आंटी जी कहती हैं... तो मेरी लाडो चुप क्यों रहना है? जो तेरा मन आये कहना और जो तेरे मन में आये करनाI तुझे किसी ने बुरा महसूस करवाया है और अब उसे भी वही महसूस करवाने में तुझे कोई कसर नहीं छोड़नी चाहिएI
तेरी गलती नहीं है
उससे यह पूछने का तो कोई फायदा नहीं होगा की वो तेरे घर में क्या कर रहा हैI यह तो साफ़ है कि उसे तेरे माता-पिता ने बुलाया होगा जिन्हें अतीत की कोई जानकारी नहीं होगीI पहले कुछ बातें साफ़ कर देती हूँI तुम दोनों के बीच जो भी हुआ उसके लिए तू ज़िम्मेदार नहीं है और ना ही उसमे तेरी कोई भी गलती थीI तू एक छोटी बच्ची थी और वो एक व्यस्क, जिससे होना ज़िम्मेदार चाहिए था लेकिन वो निकला एक मक्कार आदमीI
यह सोचने की गलती भी मत करना कि तूने उसे उकसाया होगा या कुछ ऐसा किया होगा जिससे उसने ऐसा कियाI यह बिलकुल सच नहीं हैI शोषण का आकर्षण या काम इच्छा से कोई सम्बन्ध नहीं है, यह तो पूरी तरह ताकत पर आधारित होता हैI साला कमीना!
हज़ारों अनकहे डर
तूने कहा कि तूने यह किसी को नहीं बतायाI बताती भी कैसे? बच्चों को तो ऐसी बातें बताते हुए ना सिर्फ़ डर लगता है बल्कि शर्म भी आती है और कई बार तो उन्हें समझ ही नहीं आता कि हो क्या रहा हैI शायद उन्हें यह भी लगता है कि लोगों के लिए उनकी बात को समझना और विश्वास करना मुश्किल होगाI
ऐसी स्थिति में ना जाने एक बच्चे के मन पर क्या बीतती होगीI बच्चों को यह भी लगता होगा कि उनके बताने से कहीं उस व्यक्ति और उनके परिवार के बीच के रिश्तों में खटास ना आ जाएँI यह सारी बातें ठीक हैं लेकिन कोई मुझे यह बताये कि तेरी क्या गलती थी कि तेरा किसीने शोषण किया? कैसे? ज़रा कोई यह बात आंटी जी को भी समझाए!
तेरा फैसला
तो रानीखेत की रानी क्या सोचा है अब? कैसे निपटेगी इससे? वैसे तू चाहे तो घर पर भी रह सकती है या अपने माँ-बाप को पूरी बात बताकर अपने किसी दोस्त के घर रहने जा सकती हैI एक तरीका यह भी है कि तू घर पर ही रह और उसको पूरी तरह नज़रअंदाज़ कर देI उसको ज़रा भी इज़्ज़त देने की ज़रुरत नहीं हैI लेकिन तेरे माता-पिता को तेरा बर्ताव अच्छा नहीं लगेगा, उनको क्या बताएगी मेरी लाडो?
वैसे तू उसकी सिट्टी-पिट्टी भी गुम कर सकती हैI बस उसके पास जाकर धीरे से यह बोलना है कि तू उसकी काली करतूतों को भूली नहीं हैI
अगर किसी ने हमारे साथ दुर्व्यवहार किया हो तो उससे आमने-सामने बात करना आसान नहीं होताI यह काफ़ी भावात्मक हो सकता हैI ज़रूरी नहीं है कि कोई बवाल खड़ा करना है बस उसके पास जाकर धीरे से यह बोलना है कि तू उसकी काली करतूतों को भूली नहीं है और उसकी सिट्टी-पिट्टी गुम हो जायेगीI
उसको तड़पने दे
बेटा, तू अकेली नहीं हैI आज तूने यह सवाल पूछकर हमारे देश के कई युवा लड़को और लड़कियों की मदद की है क्यूंकि जब वो यह पढ़ेंगे तो ना सिर्फ़ काफ़ी कुछ सीखेंगे बल्कि उन्हें यह भी समझ आ जाएगा कि वो कमज़ोर नहीं हैI मैं तो तुझे यह सुझाव दूँगी कि तुझे किसी फोरम का हिस्सा बनकर अपनी बात उन सबके सामने लानी चाहिए जो तेरे करीब हैंI अपनी भावनाओं को अंदर मत रखI
इसके लिए तुझे शर्मिंदा महसूस करने की कोई ज़रुरत नहीं हैI शर्मिंदा तो उसे होना चाहिए और उसके साथ-साथ उसे डर भी लगना चाहिएI वो बस यही सोच-सोच कर अंदर ही अंदर घुटता रहेगा कि कहीं मिनी ने किसी को बता तो नहीं दिया? क्या होगा अगर बता दिया होगा तो? क्या कहूंगा अगर उसने मुझसे पुछा तो? क्या जवाब दूंगा अगर भैया(तेरे पिता जी) भाभी पूछेंगे तो? उसको इसी घबराहट के साथ जीने दे मिनी!
यह मौका हाथ से मत जाने देना
तू एक बहुत ही समझदार और मज़बूत लड़की हैI आज अपनी बात कहकर तू ना जाने कितने लड़के और लड़कियों की आवाज़ बनी हैI आगे बड़ और वो कर जो तुझे ठीक लगता है और सबक सिखा दे अपने अंकल कोI आज तेरे पास शक्ति है और इस मौके को गंवाना नहीं हैI
लेखिका की गोपनीयता बनाए रखने के लिए फोटो में मॉडल का इस्तेमाल किया गया हैI