आंटी जी कहती हैं.... ओह्हो यह तो सारे पुरुषों की पसंदीदा समस्या होगी। यह तो वही बात हुई जैसे 'पड़ोसी जले और हम पकोड़े तले'
बड़ा है तो बेहतर है, शायद नहीं
कितनी अजीब बात है कि जहाँ एक ओर तेरा बॉयफ्रेंड अपने पूर्वजों से मिली इस विरासत पर गर्व महसूस करता होगा, वही दूसरी और तेरे लिए यह एक समस्या का विषय है? वैसे तो हर किसी को यही लगता है कि "बड़ा होगा तो बेहतर होगा" और ना जाने कितनी बार मैंने लोगो को इस पर लोग बहस करते सुना हैI लेकिन एक बार उनकी भी राय जान लेनी चाहिए ना जिन पर इसका सीधा असर पड़ता है, जैसे हम महिलाएंI
ज़रूरी नहीं कि हर अनुभव यादगार हो, है ना? और वैसे भी 'बड़ा है तो बेहतर है' टीवी के लिए ठीक है, हमारे शरीर और हमारे अंगो के लिए नहींI एक शिश्न के लिए तो शायद बिलकुल नहींI मुझे तो यह भी लगता है कि शिश्न का आदर्श साइज क्या होना चाहिए, यह हमेशा एक विवादस्पद मुद्दा रहेगाI
अच्छी शुरुआत ज़रूरी है
देख मीता अगर शिश्न ज़्यादा बड़ा हो तो इन चार स्वर्णिम नियमों को गाँठ बाँध लेI फोरप्ले पर ख़ास ध्यान देना महत्त्वपूर्ण है और यह भी ज़रूरी है कि शुरुआत अच्छी होI तुम कोशिश करना कि तनाव दूर रहे, एरोमा थेरेपी और मूड लाइटिंग (कमरे की बत्तियों ऐसी हो जो इंद्रियों को सुख दें) इसमें काफी मददगार सिद्ध हो सकते हैंI तेरे बॉयफ्रेंड को भी यह समझना पड़ेगा कि महत्त्व बड़े शिश्न का नहीं बल्कि इस बात का है कि आप अपने साथी को कैसे ख़ुशी दे पाते होI
इसके लिए यह अत्यन्त मजत्त्वपूर्ण है कि तुम दोनों बिलकुल तनावमुक्त रहो और थोड़ा सब्र से काम लो, क्यूंकि किसी भी तरह की जल्दबाज़ी तुम दोनों ही के लिए ठीक नहीं होगीI जो भी कर रहे हो उसका आनंद लो और पूरी प्रक्रिया के उस एहसास के मज़े उठाओI यह कभी मत सोचना कि सेक्स का मज़ा तो प्रवेश करने में ही है क्यूंकि इस प्रवेश करने के दबाव से तुम पूरी तरह आनंद उठाने से वंचित रह जाओगेI सवाल यह है कि क्या तुम लोग यह कर पाओगे?
चिकनाई ही सच्ची साथी
मेरी प्यारी मीता, इस परिस्थिति में कंडोम और पानी पर आधारित लुब्रीकेंट ही तेरे सबसे मददगार साथी हैं। आजकल इस तरह के उत्पाद बाजार में आसानी से उपलब्ध हैं। मेडिकल स्टोर से इन्हें बिना किसी शर्म या झिझक के खरीदना शुरू कर दे।
लुब्रीकेंट और कंडोम लिंग के प्रवेश को पीड़ा रहित बनाने में बहुत उपयोगी सिद्ध होते हैं। ये भी ज़रूरी है कि तुम दोनों जल्दबाज़ी में ये सब न करो बल्कि थोडा इत्मिनान बरतो।
तुझे खुद को विचलित होने से बचाना है। अक्सर लड़कियां लिंग प्रवेश, लिंग आकार, अनचाहे गर्भ और अपराधबोध से परेशान रहती हैं। यह डर अनजाने में योनि की मासपेशियों में खिंचाव पैदा करता है और लिंग भेदन अधिक कष्टदायक और मुश्किल बन जाता है।
आदर्श आसन
एक और ज़रूरी बात है नए आसनों को आज़माना। लिंग प्रवेश और आनंद के लिए तुम दोनों को निरंतर कुछ नया आज़माने का प्रयास करते रहना चाहिए। किसी विश्वसनीय वेबसाइट या पुस्तकों के ज़रिये तुम इस सम्बन्ध में और जानकारी अर्जित कर सकते हो। मेरी बात पर यकीन कर पुत्तर, बाजार में कुछ पुस्तकें केवल लिंग आकार और सेक्स आसनों के बारे में ही हैं। उन्हें देख और अपनी आवश्यकता के अनुसार जीवन में ढाल।
ये हमेशा याद रखना कि सेक्स सहजता और आराम से किया जाये तो अधिक आनंददायी होता है। सबसे ज़रूरी है कि दोनों साथियों के बीच खुलकर बातचीत हो, बिना किसी झिझक के। अब आकार कम करने के लिए वो लिंग को काट कर छोटा तो कर नहीं सकता न पुत्तर, है ना?
पैकेज डील
अब इस लड़के की सोच। अपने दोस्तों के समूह में वो बड़े आकार के चलते वो खुद को एक सुपरमैन समझता है लेकिन उसकी गर्लफ्रेंड इस बड़े आकार को देख कर भाग खड़ी होती है। अजीब सी बात है ना?
बड़ी अनोखी समस्या है, है ना सर जी? ज़रा थोडा प्यार बरसाओ, कुछ शरारती बातें करो। याद रखो सेक्स तभी मज़ेदार है जब इसे एक काम की तरह करने की बजाय सकारात्मक संवाद के ज़रिये दोनों इसका लुत्फ़ उठाएं। ये कोई परीक्षा नहीं है।