workplace harassment
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मेरे कलीग ने मेरे ब्रेस्ट टच किये

द्वारा Akshita Nagpal जनवरी 29, 05:18 बजे
माहिरा बहुत तनाव में है। उसके कलीग ने उसके ब्रेस्ट छूने की कोशिश की और इससे पहले भी वह कई बार जानबूझकर ऐसा करने की कोशिश कर चुका है। माहिरा को अपना काम बहुत पसंद है लेकिन इस घटना के बाद से वह किसी भी चीज़ पर फोकस नहीं कर पा रही है। ऐसी सिचुएशन में माहिरा क्या कर सकती है?

इंटरनल कंप्लेंट कमेटी 

हमने माहिरा से उसके ऑफिस के बारे में सब कुछ जानने की कोशिश की। हमने उससे यह भी पूछा कि क्या उसके ऑफिस में इंटरनल कंप्लेंट कमेटी है जिसे आईसीसी कहा जाता है।

कानून के अनुसार हर ऑर्गनाइजेशन जिसमें 10 या उससे अधिक कर्मचारी काम करते हैं, उनमें एक इंटरनल कंप्लेंट कमेटी होनी चाहिए। आईसीसी के स्टॉफ में आधी सदस्य महिलायें होती हैं और सीनियर विमेन एंप्लॉयी इसकी हेड होती है। आईसीसी में एक बाहरी सदस्य (एक्सटर्नल मेंबर) भी होना चाहिए।

माहिरा को अपने एचआर से पता चला कि उसके ऑफिस में आईसीसी है। अगर माहिरा ऑफिस से कोई मदद चाहती है तो आईसीसी से संपर्क करके उन्हें अपनी प्रॉब्लम बता सकती है।

यदि किसी संस्था (ऑर्गेनाइजेशन) में 10 कर्मचारी नहीं हैं तो यौन उत्पीड़न की शिकायत जिला स्तरीय लोकल कंप्लेंट कमेटी या लोकल पुलिस स्टेशन के महिला विंग में की जा सकती है।

माहिरा का अगला कदम 

आईसीसी की सिफारिश पर माहिरा को पूछताछ (इंक्वायरी) के दौरान तीन महीने की पेड लीव या अलग ब्रांच से काम करने का ऑप्शन दिया गया। उसने पहला ऑप्शन चुना। 

कभी-कभी छुट्टी या ट्रांसफर का ऑप्शन आरोपी को भी दिया जाता है। जिससे ये एक दूसरे को आगे चलकर कोई नुकसान न पहुंचाएं और ऑफिस का माहौल ना खराब करें।

माहिरा को भरोसा दिया गया कि उसकी जांच 90 दिनों में पूरी कर ली जाएगी। जांच पूरी होने पर यदि आरोपी दोषी पाया जाता है तो कमेटी या तो उसके खिलाफ कारवाई (काम से हटाने या पुलिस में शिकायत) करेगी या पीड़ित को जुर्माना देने पर फैसला करेगी। पूछताछ खत्म होने के 10 दिनों के भीतर यह कारवाई की जाती है।

इसके बारे में आईसीसी आरोपी और शिकायतकर्ता दोनों या इसमें शामिल अन्य पार्टियों को सूचित करती है।

नियमों के अनुसार आईसीसी द्वारा दंड की सिफारिश मिलने के 60 दिनों के अंदर ही एम्प्लायर को उसे दंड देना चाहिए।

यौन उत्पीड़न में क्या-क्या  शामिल है

माहिरा का केस बिल्कुल सीधा था। उसके कलीग ने उसे गलत तरीके से छुआ। इसे यौन उत्पीड़न माना जाता है। लेकिन कभी-कभी चीजें थोड़ी पेचीदा हो सकती हैं।

इस अधिनियम के तहत निम्न कार्य यौन उत्पीड़न में शामिल हैं:

  • फिजिकल कांटेक्ट और जबरदस्ती छूने की कोशिश
  • सेक्स के लिए कहना या रिक्वेस्ट करना 
  • यौन टिप्पणी करना
  • पोर्नोग्राफी दिखाना
  • गंदे इशारे करना या भद्दी बातें कहना

इसमें ये भी शामिल हैं:

  • महिला पर नौकरी में प्रमोशन के लिए सेक्स का दबाव डालना या नौकरी छीनने की धमकी देकर सेक्स करने पर मजबूर करना
  • उसे वर्तमान या भविष्य में नौकरी को लेकर धमकी देना
  • उसकी सेहत और सुरक्षा को नुकसान पहुंचाने की कोशिश करना
  • उसके काम में दखल देने, उसे डराने धमकाने और अपमानित करने के साथ-साथ  काम के माहौल को खराब करना

वर्कप्लेस क्या है?

यदि ऑफिस के किसी पार्टी में माहिरा का कलीग उसका यौन उत्पीड़न करता है तो उस स्थिति में क्या होगा? रोकथाम, निषेध और निवारण अधिनियम, 2013 के अनुसार वर्कप्लेस का मतलब सिर्फ़ फॉर्मल ऑफिस ही नहीं है बल्कि इसमें स्कूल, हॉस्पिटल, घर (घरेलू नौकरों के लिए), ऑफ साइट क्लाइंट लोकेशन, ऑफिस ट्रिप्स और पार्टियां भी शामिल हैं। यह भी जरूरी है कि हर एम्प्लायर अपनी महिला कर्मचारियों के लिए किसी भी ऑफ साइट या पार्टियों के लिए आने-जाने (ट्रांसपोर्टेशन) की सुविधा मुहैया कराए।

इन ज़रूरी बातों का रखें ध्यान

  1. माहिरा ने एक महीने तक का इंतज़ार किया क्योंकि अब वो और स्ट्रेस नहीं झेल सकती थी। लेकिन बहुत लंबे समय तक इंतज़ार करना अच्छा नहीं है। यदि आपके साथ यौन उत्पीड़न होता है तो आपको तुरंत या तीन महीने के अंदर आईसीसी में लिखित शिकायत दर्ज़ करानी चाहिए।
  2. यदि आप ख़ुद शिकायत नहीं लिख पा रही हैं तो आईसीसी शिकायत लिखने में आपकी मदद कर सकता है।
  3. आईसीसी तीन महीनों के अंदर शिकायत दर्ज़  कराने के अपने नियम में छूट दे सकता है अगर उसे लगता है कि किसी परिस्थिति के कारण पीड़ित महिला निश्चित समय के भीतर शिकायत नहीं दर्ज़ करा पायी।
  4. क्या माहिरा को पता था कि उसके ऑफिस में आईसीसी है? बिल्कुल नहीं,  उसे ऑफिस के एचआर से पूछने पर इसके बारे में पता चला। हालांकि, यह एम्प्लायर (कंपनी) की जिम्मेदारी है कि वे अपने यहां काम करने वाले लोगों को आईसीसी के बारे में बताए और ट्रेनिंग का संचालन करके उन्हें सही गाइडेंस दें। साथ ही ऑफिस में एक नोटिस भी लगाएं जिसमें यौन उत्पीडन करने वाले लोगों के लिए दंड के क्या नियम हैं इस बारे में बताया गया हो।
  5. इस अधिनियम में किसी उकसावे या ग़लत इरादे से की गई शिकायत अथवा झूठी शिकायत की जांच का भी नियम है और यह अधिनियम आईसीसी को ऐसे शिकायतकर्ता के ख़िलाफ़ कार्यवाही करने का अधिकार देता है। हालांकि  शिकायतकर्ता द्वारा खुद के यौन शोषण के दावे को सिद्ध न कर पाने अथवा यौन शोषण के पर्याप्त सबूत न दे पाने की स्थिति में उसके ख़िलाफ़ किसी भी प्रकार की कार्यवाही का नियम नहीं है।

सभी वर्किंग विमेन (कामकाजी महिलाओं) के लिए यह ज़रूरी है कि वे इस एक्ट के बारे में जानें और ज़रूरत पड़ने पर इसका प्रयोग करें।

इस आर्टिकल को अपने सभी महिला कलीग्स (सहकर्मियों) के साथ शेयर करें और पता करें कि क्या आपके ऑफिस में आईसीसी है? अभी पता करें!

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