अगर अकेले रहने की संभावना के बारे में सोचकर आपको रात को नींद नहीं आती तो शायद आप अकेले रहने से डरते हैंI सुनने में काल्पनिक लग रहा है? लेकिन टोरंटो विश्विद्यालय में की गयी रिसर्च के अनुसार यह एक बेहद सामान्य और वास्तविक समस्या हैI
मूल रूप से अकेले रहने का डर का मतलब है कि इस बात को लेकर परेशान,आशंकित और तनावग्रस्त रहना कि आप वर्तमान में किसी रिश्ते में नहीं हैं और भविष्य में भी नहीं होंगेI
कुछ नहीं से तो कुछ होना अच्छा
शोधकर्ताओं का तर्क यह था कि अगर कोई व्यक्ति अकेला नहीं रह पाता तो वो एक ऐसे साथी के साथ रिश्ते में बंध सकता है जो उसके अनुरूप नहीं होगा क्योंकि उन्हें लगता है कि किसी के साथ भी रिश्ते में होना अकेले रहने से बेहतर हैI
अपनी इन अटकलों को परखने के लिए सबसे पहले शोधकर्ताओं को एक ऐसा तरीका ढूंढना था जिससे वो अकेले रहने के डर को माप सकेंI तो उन्होंने करीब 150 पुरुष और महिलाओं को अपने एकाकीपन से जुड़ी भावनाओं के बारे में बताने को कहाI
जिन लोगों को अकेले रहने में कोई परेशानी या डर नहीं था उनकी संख्या 40 प्रतिशत से भी कम थीI इसका मतलब यह था कि बाकियों को अकेले रहने में कोई ना कोई डर ज़रूर थाI उनका सबसे बड़ा डर था कि उन्हें कोई भी ऐसा साथी नहीं मिलेगा जिसके साथ वे ज़िन्दगी गुज़ार सकें और अंतरंग हो सकेंI
कम में मानना
सारे जवाबों का आकलन करने के बाद शोधकर्ताओं ने एक प्रश्नावली तैयार कीI उसके बाद उस प्रश्नावली की मदद से उन्होंने यह जानने की कोशिश की कि अकेले रहने के डर से लोगों के रिश्तों पर क्या असर पड़ता हैI तो क्या पता चला उन्हें?
रिसर्च ने दर्शाया कि जो लोग अकेले रहने से घबराते हैं वो एक ऐसे रिश्ते पर निर्भर हो जाते हैं जो इतना अच्छा नहीं निकलता जितना वो चाहते थेI लेकिन वो फ़िर भी उसी साथी के साथ रिश्ता निभाते रहेंगे क्योंकि उनके अनुसार अकेले रहने से अच्छा किसी रिश्ते में रहना हैं फ़िर चाहे वो रिश्ता कितना भी खराब ही क्यों ना होI
जो अकेले रहने से सबसे ज़्यादा डरते हैं उनका संभावित साथी अक्सर एक ऐसा व्यक्ति होता है जो उनकी तुलना में बेहद कम होता हैI उदाहरण के लिए ऑनलाइन डेटिंग को ही देख लीजिये- घबराये हुए सहभागी उन लोगों को पसंद करते हैं जो ना तो आकर्षक होते हैं और ना ही ज़िम्मेदार और ना ही ऐसे साथियों से किसी भी प्रकार का सहयोग मिलता है, ऐसा पता चला रिसर्च सेI एक स्पीड डेटिंग समारोह (जहाँ पर आपको एक साथ कई लोगों को डेट करने का मौक़ा दिया जाता है) के दौरान भी यही सामने आया कि जिन लोगों को अकेले रहने कर डर ज़्यादा लगता था वही लोग किसी को भी डेट करने के लिए तैयार थेI
चुनाव सोच समझ कर करें
ऐसे समय पर आप अपने आप से यह सवाल ज़रूर करते हैं कि अकेले तो कोई भी नहीं रहना चाहता, तो क्या यह उम्मीद रखना सामान्य नहीं है कि आप एक प्यार भरे रिश्ते में रहे जो ज़िंदगी भर चले? लेकिन रिसर्च से पता चला कि रूमानी रिश्ते की चाह रखना और हमेशा यह सोच कर तनावग्रस्त रहना कि आपको कोई साथी ही नहीं मिलेगा, दो अलग बातें हैंI
अगर आपको अकेले रहने से घबराहट हो रही है तो इस बात का ध्यान रखें कि आप गलत साथी का चुनाव ना कर बैठेंI आप ज़िन्दगी भर नाखुश रहेंगेI मस्त रहें और ध्यानपूर्वक चुनाव करें- आखिर आप भी तो अनमोल हैंI
सन्दर्भ: सेटलिंग फॉर लेस्स आउट ऑफ़ फियर ऑफ़ बीइंग सिंगलI (2013). जे पर्स सोक साइक. 105(6):1049-73
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