आंटीजी कहती हैं...उदय बेटा, बात तेरी बिलकुल सही है। आजकल ये बड़ा मामला बन गया है और सचमुच लोगों की इस बारे में तरह तरह की राय हैं। खैर...देखते हैं...
तो टिंडर की कहानी ये है की ये मोबाइल की एक एप्लीकेशन है जो आपकी फेसबुक प्रोफाइल से जानकारी निकाल कर आपके इर्द गिर्द आपके किये उपयुक्त लड़के या लड़कियों की खोज करके आपके सामने ले आता है।
बताओ बेटा टेक्नोलॉजी कहाँ पहुँच गयी! अब प्यार करने के लिए और साथी ढूँढने के लिये स्मार्ट फोन और स्मार्ट एप्लीकेशन चाहिए, चाहे आप स्मार्ट हों न हों, हैं जी?
ऑनलाइन भरोसा
देखो बेटे ये बात तो सच है कि आजकल लोगों पर भरोसा करना मुश्किल है, और कंप्यूटर या फोन के ज़रिये तो और भी ज्यादा। यही बात है जो ऐसी वेबसाइट या एप्लीकेशन पर सवाल खड़ा कर देती है। इंटरनेट पर बनी प्रोफाइल सच हैं या नहीं ये पता करना थोड़ा मुश्किल तो होता ही है।
तो क्या पता कि आप इस फोन एप्प वाले व्यक्ति के साथ जुड़ाव महसूस करने लगो और सच ये हो कि वो सिर्फ ये प्रोफाइल मज़ाक और टाइमपास के लिए बना के बैठा हो। आप इस ऑनलाइन रिश्ते को अपना पूरा समय और रूचि दे रहे हों जबकि असल में हो सकता है कि ये प्रोफाइल ही फर्जी हो, ऐसा संभव है ना बेटे?
इन ऍप्स की अच्छी बात ये है कि इनके ज़रिये इतना बड़ा संसार अब आपकी उँगलियों में सिमट सा जाता है। जिन लोगों से आप ज़िन्दगी में कभी न मिल पाते, उनसे अब आप मोबाइल की एप्लीकेशन के ज़रिये मिल सकते हैं।
ऑनलाइन मुलाकात ऑफलाइन सेक्स
और अब बात आती है सेक्स की। मैं जानती हूँ कि उस तरह की डेटिंग साइट्स पर सेक्स का टॉपिक अक्सर जल्दी ही आ जाता है, कब, कैसे और कहाँ जैसे सवालों के साथ। मुझे कोई आपत्ति नहीं है- लेकिन ये बात आप सब जानते हो बेटा कि आंटीजी हमेशा सुरक्षित सेक्स पर ज़ोर देती हैं।
अब बात ये है कि केवल कंप्यूटर और फोन से किसी बन्दे को जानकर आप उनसे अकेले मिलने का फैसला करते हो, मामला इधर का उधर भी तो हो सकता है। क्या पता कि वो व्यक्ति असल में अजीब और असामान्य हो, उसकी हरकतें ऐसी हों जिनकी आपको उम्मीद नहीं थी, आपके साथ ज़बरदस्ती करने लगे या बाद में आपको ब्लैकमेल करने लगे...फिर क्या??
क्या करें और क्या नहीं करें
बेटा जी मैं ये मानती हूँ कि ये डेटिंग ऍप्स नए लोगों से मिलने का लाजवाब जरिया है, लेकिन अगर समझदारी और संयम बरता जाये तो! अब आप पूछोगे कि किस तरह की समझदारी? आप अपने आप को जानते हो, लेकिन दूसरे व्यक्ति के दिमाग में क्या चल रहा है ये आप शुरुवात में शायद न समझ पाओ, इसलिए यहाँ कुछ टिप्स हैं- क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए।
- सबसे पहली बात, नाम तक तो ठीक है, लेकिन अपनी व्यक्तिगत जानकारी जैसे नंबर, घर का पता या ऑफिस का पता देने में जल्दबाज़ी न करें, बिलकुल नहीं।
- प्यार में पड़ने की जल्दबाज़ी ना करें, ये डेटिंग और मीटिंग साईट हैं, अपने सारे विकल्प देखें और आराम से चुनें।
- अपने पत्ते सही तरीके से खेलो- कई लोगों से मिलो, कई साइट्स का इस्तेमाल करो, अपने विकल्पों को बढ़ाओ और जो सबसे अच्छा लगे उसके साथ बात आगे बढ़ाओ, बाकि को विनम्रता से मना कर दो।
- निराशा और अस्वीक्रति के लिए भी तैयार रहें, कोई और आपको भी नापसंद कर सकता है। ऐसा होने पर दुखी न हों और उसका पीछा न करें।
उदय बेटे, लोगों से मिलने के जरियों से मुंह मोड़ने की ज़रूरत नहीं है। अगर अकेले नहीं तो ग्रुप में नए लोगों से मिलो। बिना जल्दबाज़ी किये उस इंसान को तलाशो जिस से वाकई दिल के तार मिल सकें, क्योंकि असल ख़ुशी उसी में मिलेगी! अपने आँख कान खोल बेटा और अपनी प्रोफाइल बना के तैयार हो जा!