने के लिए कौनसे डॉक्टर ने माना किया है? ये तो खुद उस पर निर्भर हैI तो उसे ये नियंत्रण करवाओI
उसे कई बार खुद से ज़्यादा ध्यान अपने साथी, यानि की तुझ पर देना ज़रूरी हैI उनके शरीर के वो हिस्से ढूंढ़ना जहाँ सबसे ज़्यादा संवेदना हैI ये नहीं की खुद उत्तेजित हुए नहीं और उछलकूद शुरू! उसका ध्यान तुम पर केंद्रित होना चाहिए, और जब तुम भी पूरी तरह गेम में आ जाओ तो वो खुद पर ध्याना दे सकता हैI देख बेटा, ये सब करना इतना आसान नहीं होगा जितना की कहना है, लेकिन धीरे धीरे कोशिश की जाये तो संभव ज़रूर हैI और इसके संभव होने में फायदा दोनों का हैI
और अंत में- बातचीतI ये बेहद ज़रूरी है की तू उसे बताए की सेक्स के दौरान तुझे क्या अच्छा लगता है और क्या नहींI उसे बता की तेरा समां कैसे बंधने लगता हैI कहीं कुछ ऐसा छुपा हुआ तो नहीं जिसे वो देख नहीं जिसपर उसका ध्यान नहीं जा रहा हैI उसकी मदद कर, कल्याण तो तेरा ही होगा!
क्या आपके साथी को भी शीघ्रपतन की समस्या है या रह चुकी है? अपने इसका सामना कैसे किया? यहाँ अपने अनुभव लिखें या फेसबुक पर इस चर्चा में हिस्सा लेंI